हरिवंश: पत्रकारिता से उच्च सदन के उपसभापति तक का सफर

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हरिवंश: पत्रकारिता से उच्च सदन के उपसभापति तक का सफर

नई दिल्ली। (भाषा) राज्यसभा में आज राजग के उम्मीदवार के रूप में उपसभापति पद पर निर्वाचित हुए हरिवंश सामाजिक सरोकार की पत्रकारिता से जुड़े रहे हैं और राजनीति में वह जयप्रकाश नारायण के आदर्शों से प्रेरित हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज उच्च सदन में उन्हें उपसभापति पद पर निर्वाचित होने के बाद बधाई देते हुए कहा कि वह 'समाज-कारण' से जुड़े रहे और 'राज-कारण' से दूर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के सिताबदियारा गांव में 30 जून, 1956 को जन्मे हरिवंश को जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए और पत्रकारिता में डिप्लोमा की पढ़ाई की। पढ़ाई के दौरान ही मुंबई में उनका 'टाइम्स ऑफ इंडिया' समूह में प्रशिक्षु पत्रकार के रूप में 1977-78 में चयन हुआ। वह टाइम्स समूह की साप्ताहिक पत्रिका 'धर्मयुग' में 1981 तक उपसंपादक रहे।

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उन्होंने 1981 -84 तक हैदराबाद एवं पटना में बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी की। 1984 में उन्होंने पत्रकारिता में वापसी की और 1989 अक्तूबर तक आनंद बाजार पत्रिका समूह से प्रकाशित 'रविवार' साप्ताहिक पत्रिका में सहायक संपादक रहे।

हरिवंश ने वर्ष 1990-91 के कुछ महीनों तक तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के अतिरिक्त सूचना सलाहकार (संयुक्त सचिव) के रूप में प्रधानमंत्री कार्यालय में भी काम किया।

ढाई दशक से अधिक समय तक 'प्रभात खबर' के प्रधान संपादक रहे हरिवंश को नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने राज्यसभा में भेजा। उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार का बेहद करीबी माना जाता है। राज्यसभा में आज उपसभापति पद के लिए हुए चुनाव में हरिवंश को 125 और उनके समक्ष खड़े हुए विपक्ष के उम्मीदवार बी के हरिप्रसाद को 105 मत मिले।




अब सब कुछ हरि भरोसे : मोदी

नई दिल्ली। राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए, सत्तारूढ़ राजग के प्रत्याशी एवं जदयू के राज्यसभा सदस्य हरिवंश नर्विाचित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए कहा "सदन पर हरिकृपा बनी रहेगी। अब सब कुछ हरि भरोसे। राज्यसभा में मतविभाजन में सभापति एम वेंकैया नायडू ने हरिवंश को उपसभापति निर्वाचित घोषित किया। हरिवंश को 125 मत और विपक्ष की ओर से कांग्रेस के उम्मीदवार बीके हरप्रिसाद को 105 मत मिले। मतदान में दो सदस्यों ने हस्सिा नहीं लिया। सदन में कुल 232 सदस्य मौजूद थे। सभापति नायडू द्वारा हरिवंश को उपसभापति नर्विाचित घोषित किये जाने के बाद हरिप्रसाद ने हरिवंश को उनके स्थान पर जाकर बधाई दी। पूरे सदन ने हरिवंश को बधाई दी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरिवंश को शुभकामनाएं देते हुए उनके विभिन्न क्षेत्रों के अनुभव के हवाले से उनके निर्वाचन को सदन के लिये गौरव का विषय बताया। उन्होंने हरिवंश और उनके प्रतद्विंद्वी बीके परिप्रसाद के चुनाव में होने पर चुटकी लेते हुए कहा "सदन पर हरिकृपा बनी रहेगी। अब सब कुछ हरि भरोसे। और मुझे विश्वास है कि सभी, इधर हो या उधर, सभी सांसदों पर हरिकृपा बनी रहेगी।" उन्होंने कहा "दोनों तरफ हरि थे। एक के आगे बी के था, बी के हरि, कोई न बीके और एक के आगे कोई बी के वी के नहीं था।" प्रधानमंत्री ने इस चुनाव में पराजित प्रत्याशी और विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार बी के हरप्रिसाद को भी बधाई दी। उन्होंने कहा "मैं बी के हरप्रिसाद को भी लोकतंत्र की मर्यादा निभाने के लिए बधाई देता हूं। सभी कह रहे थे कि परिणाम पता है। फिर भी प्रक्रिया करेंगे (चुनाव में भाग लेने के लिए)। तो नये लोगों की ट्रेनिंग हो गयी होगी वोट डालने की।'


    

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