मनरेगा के साथ 'जल जीवन मिशन' के लिए सरकार देगी 30,000 करोड़ रुपए, गांव लौटे मजदूरों को रोजगार देने की तैयारी

केंद्र सरकार ने गांवों में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मनरेगा के साथ-साथ 'जल जीवन मिशन' के तहत राज्यों को पहली किस्त जारी कर दी है।

Kushal MishraKushal Mishra   17 Jun 2020 11:05 AM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
मनरेगा के साथ जल जीवन मिशन के लिए सरकार देगी 30,000 करोड़ रुपए, गांव लौटे मजदूरों को रोजगार देने की तैयारीजल जीवन मिशन के जरिये सभी राज्य गाँव लौटे प्रवासी मजदूरों को उपलब्ध करा सकेंगे रोजगार। फोटो : पीटीआई

कोरोना लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों और शहरों से लाखों की संख्या में अपने गांवों को लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने गांवों में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मनरेगा के साथ-साथ 'जल जीवन मिशन' के तहत राज्यों को बड़ी धनराशि जारी कर दी है। इस मिशन के जरिये सभी राज्य गाँव लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करा सकेंगे।

वर्ष 2019 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'जल जीवन मिशन' की घोषणा की थी। केंद्र सरकार के इस मिशन का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2024 तक ग्रामीण क्षेत्रों में सभी घरों को पाइप के जरिये पानी पहुँचाना है। 'हर घर नल' के लक्ष्य के साथ खेती के लिए वर्षा जल संचयन और घरेलू अपशिष्ट जल के प्रबंधन के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा भी तैयार करना इस मिशन का हिस्सा है।

कोरोना संकट के समय में इस मिशन के तहत वर्ष 2020-21 में राज्यों को 30,000 करोड़ रुपये का बजट उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे 14.8 करोड़ ग्रामीण परिवारों के घरों में पाइप के जरिये पानी पहुँचाने की योजना है। इससे लॉकडाउन की वजह से लाखों की संख्या में अपने गांवों को लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिल सकेगा।

एक तरफ जहाँ इस मिशन से ग्रामीणों को पाइप के जरिये नल से पानी मिलेगा, दूसरी तरफ गाँव लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिल सकेगा। फोटो साभार : डाउन टू अर्थ

केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय में जल जीवन मिशन के अवर सचिव अविनाश कुमार सिन्हा 'गाँव कनेक्शन' से बताते हैं, "मिशन के तहत करीब 30 हजार करोड़ रुपए सभी राज्यों को आबंटित कर दिया गया है और इसकी पहली किश्त भी सभी राज्यों को जारी कर दी गयी है। इसके अलावा पत्र के जरिये राज्यों को लिखा गया है कि गांवों को लौटे प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ मनरेगा के श्रमिकों से जल जीवन मिशन का काम लिया जा सकता है। इससे मिशन का लक्ष्य समय से पूरा हो सकेगा, साथ ही गांवों को पहुंचे बेरोजगार मजदूरों को भी रोजगार मिल सकेगा।"

यह भी पढ़ें : बुंदेलखंड: लॉकडाउन में रोजगार का जरिया बनी मनरेगा, "काम नहीं मिलता तो घर चलाना मुश्किल हो जाता"

लॉकडाउन के दौरान देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 35 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों और शहरों से वापस लौटे हैं। इनमें से बड़े स्तर पर मजदूर निर्माण क्षेत्र से भी जुड़े हुए हैं। जल जीवन मिशन के तहत उत्तर प्रदेश को वर्ष 2020-21 के लिए 2,449 करोड़ रुपए की बड़ी धनराशि जारी की गयी है।

इस मिशन के तहत पंजीकृत स्वयं सहायता समूह में शामिल नवजीवन ग्रामोद्योग समिति उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के बसौनी थाना क्षेत्र में काम कर रही है। समिति के प्रमुख राम सेवक बताते हैं, "हमने अपने गांव पर्वत का पुरवा समेत और तीन गाँव में आये प्रवासी मजदूरों की लिस्ट तैयार कर प्रशासन को सौंप दी है। इन गांवों में लॉकडाउन के दौरान दिल्ली, अहमदाबाद, सूरत जैसे बड़े शहरों से करीब 500 प्रवासी मजदूर लौटे हैं।"

"प्रशासन ने अभी 25 जून तक सभी जिलों से प्रस्ताव माँगा है जो गांवों के प्रधानों की देखरेख में तैयार किये जा रहे हैं ताकि गांवों में जल जीवन मिशन का काम भी शुरू किया जा सके। इससे प्रवासी मजदूरों के साथ मनरेगा के मजदूरों को भी रोजगार मिल सकेगा, इसके लिए उनके प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की जा रही है, उम्मीद है कि अगले महीने से ही काम शुरू हो जायेगा," राम सेवक कहते हैं।

यह भी पढ़ें : मनरेगा: उत्तर प्रदेश में मजदूरों को क्या महीने में सिर्फ छह से आठ दिन ही काम मिल रहा है?

उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार में भी लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के दौरान अपने गांवों को वापस लौटे हैं। बिहार के लिए केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2020-21 के लिए 1832 करोड़ रुपए जारी किये हैं।

बिहार में जल जीवन मिशन के तहत पंजीकृत पिरामल फाउंडेशन की स्टेट हेड स्वाति सिंह बताती हैं, "मिशन के जरिये गांवों में रोजगार के अवसर देने के लिए फिलहाल प्रवासी मजदूरों का डाटा तैयार किया जा रहा है, सरकार की इस पहल से निश्चित ही गाँव में ग्रामीण अर्थव्यस्था में सुधार होगा। साथ ही गाँव में काम कर रहे मनरेगा मजदूरों को भी इस मिशन से जोड़ा जा सकेगा। हमें उम्मीद है कि जल्द ही काम शुरू होगा।"

जल जीवन मिशन के काम में मनरेगा के मजदूरों को भी मिल सकेगा रोजगार। फोटो : गाँव कनेक्शन

कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के दौरान गांवों में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से मनरेगा में एक लाख करोड़ से ज्यादा बजट का जारी किया गया है। इसमें वर्ष 2020-21 के लिए जारी 61,500 करोड़ रुपए के अलावा 40,000 करोड़ का अतिरिक्त बजट दिया गया है ताकि अपने गाँव को लौटे प्रवासी मजदूरों को मनरेगा में रोजगार के अवसर मुहैय्या कराये जा सकें।

ऐसे में मनरेगा के साथ ही केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन को बढ़ावा देने और राज्यों को बजट आवंटित किये जाने से गांवों में रोजगार के नए अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। इसके अलावा मजदूरों को मिशन से जुड़े कामों के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम की ओर से प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। गांवों में हर घर तक नल से पानी पहुँचाने के इस मिशन में तीन लाख करोड़ से अधिक का कुल आवंटन तय किया गया है।

यह भी पढ़ें :

ओडिशा के क्योंझर जिले में 91 रुपए बढ़ाई गई मनरेगा की मजदूरी, न्यूनतम मजदूरी दर के बराबर मिल रहा भुगतान

उत्तर प्रदेश में कामगार और श्रमिक आयोग के गठन को मिली मंजूरी, मजदूरों को रोजगार के साथ मिलेगी सामाजिक सुरक्षा


    

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.