सोशल मीडिया पर मिलने वाला हर्बल ज्ञान हो सकता है घातक, हो जाएं सावधान

Shrinkhala PandeyShrinkhala Pandey   6 July 2018 8:09 AM GMT

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सोशल मीडिया पर मिलने वाला हर्बल ज्ञान  हो सकता है घातक, हो जाएं सावधानहर्बल दवाओं की भी सही जानकारी जरूरी।

लखनऊ। अक्सर हम मामूली बीमारियां होने पर घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करते हैं और ये असरदार भी होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन हर्बल नुस्खों के भी साइड इफेक्ट होते हैं। हर्बल दवाओं के भी मानक तय होते हैं।

हमारे लिए अक्सर अपने मन से दवाएं लेना या फार्मासिस्ट से पूछकर दवा ले लेना आसान होता है। ये हाल सिर्फ एलोपेथिक दवाओं को लेकर ही नहीं, बल्कि हर्बल और आयुर्वेदिक दवाओं के साथ भी है। हर्बल दवाओं को लेकर ज्यादातर लोग ये सोचते हैं कि इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं होगें ये पूर्णत: सुरक्षित होती हैं, लेकिन ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है।

लखनऊ की रहने वाली प्रियंका कुशवाहा (28वर्ष) की आंख में हमेशा जलन रहती है इसके लिए उन्होंने मेडिकल स्टोर से एक हर्बल आई ड्राप खरीद के डाल लिया उसके बाद उनके आंखों में खुजली से होने लगी। वो बताती हैं, "मुझे लगाता था सिर्फ एलोपैथी के नुकसान है हर्बल के तो साइड इफेक्ट नहीं होते होगें लेकिन मुझे सबक मिल गया।"

उद्योग निकाय फिक्की और पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ताओं का मानना है कि हर्बल, नैचुरल, ऑर्गेनिक व आयुर्वेदिक उत्पाद सुरक्षित होते हैं और वैकल्पिक उत्पादों के मुकाबले इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। इन्हीं चीजों ने इसे आगे बढऩे में मदद की है।

इस बारे में हमारे हर्बल एक्सपर्ट डॉ दीपक आचार्य बताते हैं, "हर्बल दवाएं बगैर किसी प्रेसि्क्रपशन के आसानी से बाजार में मिल जाती हैं लेकिन मेरी समझ से आपको हर्बल दवाओं के सेवन के वक्त भी चिकित्सकीय सलाह लेना जरूरी है क्योंकि अक्सर हर्बल दवाओं की उपयोगिता के बारे में सभी लोग बात करते हैं लेकिन किसी अन्य दवाओं के साथ होने वाले रिएक्शन के बारे में ज्यादा लोगों को समझ नहीं है।"

वो आगे बताते हैं, "शरीर में किसी खास तत्व की अधिकता या कमी के दुष्परिणाम हो सकते हैं। सोशल मीडिया पर लोग धड़ल्ले से जानकारी देते हैं जिसकी पुष्टि करने वाले कोई नहीं होता। ये अल्पज्ञान हमें कई बार खतरे में डाल देता है।"

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दवाओं की जानकारी जरूरी

वैज्ञानिक एल्विन लेविस 2001 की एक शोध जो जर्नल ऑफ इथनोफार्मेकोलोजी में प्रकाशित हुई थी के अनुसार एलोवेरा के जैल की अधिक मात्रा जिसे अक्सर लोग बगैर जानकारी के लिए तमाम रोगोपचार के लिए इस्तेमाल करते हैं, शरीर के लिए घातक भी हो सकती है।

दवाओं की सही मात्रा जरूरी

एलोवेरा, आंवला, दालचीनी, चनौठी, इसबगोल, पपीता, धतूरा और सुपारी जैसे अनेक हर्बल उत्पाद हैं जिन्हें दवाओं के तौर पर उपयोग में लाते वक्त सही जानकारियों और दवाओं के लेने की सही मात्रा का पता होना आवश्यक है। ऐसी अनेक हर्बल औषधियां जैसे जिन्सेंग कावा, एफिड्रा, एकोनाईट, सर्पगंधा, गुग्गल, भिलमा, सुवा, मदार, बेलेनाईट, सेन्ना आदि एक निश्चित अनुपात और माप में लेना चाहिए और हमेशा किसी जानकार की सलाह और उपस्थित में ही ऐसा करना चाहिए।

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