केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत निधि जारी करने में देरी के दावे को किया खारिज
गाँव कनेक्शन 10 Dec 2017 11:57 AM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में एक एनजीओ के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि सूखे की मार झेल रहे किसानों के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना के तहत निधि जारी करने में उसकी तरफ से देरी हुई।
इस मामले में याचिकाकर्ता एनजीओ ने शीर्ष अदालत में यह मुद्दा उठाया। एनजीओ ने दावा किया कि मनरेगा के तहत निधि भेजने के आदेश दिए जाने से लेकर लाभार्थियों को वास्तव में भुगतान किए जाने तक बहुत देरी की गई।
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न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति एन वी रमना की पीठ ने केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से इस संबंध में चार सप्ताह के भीतर एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा। न्यायालय ने केंद्र सरकार द्वारा इन आरोपों को खारिज करने के बाद हलफनामा देने के लिए कहा।
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पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए अगले वर्ष 18 जनवरी की तारीख तय की।एनजीओ स्वराज अभियान ने यह भी दावा किया कि निधि भेजने के आदेश की प्रति मिलने के बाद भी इस योजना के तहत निधि जारी करने में केंद्र की तरफ से काफी देरी की गई।
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