सरकार ने गिनाईं गेहूं-धान खरीद और मुफ्त अनाज वितरण की उपलब्धियां, राशन कार्ड में नए नाम जोड़ने पर ये आई प्रतिक्रिया

अगर आप राशन कार्ड में अपना नाम जुड़वाने के लिए इंतजार में हैं तो जल्द आप को राहत मिल सकती है। केंद्र सरकार का खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग राशन कार्ड में नाम जोड़ने और हटाने को लेकर राज्यों और केंद्र शाषित प्रदेशों के सुझावों के आधार पर जल्द दिशा निर्देशों को अंतिम रुप दे सकता है।
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नई दिल्ली। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं और धान की खरीद में सरकार ने रिकॉर्ड कायम किया है। रबी विपणन सीजन (RMS 2021-22 ) के दौरान 433.24 लाख मीट्रिक टन की खरीद की गई है, जबकि खरीफ विपणन सत्र-(KMS 2020-21) में 862.01 एलएमटी धान की खरीद हुई है।

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने मीडिया को रबी और खरीफ सीजन में एमएसपी पर हुई खरीद के साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKAY) के कार्यान्वयन में नई पहल और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। 5 जुलाई को दिल्ली में खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के केंद्रीय सचिव शुधांशु पांडे ने बताया, “आरएमएस 2021-22 में पिछले सर्वश्रेष्ठ 389.93 एलएमटी को पार करते हुए 433.24 एलएमटी की रिकॉर्ड गेहूं खरीद की गई। साथ ही पूरे देश में किसानों के खाते में प्रत्यक्ष रूप से 84,369.19 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं जो अब तक सबसे बड़ी रकम है।”

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के मुख्य महाप्रबंधक-(CMD) के साथ मिलकर मीडिया को धान-गेहूं खरीद पर साझा प्रेटेंजेशन भी दिया।

सुधांशु पांडे ने कहा, “खरीफ विपणन सत्र 2020-21 में 04 जुलाई, 2021 तक 862.01 एलएमटी धान की रिकॉर्ड मात्रा में खरीदी गई है, जो पिछले साल की कुल खरीद 770.93 एलएमटी धान से अधिक है। उन्होंने कहा कि यदि खरीद जारी रहती है तो यह आंकड़ा 900 एलएमटी तक पहुंच सकता है।”

पांडे के मुताबिक खरीद वर्ष 2021-22 में पंजाब, बिहार, गुजरात, तेलंगाना, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश ने अब तक के सबसे अधिक खरीद के आंकड़े को पीछे छोड़ दिया है।”

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वर्चुअल बैठक को संबोधित करते खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुधांशु पांडे। फोटो-@FCI_India

धान खरीद की एमएसपी के बदले किसानों के खातों में भेजे गए 1,52,169.30 करोड़

उन्होंने कहा कि धान खरीद से पिछले वर्ष 124.59 लाख किसानों के मुकाबले इस वर्ष में अब तक 127.15 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं और एमएसपी के 1,52,169.30 करोड़ रुपये सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर किए गए हैं।

धान और गेहूं की खरीद की साथ ही दोनों संस्थानों ने कोरोना काल में हो रहे मुफ्त अनाज वितरण योजना के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि केंद्र इस महामारी के समय में लोगों को मुफ्त खाद्यान्न वितरित करने के लिए अब तक की सबसे लंबी कवायद चला रहा है। इस दौरान उन्होंने ये भी बताया कि राशन कार्ड में नए नाम जोड़ने के लिए केंद्र सरकार की तरफ क्या कार्रवाई की जा रही है। पाड़े ने कहा, “विभाग राज्यों और अन्य मंत्रालयों और संबंधित विभागों के साथ विचार-विमर्श के बाद राशन कार्ड लाभार्थियों को शामिल करने और बाहर करने के लिए कारकों की सामान्य सूची के लिए राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों से प्राप्त सुझावों के आधार पर एक आदर्श दिशानिर्देश को बहुत जल्द अंतिम रूप देगा।”

पांडे ने बताया कि पीएमजीकेएवाई योजना के तहत पीएमजीकेएवाई-I और II (अप्रैल 2020 – नवंबर 2020) के दौरान कुल 305 एलएमटी खाद्यान्न उठा लिया गया था। उन्होंने आगे कहा कि पीएमजीकेएवाई -3 के लिए, राज्यों- केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा मई-जून 2021 के लिए दो महीने के लिए कुल 78.26 एलएमटी खाद्यान्न उठाया गया है। अगले पांच महीनों के लिए कुल 198.78 एलएमटी खाद्यान्न आवंटित किया गया है। जिसमें से अब तक 3.99 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उठा लिया गया है।

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के मुतबिक एफसीआई ने 2020-21 के दौरान अब तक का सबसे अधिक 594 एलएमटी खाद्यान्न दूसरी जगह पर भेजा गया है, जबकि 2019-20 के दौरान 389 एलएमटी खाद्यान्न स्थानांतरित किया गया था। एफसीआई द्वारा 25 मार्च 2020 से 31 मार्च, 2021 तक जारी रिकॉर्ड मात्रा में 945.92 एलएमटी खाद्यान्न जारी किया गया है और 01 अप्रैल, 2021 से 30 जून, 2021 के दौरान राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को 208.05 एलएमटी खाद्यान्न जारी किया गया है।

कोरोना काल में केंद्रीय पूल से सामान्य दिनों के 50 एलएमटी मासिक की जगह 77.40 एलएमटी का उठान

पांडे के मुताबिक सामान्य अवधि के दौरान, केंद्रीय पूल से खाद्यान्न का मासिक औसत उठावन लगभग 50 एलएमटी है, जो 2020-21 के दौरान बढ़कर 77.40 एलएमटी प्रति माह हो गया।

पीएमजीकेएवाई 3-4 और एक राष्ट्र एक राशन कार्ड (ONORC) योजना के कार्यान्वयन और प्रगति के बारे में जानकारी देते हुए पांडे ने कहा पीएमजीकेएवाई-3 के तहत लाभार्थियों को मई और जून 2021 के लिए कुल 79.39 एलएमटी (41.85 एलएमटी चावल और 37.54 एलएमटी गेहूं) प्रदान किया गया है। पीएमजीकेएवाई के चरण -4 में, कुल 198.78 एलएमटी (107.58 एलएमटी चावल और 91.20 एलएमटी गेहूं) जुलाई से नवंबर, 2021 महीने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को आवंटित किया गया है। इसके अलावा मासिक सब्सिडी वाला एनएफएसए खाद्यान्न 35 किलोग्राम प्रति एएवाई प्रति परिवार प्रतिमाह है और 5 किलोग्राम प्रति पीएचएच व्यक्ति प्रति माह है।

उन्होंने बताया कि 5 जुलाई तक पीएमजीकेएवाई-3 में कुल 88.9 प्रतिशत यानी लाभार्थियों के बीच 70.6 एलएमटी खाद्यान्न पहले ही वितरित किया जा चुका है।

पीएमजीकेएवाई के चरण-4 (जुलाई से नवंबर 2021) के बारे में आगे बताते हुए, उन्होंने कहा कि राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को 24 जून 2021 तक 5 महीने के लिए 198.78 एलएमटी खाद्यान्न आवंटित किया गया है। जिसमें से 16 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने खाद्यान्न उठाना शुरू कर दिया गया है। राज्यों द्वारा 05 जुलाई, 2021 तक एफसीआई/केंद्रीय पूल से लगभग 4 एलएमटी खाद्यान्न उठा लिया गया है। केंद्र पीएमजीकेएवाई खाद्यान्नों के उठान और वितरण की दैनिक निगरानी और समीक्षा कर रहा है।

एक राष्ट्र एक राशन कार्ड (ONORC) योजना: उपभोक्ताा कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के मुताबिक ओएनओआरसी अब 32 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों जारी है। शेष राज्यों में जल्दजारी होने की उम्मीद है। मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले विभाग ‘खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग’ के सचिव सुधांशु पांडे ने कहा, “ओएनओआरसी के तहत औसतन 1.5 करोड़ मासिक पोर्टेबिलिटी लेनदेन दर्ज किए जा रहे हैं। अप्रैल, मई और जून 2021 के दौरान क्रमशः लगभग 1.4 करोड़, 1.5 करोड़ और 1.35 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनदेन ने एनएफएसए और पीएमजीकेएवाई दोनों योजनाओं के खाद्यान्नों को लगभग खाद्य सब्सिडी के रूप में 3,500 करोड़ रुपये वितरित किए।”

सरकारी बयान के मुताबिक अगस्त 2019 में ओएनओआरसी की स्थापना के बाद से 32 सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 29.3 करोड़ से अधिक पोर्टेबिलिटी लेनदेन हुए हैं, जिनमें से लगभग 21.25 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनदेन अप्रैल की कोविड-19 अवधि के दौरान दर्ज किए गए हैं। 2020 से जून 2021 तक ही ओएनओआरसी के माध्यम से 20,000 करोड़ रुपये की खाद्य सब्सिडी वितरित की।

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राशन कार्ड में नाम जोड़ने के नियमों को जल्द दिया जाएगा अंतिम रुप

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा फर्जी राशन कार्डों को हटाने के बारे में मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए, पांडे ने कहा, “राशन कार्डों को हटाना और जोड़ना राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों का विशेषाधिकार है और कई राज्य और केंद्रशासित प्रदेश एनएफएसए लाभार्थियों की सूची से फर्जी राशन कार्ड धारकों के नाम हटाकर अच्छा काम कर रहे हैं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि पात्र लाभार्थियों को खाद्यान्न योजनाओं का लाभ मिले।”

उन्होंने आगे कहा कि विभाग राज्यों और अन्य मंत्रालयों और संबंधित विभागों के साथ विचार-विमर्श के बाद राशन कार्ड लाभार्थियों को शामिल करने और बाहर करने के लिए कारकों की सामान्य सूची के लिए राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों से प्राप्त सुझावों के आधार पर एक आदर्श दिशानिर्देश को बहुत जल्द अंतिम रूप देगा।”

राशन कार्डों के आधार कार्ड से जोड़े जाने की प्रक्रिया शुरु होने के बाद कई राज्यों में बहुत सारे नाम राशन कार्ड की सूची से हट गए हैं। इस प्रक्रिया में जहां लाखों फर्जी नाम हटाए गए हैं वहीं बहुत सारे ऐसे लोगों के नाम भी कट गए हैं जो राशन के वाजिब हकदार थे लेकिन तकनीकी कारणों से उनका नाम राशन कार्ड में शामिल नहीं हो पा रहा है। कई प्रदेश में लगातार नए नाम शामिल करने की मांग उठ रही है।

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