गोरखपुर : प्रिंसिपल नहीं, उनकी पत्नी चलाती थीं अस्पताल
Manish Mishra 15 Aug 2017 1:43 PM GMT
लखनऊ। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी का भुगतान न होने पर बढ़े संकट के बाद हुई बच्चों की मौतों के मामले में भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा रहा। तत्कालीन प्रिंसिपल राजीव मिश्र की पत्नी भी उसी बीआरडी अस्पताल में काम करती थीं, जिनका अस्पताल से होने वाले भुगतान में दखल रहता था।
इस बारे में यूपी के महानिदेशक मेडिकल शिक्षा केके गुप्ता ने गाँव कनेक्शन को बताया, “प्रिंसिपल और उनकी पत्नी एक ही अस्पताल में कार्यरत थे, जो नियमत: गलत था। इस बारे में विधानसभा में भी मामला उठाया था। हम कार्रवाई करने की तैयारी में थे।“
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अस्पताल में गैस विभाग के एक ऑपरेटर ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया, “अस्पताल में जो भी काम होता था, उसमें प्रिंसिपल से ज्यादा उनकी पत्नी की भूमिका रहती थी। उन्हीं के इशारे पर किसी भी कंपनी को भुगतान किया जाता था।“
मेडिकल कॉलेज में पूर्व प्रिंसिपल की पत्नी की दखलंदाजी को यहां के पूर्व बाल रोग विभाग के अध्यक्ष रहे वाईडी सिंह जी भी मानते हैं। “मेरे पास भी ऐसे संदेश आते रहते थे, राजीव मिश्रा जी जो प्रधानाचार्य थे, वो मेरे शिष्य थे, मैंने उन्हें कई बार बताने की कोशिश की, कि समाज में गलत मैसेज जा रहा है, आप ऐसा कोई गलत कदम न उठाएं कि आप की बदनामी हो। ऐसा संदेश न जाए कि आपकी पत्नी का रोल प्रशासन में ज्यादा है।“ वाईडी सिंह ने 1975 में बीआरडी कॉलेज में ज्वाइन किया था। 16 साल विभागाध्यक्ष रहने के बाद उन्होंने 2004 में वीआरएस ले लिया।
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ऑपरेटरों ने बताया था कि तीन दिन की ही बची है गैस
गोरखपुर/लखनऊ। अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन के संकट को भांपते हुए वहां संविदा पर वार्ड नंबर 112 में काम कर रहे तीन सेंट्रल पाइप लाईन ऑपरेटर-कृष्ण कुमार, कमलेश तिवारी, बलवन्त गुप्ता ने विभागाध्यक्ष को 3 अगस्त, 2017 को पत्र लिखकर अवगत कराया था।
पुष्पा सेल्स के मैनेजर दिपांकर ने लिक्विड गैस का पैसा न मिलने की वजह से ऑक्सीजन देने से इनकार कर दिया है, जनहित को देखते हुए कृपा करके लिक्विड आक्सीजन गैस को जल्द से जल्द उपलब्ध कराने की कृपा करें क्योंकि लिक्विड गैस तीन दिन में ही खत्म हो जाएगी।
इस पत्र की प्रतिलिपि प्रधानाचार्य बीआरडी कॉलेज, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक नेहरू चिवि गोरखपुर, विभागाध्यक्ष एनिस्थीसिया विभाग, नोडल अधिकारी एनएचएम मेडिकल कॉलेज गोरखपुर को भी भेजी गई थी।
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इसके बाद इन तीनों संविदाकर्मियों ने दिनांक 10-8-2017 को विभागाध्यक्ष को फिर पत्र लिख कर अवगत कराया, “आज प्रात: 11.20 पर लिक्विड आक्सीजन की रीडिंग 900 है, जो आज रात तक ही सप्लाई हो पाना संभव है। पुष्पा सेल्स के अधिकारी से बार-बार बात करने पर पिछला भुगतान न करने का हवाला देते हुए ऑक्सीजन की सप्लाई को इनकार कर दिया। तत्काल ऑक्सीजन की व्यवस्था न होने पर समस्त वार्डों में भर्ती मरीजों की जान को खतरा है। अत: श्रीमान जी से निवेदन है कि तत्काल ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कराने की कृपा करें।“
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