जर्मनी: जलवायु परिवर्तन के लिए दोषी ठहराये जाने से नाराज किसान 5000 ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर उतरे

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जर्मनी: जलवायु परिवर्तन के लिए दोषी ठहराये जाने से नाराज किसान 5000 ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर उतरे

जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार ठहराये जाने से नाराज जर्मनी के किसानों का प्रदर्शन अब पूरे देश में फैलता जा रहा है। 13 नवंबर को किसान जब 4000 ट्रैक्टर लेकर हैमबर्ग पहुंचे तो शहर में अफरा-तफरी मच गई थी। और किसान अब 5000 से ज्यादा ट्रैक्टर लेकर जर्मनी की राजधानी बर्लिन पहुंच चुके हैं। इससे पहले 22 अक्टूबर को बॉन शहर में भी ऐसे हजारों किसान ट्रैक्टर लेकर पहुंचे गये थे।

किसान इस बात को लेकर नाराज हैं कि सरकार जलवायु परिवर्तन के लिए उन्हें दोषी मान रही है। जर्मनी सरकार ने कहा है कि किसान अपने खेतों में बहुत ज्यादा कीटनाशक और दवाओं का प्रयोग कर रहे हैं जिसका जलवायु पर विपरीत असर पड़ रहा है। हालांकि किसानों का कहना है कि सरकार को इसके लिए मजबूत और ठोस कदम उठाने चाहिए।

सरकार ने क्या कहा

समाचार पोर्टल आरटी डॉट कॉम के अनुसार जर्मनी की कृषि मंत्री यूलिया क्लोएकनर ने पिछले महीने कहा था, "कृषि नीति को बदलना बहुत जरूरी है। अब सरकार तय करेगी कि खेतों में कितना उर्वरक और कीटनाशकों का छिड़काव होगा। मात्रा इतनी ही होगी जिससे जमीन और नदी को नुकसान न पहुंचे।"

वहीं पर्यावरण मंत्री स्वेन्या शुल्त्स ने कहा, " कीटों की रक्षा करने की जरूरत की ओर ध्यान दिलाया है। खेतों में कीटों के अलावा चिड़ियों की संख्या भी घट रही है जिसका हमें भारी नुकसान हो रहा है।"

अक्टूबर महीने की 21 तरीख को बॉन शहर में लगभग 8000 किसान 800 ट्रैक्टर लेकर जुटे थे। मीडिया रिपोर्टस की मानें तो जर्मन सरकार ने पर्यावरण को बचाने के लिए खेतों में नाइट्रेट के प्रयोग को सीमित करने का फैसला लिया है। किसानों में इसी बात को लेकर नाराजगी है और इसके विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसानों के संगठन राइनलैंड एग्रीकल्चरल एसोसिएशन के प्रमुख बर्नहार्ड कोनत्सेन का कहना है, "आधिकारिक नियमों की जो बाढ़ आ गई है उसका अंत होना चाहिए।"

वे आगे कहते हैं, " नये नियमों से बहुत तरह की परेशानी खड़ी होगी। जो किसान खेती को व्यवसाय के रूप में करते हैं उन्हें बहुत नुकसान होगा। ऐसे में अगर खेती को बचाया नहीं किया तो ये पूरा क्षेत्र ही संकट में आ जायेगा।"

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