किसानों के लिए अच्छी खबर : बढ़े गेहूं, चना जैसी कई फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य

सरकार ने गेहूं, चना गेहूं, चना, सरसों, मसूर और जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया, गेहूं के रेट में 105 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी

Divendra SinghDivendra Singh   5 Oct 2018 7:35 AM GMT

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किसानों के लिए अच्छी खबर : बढ़े गेहूं, चना जैसी कई फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य

नई दिल्ली। किसानों के लिए बड़ी ख़बर है। केंद्र सरकार ने बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में रबी की फसलों के न्यूनयम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी का फैसला किया है। आगामी रबी सत्र 2018-19 में किसानों को गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,840 रुपए मिलेंगे। सरकार ने गेहूं समेत २१ फसलों की एमएसपी बढ़ाई है।

मंत्रिमंडल ने 2018-19 विपणन वर्ष के लिए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 105 रुपए प्रति कुंतल की बढ़ोतरी कर इसे 1,840 रुपये प्रति कुंतल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों (एमएसपी) को मंजूरी दी।

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फसल वर्ष 2017-18 में गेहूं का एमएसपी 1,735 रुपए प्रति कुंतल था। एमएसपी को कृषि सलाहकार निकाय सीएसीपी की सिफारिशों के अनुसार बढ़ा दिया गया है और यह फसलों के उत्पादन लागत से कम से कम 50 प्रतिशत ऊंचा मूल्य दिलाने के सरकार की घोषणा के अनुरूप है।

इसी तरह चने का एमएसपी भी 220 रुपए बढ़ाकर 4,620 रुपए कर दिया है। मसूर का 2018-19 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 225 रुपए बढ़कर 4,475 रुपए हो गया है। सरसों का भी दाम 200 रुपए बढ़ाकर 4200 रुपए हो गया है। जौ की फसल का नया एमएसपी 30 रुपए बढ़कर 1,440 रुपए हो गया है। कुसम का समर्थन मूल्य 845 रुपए बढ़कर 4,945 रुपए हो गया है। फसलों के कम दाम मिलने को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं।

सरकार ने बुधवार को गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) छह प्रतिशत बढ़ाकर 1,840 रुपए प्रति कुंतल निर्धारित किया और रबी की अन्य फसलों के एमएसपी में 21 प्रतिशत तक की वृद्धि करने की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने रबी की छह फसलों का एमएसपी बढ़ाए जाने के प्रस्तावों को मंजूरी दी।

विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, "इस फैसले से किसानों को 62,635 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। कुछ माह पूर्व सरकार ने किसानों को उनकी उत्पादन की लागत के डेढ़ गुना के बराबर मूल्य मूल्य दिलाने के अपने वायदे को पूरा करने हुए खरीफ खरीफ की फसलों के समर्थन मूल्य बढ़ाए थे। सरकार कुछ राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों तथा अगले वर्ष के आम चुनाव से पहले किसानों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास कर रही है।

कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि रबी की सभी फसलों के एमएसपी उनकी उत्पादन लागत के 50 से लेकर 112 प्रतिशत तक है। गेहूं का एमएसपी 105 रुपए प्रति कुंतल बढ़ाकर इसे 1,840 रुपए प्रति कुंतल किया गया है। जौ का एमएसपी 30 रुपए प्रति कुंतल बढ़ाकर 1,440 रुपए प्रति कुंतल और जबकि चना का एमएसपी 220 रुपए बढ़ाकर 4,620 रुपए किया गया है।

मसूर का एमएसपी को 225 रुपए बढ़ाकर 4,475 रुपए प्रति कुंतल किया गया है जबकि रेपसीड: सरसों के समर्थन मूल्य 200 रुपए बढ़ाकर 4,200 रुपए प्रति कुंतल, सूरजमुखी का समर्थन मूल्य 845 रुपए बढ़ाकर 4,945 रुपए प्रति कुंतल किया गया है।

रुपए प्रति कुंतल और एमएसपी 1,840 रुपए प्रति कुंतल है जो लागत का 112.5 प्रतिशत बनता है। चना के मामले में एमएसपी, उत्पादन लागत से 75 प्रतिशत अधिक है। मसूर का समर्थन मूल्य उत्पादन लागत से 76.7 प्रतिशत अधिक है जबकि सरसों का एमएसपी उत्पादन लागत से कहीं 90 प्रतिशत अधिक है। जौ के लिए, उत्पादन लागत 860 रुपए है और एमएसपी 1440 रुपए है, जिससे किसानों को 67.4 प्रतिशत आय की प्राप्ति होगी। सूरजमुखी के मामले में, एमएसपी को उत्पादन लागत से 50 प्रतिशत अधिक तय किया गया है।

एमएसपी को कृषि सलाहकार निकाय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के अनुसार बढ़ा दिया गया है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और नाफेड जैसे केंद्रीय और राज्य खरीद एजेंसियां किसानों को रबी फसलों के लिए मूल्य समर्थन प्रदान करना जारी रखेगी। कृषि क्षेत्र में संकट का समाधान करने के लिए, सरकार ने जुलाई में धान एमएसपी को रिकॉर्ड 200 रुपए प्रति कुंतल बढ़ाया था और अन्य खरीफ (ग्रीष्म ऋतु) फसलों में भारी वृद्धि की थी। पिछले महीने, किसानों को एमएसपी सुनश्चिति करने के लिए 15,000 करोड़ रुपए की योजना की घोषणा की गई थी।


किसानों के प्रदर्शन का हुआ असर

फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने के लिए किसान कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे, भारतीय किसान यूनियन की ७ से ज्यादा मांगें मानने का आश्वासन केद्र सरकार से किसानों को मिल गया है। इसके साथ ही किसान क्रांति यात्रा दिल्ली में किसान घाट पर पहुंच कर समाप्त हो गई। किसानों को आधी रात के बाद दिल्ली में प्रवेश की अनुमति मिली थी। किसानों ने कहा उनकी यात्रा सफल रही है।

केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा रबी की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर सरकार ने किसानों से किया अपना वादा निभाया है। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा," 21 फसलों के एमएसपी में उत्पादन लागत से 1.5 गुना या उससे अधिक वृद्धि करने के परिणामस्वरूप वर्ष 2018-19 के दौरान कृषि आय में (रिटर्न के रूप में) 60,000 करोड़ रुपये की वृद्धि प्रदान करेगा। "


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ये थी किसानों की बड़ी मांगे

1-किसानों के लिए न्यूनतम आय तय की जाए। 60 साल की आयु के बाद किसान को 5,000 रुपए प्रति माह पेंशन दी जाए। 2-प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बदलाव किया जाए। इस योजना में किसानों को लाभ मिलने के बजाए बीमा कंपनियों को लाभ मिल रहा है।

3-सरकार पूर्ण कर्जमाफी करें और बिजली के बढ़ाए दाम वापस ले।

4-किसानों को सिंचाई के लिए बिजली मुफ्त में उपलब्ध कराई जाए।

5-दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से ज्यादा पुराने ट्रैक्टरों पर रोक हटा दी जाए।

6-किसान क्रेडिट कार्ड योजना में बिना ब्याज लोन दिया जाए। महिला किसानों के लिए क्रेडिट कार्ड योजना अलग से बनाई जाए। 7-आवारा (छुट्टा) पशुओं से किसानों के फसल को बचाने का इंतजाम किया जाए।

8-जिन किसानों ने खुदकुशी की है, उनके परिजनों को नौकरी और परिवार को पुनर्वास की व्यवस्था हो।

9-स्वामीनाथन कमेटी के फॉर्मूले के आधार पर किसानों की आय सी-2 लागत में कम से कम 50 प्रतिशत जोड़ कर दिया जाए।

10-सभी फसलों की शत-प्रतिशत खरीद की गारंटी दी जाए।

11-खेती में उपयोग होने वाली सभी वस्तुओं को जीएसटी से बाहर की जाए 12-चीनी का न्यूनतम मूल्य 40 रुपए प्रति किलो किया जाए और 7 से 10 दिन के अंदर गन्ना किसानों का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

13-किसानों को पेंशन और गन्ने का बकाया भुगतान किया जाए।

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