देश की सभी ग्राम पंचायतें 2019 तक हो जाएंगी इंटरनेट से लैस

Anusha MishraAnusha Mishra   20 July 2017 12:39 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
देश की सभी ग्राम पंचायतें 2019 तक हो जाएंगी इंटरनेट से लैसइस प्रोजेक्ट पर यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड का पैसा लगेगा।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन की ओर एक कदम और बढ़ाते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने भारतनेट प्रोजेक्ट (पुराने नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क) के संशोधित क्रियान्वयन योजना पर मोहर लगा दी है। इस योजना से मार्च 2019 तक देश की सभी ग्राम पंचायतों को ब्रॉड बैंड से जोड़ने का काम किया जाएगा।

इस प्रोजेक्ट पर अब सरकार 42,068 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रही है, इससे पहले ये बजट 13000 करोड़ था जिसे तीन गुना बढ़ा दिया गया। इस प्रोजेक्ट पर यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड का पैसा लगेगा। पहले फेज में 100,000 ग्राम पंचायतों को ब्रॉड बैंड से जोड़ने में 11,148 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके बाद दूसरे फेज में 150,000 ग्राम पंचायतों को जोड़ने में 18,729 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बाकी का पैसा पहले इस्तेमाल किए गए ख़राब गुणवत्ता वाले फाइबर को सही करने में खर्च किया जाएगा।

यह भी पढ़ें : एयर इंडिया के निजीकरण में सरकार इतनी हड़बड़ी में क्यों?

डिजिटल भारत के साथ मोदी ने स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ई-गवर्नेंस सुविधाओं की परिकल्पना की है, जिससे पारदर्शिता लाने, भ्रष्टाचार को कम करने और विकास हासिल करने में मदद मिलेगी।

फरवरी 2017 में आई पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पहले सरकार मार्च 2017 तक लगभग 100,000 ग्राम पंचायतों में हाई स्पीड ब्रॉड बैंड कनेक्टिविटी पहुंचाना चाहती थी और उसका लक्ष्य था कि वह 2018 तक बाकी की 150,000 ग्राम पंचायतों में ये सेवा पहुंचाने का था।

यह भी पढ़ें : किसानों की उम्मीदों पर सरकार ने फेरा पानी, लागत से 50 फीसदी ज्यादा समर्थन मूल्य देने से इनकार

फरवरी में जारी की गई 2017 की योजनाओं के लिए आउटपुट-आउटफ्रेम फ़्रेमवर्क के तहत, सरकार ने ग्राम पंचायत में ब्रॉडबैंड नेटवर्क स्थापित करने और रक्षा के लिए वैकल्पिक संचार नेटवर्क के निर्माण के लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) को 13,000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।

ऐसे होगा काम

सरकार के प्रोजेक्ट को लागू करने का कार्य राज्य, राज्यों की एजेंसियां, प्राइवेट सेक्टर और सीपीसीयू (कम्यूनिटी एंड पब्लिक सेंटर यूनियन) करेंगे। ब्लॉक से ग्राम पंचायतों तक नए फाइबर केबल बिछाए जाएंगे। नेटवर्क की कनेक्टिविटी के लिए ऑप्टिकल मिक्स मीडिया का इस्तेमाल किया जाएगा जबकि इससे पहले जमीन के अंदर डलने वाले ओएफसी (ऑप्टिकल फाइबर कम्यूनिकेशन) को प्रयोग करने का फैसला लिया गया था। भूमिगत के लिए 48 और इससे अधिक कोर फाइबर और हवाई ओएफसी के लिए 24 और उससे अधिक कोर का इस्तेमाल होगा।

यह भी पढ़ें : आलू किसानों को मिली बड़ी राहत, सरकार अपने खजाने से खर्च करेगी 100 करोड़ रुपए

जिन एजेंसियों को इस काम की ज़िम्मेदारी मिलेगी वे जीवन भर के लिए इस योजना के प्रबंधन, संचालन रखरखाव के भी ज़िम्मेदारी लेंगी। अच्छी सेवा को सुनिश्चित करने के लिए ब्लॉक से लेकर ग्राम पंचायतों तक नए फाइबर केबल बिछाए जाएंगे। सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी प्रकार की सेवा प्रदाताओं के साथ भारतनेट बुनियादी ढांचे को साझा करेगी।

कहीं आप भी तो नहीं खाते चमकदार फल-सब्जियां, हो सकते हैं ये नुकसान

राष्ट्रपति चुनाव पर विशेष : ऐसा भारत केवल सपना था

दुनिया के सबसे गरीब राष्ट्रपति ने देश को बना दिया अमीर, जानिए कैसे

          

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.