हवाओं ने बिगाड़ी मौसम की चाल, उत्तराखंड और नेपाल से सटे यूपी के इलाकों में अलर्ट, अगले 24 घंटे में बिहार में भारी बारिश की चेतावनी

यूपी और उत्तराखंड (Uttrakhand Rain) में दो दिन से लगातार हो रही बारिश न सिर्फ फसलों को भारी नुकसान हुआ है बल्कि तराई के इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। उत्तराखंड के साथ ही नेपाल हुई बारिश का ज्यादातर पानी यूपी और बिहार में जाता है ऐसे इन राज्यों के तराई में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

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हवाओं ने बिगाड़ी मौसम की चाल, उत्तराखंड और नेपाल से सटे यूपी के इलाकों में अलर्ट, अगले 24 घंटे में बिहार में भारी बारिश की चेतावनी

यूपी के शाहजहांपुर में भारी बारिश के चलते हजारों किसानों की फसलें डूब गई। फोटो राम जी मिश्रा

पिछले 2 दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश (Heavy Rain) के चलते की राज्यों में तबाही हो रही है। यूपी में बारिश का दौर जारी है तो अगले 24 घंटे बिहार, पश्चिम बंगाल और पूरी असम में भारी बारिश होने की आशंका है। यूपी के उत्तराखंड और नेपाल से सटे इलाकों बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के चलते कई बैराजों से पानी छोड़ा गया है, जिसके बाद यूपी के सीतापुर और लखीमपुर में शारदा और घाघरा समेत दूसरी नदियों के आसपास रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है।

देश में 17 अक्टूबर से मौसम बदला और यूपी, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत कई राज्यों में बारिश शुरु हो गई। 18 अक्टूबर को तेज हवा के साथ शुरु हुई बारिश का सिलसिला 19 अक्टूबर को भी जारी रहा। मौसम विभाग ने यूपी में 23 तारीख तक छिटपुट बारिश की संभावना जताई है तो बिहार के लिए मंगलवार और बुधवार का दिन भारी है। हालांकि उत्तराखंड में जारी मूसलाधार बारिश का कम पड़ सकती है।

मौसम की जानकारी देने वाली निजी संस्था स्काईमेट में मौसम विभान और जलवायु परिवर्तन विभाग के वाइस प्रेसिंडेट महेश पालावत के मुताबिक अमूमन जब कोई मौसम का सिस्टम बनता है तो उसका प्रभाव मध्य भारत तक ही रहता है, लेकिन इस बार इसका प्रभाव उत्तर भारत में भी है क्योंकि दोंनों तरफ से हवाए आईं हैं।

बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आई हवाओं के चलते बिगड़ा मौसम

मौसम में ये परिस्थितियां कैसे बनीं इन्हें महेश पालावत सरल शब्दों में ऐसे बताते हैं, "लो प्रेसर एरिया था जो बंगाल की खाड़ी से मध्य प्रदेश होते हुए उत्तर प्रदेश तक आया। और पूर्वी हवाएं बंगाल की खाड़ी से आईं, दक्षिण पश्चिमी हवाएं अरब सागर से आईं तो दोनों तरफ से नमी बहुत ज्यादा बढ़ी, उधर पहाड़ों पर कम कमजोर वेस्टर्न डिस्टर्वेंस (पश्चिमी विक्षोभ) इन सबके मिले जुले प्रभाव से रहता है।"

महेश पालावत, "पिछले 10 साल में इस मौसम में सबसे ज्यादा बारिश है। इससे पहले 2011, 2004, 1954 और बीच में 2-3 बार ऐसा मौका आया जब अक्टूबर के दौरान इतनी बारिश हुई है।"

23 अक्टूबर तक देश के अलग-अलग राज्यों में कहीं भारी तो कहीं जारी रहेगा छिटपुट बारिश का दौर

भारतीय मौसम विभाग ने 17 अक्टूबर से लेकर 19 अक्टूबर तक देश के कई राज्यों में भारी बारिश, गरज, बिजली कड़कने के लिए अनुमान जारी किया था। माना जा रहा था कि 19 तारीख के मौसम सामान्य होने लगेगा। लेकिन 19 अक्टूबर को अपने नए मौसम बुलेटिन में मौसम विभाग ने कहा उत्तराखंड में और यूपी समेत कई राज्यों में जारी भारी वर्षा में कमी आने की अनुमान तो जताया है इसके साथ ही कहा है कि 22 और 23 तारीख को उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, उत्तर पश्चिम राजस्थान में छिटपुट वर्षा हो सकती है तो हिमाचल प्रदेश में बारिश और हिमपात हो सकता है।

मौसम विभाग के मुताबिक कम दबाव का क्षेत्र बिहार और आसपास के इलाके में स्थित है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी से तेज दक्षिण/दक्षिण-पूर्वी हवाओं के कारण 20 अक्टूबर तक पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश की गतिविधि जारी रहने की संभावना है। जबकि पूर्वी लहर के चलते 19-23 तारीख के दौरान केरल और माहे और तमिलनाडु पुडुचेरी और कराईकल में अलग-अलग इलाकें में भारी बारिश की संभावना है।

इस दौरान कर्नाटक में भी बारिश हो सकती है। वहीं नार्थ ईस्ट की बात करें तो मौसम विभाग के मुताबिक 19-20 को असम और मेघायल तो 19 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भी बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। अब तक सूखा झेल रहे ओडिशा के साथ ही झारखंड भी मंगलवार को बारिश और जगह-जगह लाइटिंग की आशंका जताई गई है। 19 के साथ ही 20 तारीख को बिहार के कई इलाकों में भारी बारिश का दौर चल सकता है।

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यूपी के उन्नाव में बारिश के बाद धान का खेत। फोटो- सुमित यादव

यूपी में फसलों को भारी नुकसान

उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल समेत धान उत्पादक ज्यादातर राज्यों में ये धान की कटाई का समय ऐसे में लगातार बारिश और हवाओं के चलते धान की फसल को भारी नुकसान हो रहा है। उत्तर प्रदेश की बात करें पश्चिमी यूपी, मध्य यूपी में धान की कटाई जोर-शोर से जारी थी ऐसें में ज्यादातर फसलों खेत में हैं। कुछ कटी पड़ी हैं तो कुछ में अभी पकने का इंतजार था। शाहजहांपुर, सीतापुर, बाराबंकी उन्नाव से गांव कनेक्शन को जो तस्वीरें मिली हैं उसमें ज्यादातर में खेत में लगा धान गिर गया हो तो पहले से कटी फसलें पानी में डूब गई हैं।

किसानों के मुताबिक इससे पहले अक्टूबर के पहले हफ्ते में हुई बारिश से उन्हें काफी नुकसान हुआ था बचीखुची कसर इस पानी ने पूरी कर दी है।

यूपी में शाहजहांपुर के किसान बृजनंदन (45वर्ष) कहते हैं, "इलाके में बहुत भारी नुकसान हुआ है। धान की कटी फसलें जलभराव के चलते डूब गईं। कई जगह पानी सड़क के ऊपर बहने लगा है। नदी तालाबों से जलकुंभी बहकर खेतों में आ गई है।" धान के अलावा आलू, हरी सब्जियों में गोभी, टमाटर, बैंगन, मूली, धनिया का भारी नुकसान हुआ है। केले की बची खुची फसलों को इस मौसम ने नुकसान पहुंचाया है।

तराई इलाकों में बाढ़ का खतरा

यूपी के साथ नेपाल, उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के चलते यूपी और बिहार के सीमावर्ती इलाकों, नदी के पास के गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गयी है। यूपी के सीतापुर, लखीमपुर और बाराबंकी में लोगों से डूब और तराई वाले इलाकों से निकलकर सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है।

लखीमपुर खीरी के जिलाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने ज़िले में बाढ़ को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की। उन्होंने कहा, "दो दिन से जारी बारिश के चलते जनपद की नदियां उफान पर हैं। Uttarakhand के बनबसा बैराज से 5 लाख 33 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इतना पानी 2013 में जब छोड़ा गया था तो 181 गांवों में पानी घुसा। रात 10 बजे के बाद शारदा नदी का जलस्तर तेजी बढ़ेगा, जो 2 से ढाई मीटर ऊपर जा सकता है।" उन्होंने कहा, "पड़ोसी देश नेपाल में भारी बारिश हुई है, अगले 24 घंटे भी भारी बारिश की संभावना है। इसलिए निचले इलाकों से ग्रामीणों को निकालकर निकटवर्ती स्कूलों व बाढ़ राहत चौकियों में सुरक्षित पहुंचाया जाए। उन्होंने सीडीओ को ग्राम सचिव व डीएसओ को कोटेदार के जरिये सभी संभावित प्रभावित गांवों तक यह चेतावनी एवं सूचना प्रसारित कराने के निर्देश दिए।

वहीं सीतापुर जिला प्रशासन ने जारी चेतावनी में कहा कि उत्तराखंड में कई जगहों पर भारी बारिश के चलते शारदा नदी में अप्रत्याशित पानी बढ़ने की आशंका है। दो दिन से लगातार हो रही बारिश के चलते घाघरा और शारदा नदियों का जलस्तर बढ़ने और निचले इलाकों में जलभराव की संभावना है। अगले 72 घंटे सावधान रहने की जरुरत है। इसी तरह बाराबंकी में घाघरा (सरयू) के आसपास के इलाकों में पानी से नुकसान हो सकता है। जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। उपजिलाधिकारी रामनगर राजीव कुमार शुक्ला ने जारी अलर्ट में कहा कि सरयू नदी में बैराज से करीब 6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे नदी के आसपास बसे गांव में पानी आने की संभावना है।

लखनऊ, बस्ती और बागपत समेत कई जिलों में 24 घंटे में 10000 फीसदी ज्यादा बारिश

भारतीय मौसम विभाग के आंक़ड़ों के मुताबिक 17 अक्टूबर को सुबह 8 बजे से लेकर 18 अक्टूबर 8 बजे तक ही कई जिलों में रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई थी। लखनऊ में .02 मिलीमीटर की औसत बारिश के मुकाबले 21.4 मिलीमीटर बारिश हुई है जो सामान्य से 10000 फीसदी ज्यादा है। इसी तरह बागपत, ज्योतिबापुले नगर और संतकबीर नगर, बस्ती में सामान्य से 10000 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है तो आधा दर्जन से ज्यादा जिले ऐसे हैं जहां 5000 फीसदी से ज्यादा बारिश हुई है। गाजियाबाद (5150), पीलीभीत (5933), सिद्धार्थनगर (6500) आदि शामिल हैं। लखनऊ के पडोसी जिले बाराबंकी में 1975 फीसदी ज्यादा तो सीतापुर में 2070 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की है।

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