राहत : जीएसटी काउंसिल ने दिखाई थोड़ी नरमी, इन 66 प्रोडक्ट पर टैक्स घटाया

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राहत : जीएसटी काउंसिल ने दिखाई थोड़ी नरमी, इन 66 प्रोडक्ट पर टैक्स घटायागाँव कनेक्शन

नई दिल्ली (भाषा)। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) पर काउंसिल ने 66 उत्पादों पर टैक्स की दरों में संशोधन कर उन्हें कम करने का फैसला लिया है। खासतौर पर किसानों को राहत देते हुए जीएसटी काउंसिल ने ट्रैक्टर उपकरणों को 28 प्रतिशत के स्लैब से हटाकर 18 में शामिल करने का फैसला लिया है।

जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बताया कि कंप्यूटर प्रिंटर पर 28 प्रतिशत टैक्स के बजाय 18 प्रतिशत लगाने का फैसला लिया है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘‘जीएसटी परिषद को 133 जिंसों के लिए अनुरोध मिला था। इसमें से 66 जिंसों पर कर की दरें कम कर दी गई हैं।'' जीएसटी परिषद के निर्णय के अनुसार सौ रुपए या उससे कम के सिनेमा टिकट पर 28 प्रतिशत के बजाए 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इससे ऊपर के मूल्य पर टैक्स की दर पहले के निर्णय के अनुसार 28 प्रतिशत बनी रहेगी।

अचार, मस्टर्ड सॉस और मुरब्बा जैसे खाद्य वस्तुओं पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जबकि पहले इस पर 18 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव था। साथ ही काजू पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से कम कर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। यह भी निर्णय किया कि 75 लाख रुपए तक के कारोबार वाले व्यापारी, विनिर्माता और रेस्तरां मालिक एक कंपोजीशन (एकमुश्त) योजना का विकल्प चुन सकते हैं और क्रमश: एक प्रतिशत, दो प्रतिशत व पांच प्रतिशत की दर से कर का भुगतान कर सकते हैं।

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काउंसिल ने बच्चों की चित्रकला की किताबों पर शून्य जीएसटी लगाने का प्रस्ताव किया, जबकि पूर्व में इस पर 12 प्रतिशत की दर से शुल्क लगाने की बात कही गई थी। कंप्यूटर प्रिंटर पर 28 प्रतिशत के बजाए 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का प्रस्ताव किया गया। इंसुलिन और अगरबत्ती पर जीएसटी कम कर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि स्कूल बैग पर 18 प्रतिशत शुल्क लगेगा। काजल पर 28 प्रतिशत के बजाए 18 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है। काउंसिल की अगली बैठक 18 जून को होगी। उसमें लॉटरी कर तथा ई-वे बिल पर विचार किया जाएगा।

जीएसटी को जुगाड़ के साथ लागू नहीं किया जाए

नई दिल्ली (भाषा)। पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा ने कहा कि जीएसटी का कार्यान्वयन किसी ‘जुगाड़' के साथ नहीं होना चाहिए और इस नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के कार्यान्वयन को एक महीने के लिए टाला जाना चाहिए। यहां जीएसटी परिषद की बैठक में भाग लेने आए मित्रा ने कहा कि जीएसटी का कार्यान्वयन चाहने वाले राज्यों में पश्चिम बंगाल ‘अग्रणी' रहा है, लेकिन प्रणाली ऐसी हो कि आम जनता व छोटे कारोबारियों को इसका फायदा हो।

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उन्होंने कहा, ‘मैंने बैठक में भी मुद्दा उठाया कि एक जुलाई बहुत ही मुश्किल लग रही है, लेकिन दुनिया के सबसे बड़े वित्तीय सुधार जीएसटी के लिए आप कोई जुगाड़ नहीं कर सकते।' उन्होंने कहा कि छोटे कारोबारियों को एक स्प्रेडशीट भरनी होगी, जो बाद में साफ्टवेयर प्रक्रिया में जाएगी। रपटों के अनुसार इसका प्रारुप इस महीने के आखिर तक आएगा। मित्रा ने कहा, ‘और आप जीएसटी एक जुलाई से शुरू करने जा रहे हैं। मेरा मानना है कि ऐसी प्रणाली जो दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय सुधार है, उसके लिए कोई जुगाड़ नहीं किया जाए।'

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