जैविक कृषि विश्व कुंभ में बिहार ने बनाई अपनी पहचान

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जैविक कृषि विश्व कुंभ में बिहार ने बनाई अपनी पहचानजैविक कृषि विश्व कुम्भ

रिपोर्टर- इश्ताक अहमद

ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट में 9-11 नवंबर तक आयोजित जैविक कृषि विश्व कुम्भ में बिहार के क़ुदरती खेती करने वाले किसानों ने अपनी एक ख़ास छाप छोड़ी। चाहे वह देसी बीज हों, या सरसों का तेल या फिर शहद या मखाना हो, 110 देशों से आए मेहमानों ने बिहार के सभी क़ुदरती उत्पादों को ख़ूब सराहा।

जमुई ज़िले के केड़िया गाँव के किसानों के उत्पादों और क़ुदरती खेती की गहरी समझ को देश के विभिन्न कृषि विशेषज्ञों सहित अफ़्रीका, चीन, थाईलैंड से आए प्रतिभागियों ने न केवल सराहा बल्कि अपने यहाँ उन्हें लागू करने की मंशा भी व्यक्त की। ओडिशा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश आदि राज्यों के किसानों ने भी क़ुदरती खेती के केड़िया मॉडल को अपनाने की बात कही। देश भर से आए किसान केड़िया के देसी बीज पाने के लिए लालायित दिखे और कुम्भ समाप्त होने तक सारे बीज बंट गए।

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मधुबनी के मखाना किसान अपने उत्पादों की वजह से लगातार पर्यटकों के लिए उत्सुकता और कौतूहल के केंद्र में बने रहे। इसी तरह मुज़फ़्फ़रपुर के लीची, सहजना और जामुन के शहद की भी खूब धूम रही। बिहार के स्टॉल को उसकी सरलता के लिए भी काफ़ी पसंद किया गया। देश-विदेश के कई व्यवसाइयों ने बिहार के क़ुदरती उत्पादों की मार्केटिंग में विशेष रुचि दिखाई।

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इस महत्त्वपूर्ण अवसर पर बिहार बीज एवं जैविक प्रमाणन एजेंसी के निदेशक बंकटेश नारायण भी लगातार उपस्थित रहे और कई अन्य राज्यों के कृषि पदाधिकारियों को बिहार के क़ुदरती उत्पादों से अवगत कराने में सम्मिलित रहे। उन्होंने बताया कि बिहार के उत्पादों के प्रति आगंतुकों के उत्साह और सराहना को देखकर हम पूर्णतः आश्वस्त हैं कि आनेवाले दिनों में बिहार के जैविक उत्पादों के लिए स्थानीय व विश्व बाज़ार में काफ़ी अच्छी जगह बनेगी जिससे बिहार के किसानों की आमदनी बढ़ाने के हमारे प्रयास को काफ़ी बल मिलेगा। जल्द ही हमारा विभाग जैविक प्रमाणन की प्रक्रिया शुरू कर रहा है। इसके बाद किसान अपने क़ुदरती उत्पादों को बाज़ार में बेच सकेंगे।

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जीवित माटी किसान समिति के सचिव राजकुमार यादव ने कहा कि बिहार सरकार के पदाधिकारियों के उत्साहवर्धक समर्थन और देश विदेश के किसानों से मिलकर हमारा हौसला बढ़ा है और क़ुदरती खेती में विश्वास बढ़ा है। बामेती के राज्य समन्वयक डॉ. पीके मिश्र ने कहा, "केड़िया समेत बिहार के किसानों के क़ुदरती उत्पादों के प्रति व्यवसाइयों के रुझान को देखते हुए हम माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'हर भारतीय थाली में एक बिहारी व्यंजन' के सपने को साकार होते देख रहे हैं।''

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