बेटी को गले में बांध रिक्शा चलाकर आए थे सुर्खियों में, फिर तन्हा हुई मासूम, पिता की मौत

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बेटी को गले में बांध रिक्शा चलाकर आए थे सुर्खियों में, फिर तन्हा हुई मासूम, पिता की मौतइसी फोटो से चर्चा में आए थे बबलू।

लखनऊ। राजस्थान के भरतपुर में रिक्शा चालक बब्लू और उसकी बेटी दामिनी की तस्वीर कुछ साल पहले सामने आई थी। जिसने इस तस्वीर को देखा वह अपने आप को रोक नहीं सका और अपनी इच्छाशक्ति के अनुसार उसकी मदद की। दरअसल दामिनी के सिर से मां का साया तो जन्म के साथ ही उठ गया था। पिता रिक्शा चलाता था। एक पिता ही था जो उसके जीने का सहारा था। लेकिन अब उसकी भी मौत हो गई।

बीबीसी हिंदी के अनुसार मंगलवार को बल्लू की मौत हुई। इस बात की जानकारी उस समय हुई जब शव से बदबू आने लगी। माना जा रहा है कि बबलू की मौत हफ्ते भर पहले ही हो गई थी। वहीं, पुलिस का कहना है कि उसकी मौत ज्यादा शराब पीने से हुई है। इसके बाद मंगलवार शाम को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

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मामला साल 2012 का है। भरतपुर की सड़कों पर एक रिक्शा चलाते हुए शख्स और गले में बंधी हुई उसकी मासूम-सी बेटी की तस्वीर सामने आई थी। दामिनी बहुत बीमार थी और उसकी हालत देखकर हर तरफ से लोगों ने बब्लू को आर्थिक मदद दी, ताकि वह अपनी बेटी का इलाज और परवरिश कर सके। पत्नी की मौत के बाद बेटी की सारी जिम्मेदारी बबलू पर आ गई। ऐसे में वह कैसे नवजात बच्ची को घर में अकेला छोड़ता तो उसने बेटी को गले में कपड़े की रस्सी डालकर उसमें रखा और बेटी की परवरिश के लिए रिक्शा चलाने लगा। उस समय बबलू को मदद के रूप में नया रिक्शा और 14 लाख रुपए मिले। राजस्थान सरकार की ओर से बच्ची के इलाज में मदद की गई।

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बेटी को गले के बांधकर चलने के बारे में जब बब्लू से पूछा गया था तो उसने कहा कि भीख मांगकर या फिर लोगों से अन्य तरह की मदद लेना उसके लिए आसान रास्ता था लेकिन मेरी अंतरात्मा ने मुझे इस बात की इजाजत नहीं दी और मैंने दामिनी के साथ लेकर रिक्शा चलाने का फैसला किया। दामिनी कम वजन और अनीमिया की शिकार थी। अब बबलू की मौत के बाद दामिनी बिल्कुल अकेली हो गई। फिलहाल वह शिशुगृह में रह रही है और वहीं उसका लालन-पोषण हो रहा है। अब दामिनी साढे चार साल की हो गई है। हालांकि वह अभी भी इस बात से अंजान है कि उसका पिता अब इस दुनिया में नहीं रहा।

        

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