केंद्र सरकार ने फिर अपनाया कड़ा रुख, 15 बड़े अधिकारियों को किया जबरन रिटायर
गाँव कनेक्शन 18 Jun 2019 9:20 AM GMT
लखनऊ। केंद्र सरकार ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व कस्टम बोर्ड के 15 बड़े अधिकारियों को जबरन नियम 56 के तहत रिटायर कर दिया गया है। एनएनआई के अनुसार इन सभी अधिकारियों पर पद पर रहते हुए नियमावली के विपरीत कार्य करने का दोषी पाया गया है। सरकार ने जांच के बाद ऐसा करने का निर्णय लिया है।
Government of India compulsorily retires 15 very senior officers of the ranks of Principal Commissioner, Commissioner, Additional Commissioner, & Deputy Commissioner of Central Board of Indirect Taxes and Customs (CBIC) today, under Rule 56 (j) pic.twitter.com/GumYFZkgRr
— ANI (@ANI) June 18, 2019
जिन अधिकारियों को सरकार ने पदमुक्त करने का आदेश दिया है वो प्रमुख आयुक्त, आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त और उपआयुक्त के पद पर तैनात हैं। इससे पहले भी 10 जून को भी वित्त मंत्रालय ने आयकर विभाग के 12 अधिकारियों का इस्तीफा ले लिया था।
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रिटायर किए गए ये सभी अधिकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में चीफ कमिश्नर, प्रिंसिपल कमिश्नर्स और कमिश्नर जैसे पदों पर तैनात थे। आज तक की खबर के मुताबिक इनमें से कई अफसरों पर कथित तौर पर भ्रष्टाचार, अवैध और बेहिसाब संपत्ति के अलावा यौन शोषण जैसे गंभीर आरोपी थे। इन 12 अधिकारियों में अशोक अग्रवाल (आईआरएस 1985), एसके श्रीवास्तव (आईआरएस 1989), होमी राजवंश (आईआरएस 1985), बीबी राजेंद्र प्रसाद, अजॉय कुमार सिंह, बी अरुलप्पा, आलोक कुमार मित्रा, चांदर सेन भारती, अंडासु रवींद्र, विवेक बत्रा, स्वेताभ सुमन और राम कुमार भार्गव शामिल हैं।
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क्या है नियम 56
नियम 56 का इस्तेमाल ऐसे अधिकारियों पर किया जा सकता है जो 50 से 55 साल की उम्र के हों और 30 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। सरकार के द्वारा इन अधिकारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट दिया जा सकता है। ऐसा करने के पीछे सरकार का मकसद बेहतर प्रदर्शन न करने वाले सरकारी कर्मचारी/अधिकारी को रिटायर करना होता है। सरकार के जरिए अधिकारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट दिए जाने का यह नियम काफी पहले से प्रभावी है।
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