गन्ना किसानों के लिए बड़ी खबर: कैबिनेट ने एफआरपी 20 रुपए प्रति कुंटल बढ़ाया
सरकार आगामी पेराई सीजन 2018-19 के लिए गन्ना का एफआरपी 275 रुपये प्रति क्विंटल तय कर दिया है।
गाँव कनेक्शन 18 July 2018 10:02 AM GMT
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों को तोहफा दिया है। सरकार ने गन्ना के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में बीस रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि कर दिया है। सरकार आगामी पेराई सीजन 2018-19 के लिए गन्ना का एफआरपी 275 रुपये प्रति क्विंटल तय कर दिया है। केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मोदी सरकार गन्ना किसानों के बारे सोच रही है। बढ़ा हुआ एफआरपी अक्टूबर से लागू होगा। उन्होंने कहा, गन्ने के एफआरपी में में करीब 77 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है।
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— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) July 18, 2018
केंद्र सरकार ने किसानों को एक और सौगात का एलान करते हुए अगले पेराई सत्र 2018-19 (अक्टूबर-सिंतबर) के लिए गन्ने का लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 20 रुपये प्रतिक्विंटल बढ़ाकर 275 रुपये प्रतिक्विं टल कर दिया है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बुधवार को गóो के एफआरपी में वृद्धि को मंजूरी प्रदान की। मंत्रिमंडल की बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, "गन्ने का अनुमानित लागत मूल्य महज 155 रुपये प्रति क्विंटल है लेकिन हमने एफआरपी 275 रुपये प्रति क्विं टल तय किया है। यह उत्पादन लागत से 77.42 रुपये प्रति क्विं टल अधिक है।"एफआरपी गन्ने का कानूनी तौर पर किसानों को दी गई गांरटी के तहत तय न्यूनतम मूल्य है। चीनी उद्योग संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने अगले सीजन 2018-19 में 350-355 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान लगाया है। प्रसाद ने कहा कि वर्ष 2018-19 में गन्ना उत्पादकों को गन्ने के लिए कुल 83,000 करोड़ रुपये पारिश्रमिक मिलने का अनुमान है।
सरकार ने कुछ समय पहले ही धान सहित खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि करने की घोषणा की थाी। इसके साथ ही कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने अगले सत्र के लिए गन्ना के एफआरपी में 20 रुपये प्रति क्विंटल वृद्धि कर इसे 275 रुपये प्रति क्विन्टल कर दिया है। भारत से चीनी उद्योग को समृद्ध करने का प्रयास है। ऊर्जा के लिए चीनी उद्योग का सहारा लिया जाएगा। एथनॉल बनाने पर जोर होगा। एथनॉल के दाम भी बढ़ाए जाएंगे।
इसके पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चीनी उद्योग के लिए 8,500 करोड़ रुपये के राहत पैकेज को मंजूरी दी। इसमें मिलों को एथनॉल उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए सस्ते ऋण की 4,500 करोड़ रुपये की सुविधा तथा चीनी का 30 लाख टन का बफर स्टॉक बनाने की योजना भी शामिल है। बफर स्टाक बनने से चीनी उत्पादन में भारी वृद्धि के करण इस समय आपूर्ति की बाढ़ की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी और मिलें किसानों को गन्ने का बकाया भुगतान करने की बेहतर स्थिति में होंगी।
इस दाम पर ही खरीदती हैं चीनी मिल
गन्ने की कीमत हर साल खेती का सीजन शुरू होने से पहले घोषित की जाती है। इसे फेयर एंड रीम्यूनेरेटिव प्राइस कहते हैं। चीनी मिल इस कीमत पर ही किसानों से गन्ना खरीदती है।
#CCEA approves proposal for continuation of Pre-Matric, Post Matric and Merit-cum-Means based Scholarship Schemes for the students belonging to the six notified Minority Communities during 2017-18 to 2019-20@HRDMinistry @PrakashJavdekar pic.twitter.com/f1vXR4MNbp
— PIB India (@PIB_India) July 18, 2018
मंत्रिमंडल ने अल्पसंख्यकों के लिए 70 लाख छात्रवृत्ति स्वीकृत की
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 2020 तक की प्री-मैट्रिक, पोस्ट-मैट्रिक और मेरिट-कम-मीन्स आधारित योजनाओं के अंतर्गत अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों के लिए 70 लाख छात्रवृत्ति के प्रावधानों को मंजूर किया। केंद्रीय कानून व न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इन तीनों योजनाओं के अंतर्गत वर्ष 2017-18 के दौरान इन वर्गो के छात्रों के लिए 60 लाख छात्रवृत्ति मुहैया कराई गई। उन्होंने कहा, "70 लाख छात्रवृत्ति के अगले लक्ष्य को पूरा करने के लिए, कुल 5,338.32 करोड़ रुपये खर्च होंगे।" मंत्री ने यह भी कहा कि डुप्लीकेशन और अन्य समस्या से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग लाभार्थियों के खाते में सीधे छात्रवृत्ति भेजने के लिए किया जा रहा है।
बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया होगी असान
बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने के लिए जिलाधिकारी को ही फाइनल अथॉरिटी बनाने का फैसला किया है। इसके लिए जल्द ही जूवेनाइल जस्टिस ऐक्ट में संशोधन किया जा सकता है। इसके बाद गोद लेने की मंजूरी के लिए सक्षम अधिकारी सिविल कोर्ट की बजाय डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट होंगे।
देवरिया के सलेमपुर में मेडिकल कॉलेज को केंद्र की स्वीकृति
मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने केंद्र प्रायोजित योजना के चरण 2 के अंतर्गत 250 करोड़ रुपये की लागत से देवरिया में नया मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को बुधवार को स्वीकृति दे दी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जारी बयान के अनुसार, "वर्तमान जिला/रेफरल अस्पतालों से जुड़े नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए केंद्र प्रायोजित योजना के चरण 2 के अंतर्गत प्रत्येक तीन संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में एक मेडिकल कॉलेज तथा प्रत्येक राज्य में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का मानक अपनाया गया। इसी के अनुसार उत्तर प्रदेश में आठ मेडिकल कॉलेजों सहित 24 अतिरिक्त मेडिकल कॉलेजों की आवश्यकता को स्वीकृति दी गई है।"
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