घने जंगल और उफनती नदी को पार कर गाँव पहुंचने वाली स्वास्थ्य कार्यकर्ता को किया गया सम्मानित

Tameshwar SinhaTameshwar Sinha   4 Sep 2019 10:56 AM GMT

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घने जंगल और उफनती नदी को पार कर गाँव पहुंचने वाली स्वास्थ्य कार्यकर्ता को किया गया सम्मानित

बीजापुर(छत्तीसगढ़)। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हर साल बरसात के दिनों में उफनती इन्द्रावती नदी को पार करके गाँवों तक पहुंचने वाली स्वास्थ्य कार्यकर्ता को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्मानित किया।

छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के बीजापुर जिले के अंर्तगत बेलनार गाँव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रानी मंडावी मंडावी नियुक्त हैं। बेलनार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन गाँव बेलनार, ताकीलोड, और पलेवाया आते हैं, ये तीनों गाँव तक पहुंचने के लिए घने जंगल और दुर्गम रास्तों को पार करके जाना होता। इसी रास्ते पर इंद्रावती नदी भी पड़ती है। इन्हीं रास्तों और नदियों को पार करके रानी मंडावी हर दिन गाँवों तक पहुंचती हैं।

गाँव कनेक्शन ने रानी मंडावी के इस प्रयास के बारे में लिखा भी था, कि कैसे विषम परिस्थितियों और घने जंगलों, पहाड़ों व पथरीले रास्तों को पार करके हर दिन गाँवों तक पहुंचती हैं।

काम के प्रति इस लगन और असाधारण परिस्थितियों में उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर के मेडिकल कालेज ऑडिटोरियम 'कायाकल्प' राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह में रानी मंडावी को पुरस्कृत किया।

रानी मंडावी बताती हैं, "मैं पिछले पांच साल से बेलनार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नियुक्त हूं। दूसरे गांव में स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए 15 से 25 किमी नदी को नाव से पार कर पैदल जाती हूं। सुबह 7 बजे निकलती हूं तो गांव एक बजे तक पहुंचती हूं। वैसे वापस आते शाम आठ बज जाते हैं।"

रानी आगे कहती हैं कि कई बार तो गले तक पानी नदी में बढ़ जाता है और मैंने पैदल नदी पार की है, कभी-कभी तो जिन गांवों में जाती हूं वहीं दो से तीन दिन रुकना पड़ता है गांव वाले सोने की व्यवस्था करते हैं, लेकिन मैं अपने साथ राशन ले के जाती हूं। रानी मंडावी एक घटना का जिक्र करते हुए बताती हैं कि एक बार मैं गांव से वापस आ रही थी शाम सात बजे का वक्त था, नदी पार करने के लिए नाव में बैठी अचानक बीच मे नाव रुक गया में डर गई थी, लेकिन जो नाव चला रहा था उसने पार करा दिया।


  

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