हिमाचल चुनाव : ये हैं आजाद भारत के पहले मतदाता, अब 100 की उम्र में डालेंगे वोट

Karan Pal SinghKaran Pal Singh   31 Oct 2017 11:37 AM GMT

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हिमाचल चुनाव : ये हैं आजाद भारत के पहले मतदाता, अब 100 की उम्र में डालेंगे वोटश्याम शरण नेगी फाइल फोटो

नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव 9 नवंबर को होने जा रहे हैं। इसे लेकर काफी तैयारियां चल रही हैं। लेकिन इस बार के चुनाव में हर बार से कुछ अलग होने जा रहा है। दरअसल इस बार 100 साल का एक बुजुर्ग यहां मतदान करने आने वाला है। ये कोई मामूली बुजुर्ग नहीं है, बल्कि ये आजाद भारत के पहले मतदाता है, जो अब 100 साल के हो चुके हैं। इनका नाम श्याम चरण नेगी है।

प्रशासन करेगा रेड कारपेट का इंतजाम

जनजातीय जिला किन्नौर के कल्पा के तहत चिन्नी गाँव के निवासी श्याम शरण नेगी इस समय सौ बरस की आयु में भी चुस्त-दुरुस्त हैं। पूरी उम्मीद है कि वे 9 नवंबर को मतदान करेंगे। नेगी के स्वागत के लिए सरकार ने अच्छी खासी तैयारी कर ली है। उनका पोलिंग स्टेशन पर रेड कार्पेट बिछाकर भव्य स्वागत किया जाएगा। हालांकि अब नेगी ज्यादा चल फिर नहीं पाते, इसलिए उनके लिए बोलिंग बूथ तक वाहन जाने की सुविधा दी गई है।

देश के लिए इमानदार को दे वोट

नेगी चाहते हैं कि आगामी चुनाव में कोई भी वोट डालने से न चूके। नेगी का कहना है कि मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करना चाहिए और सरकार की बागडोर ईमानदार नेता के हाथ सौंपनी चाहिए। जो देश से भ्रष्टाचार को मिटाने की कुव्वत रखता हो और महंगाई के बढ़ने पर भी रोक लगा सके।

कौन हैं श्याम चरण नेगी

श्याम चरण नेगी भारत के पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर में कल्पा के रहने वाले हैं। वे एक रिटायर्ड टीचर हैं। वे 100 की उम्र का आंकड़ा पार कर चुके हैं। आजादी के बाद जब लोग मतदान करने में कोई इंटरेस्ट नहीं दिखाते थे, तब श्याम चरण नेगी पहले मतदाता थे, जिन्होंने मंडी-महासु संसदीय क्षेत्र के लिए वोट डाला था। देश के जनजातीय इलाकों में सबसे पहले हिमाचल के किन्नौर जिले को ही चुना गया था। उस समय नेगी को पोलिंग ऑफिसर की जिम्मेदारी दी गई थी।

मैं जानता हूं ईवीएम से वोटिंग कैसे होती है

नेगी ने कहा कि मेरी आंख की रोशनी जा रही है, मेरा शरीर साथ नहीं दे रहा, लेकिन मैं यह जानता हूं कि ईवीएम मशीन से वोट कैसे डाले जाते हैं। मैं मतदान सूची पत्र पर अपने हस्ताक्षर भी स्वयं करता हूं।

गूगल ने बनाया था वीडियो

श्याय शरण नेगी उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब 2014 लोकसभा चुनाव में गूगल ने उन पर एक वीडियो बनाया था। इस वीडियो में नेगी ने अपने पहले वोट की कहानी बताते नजर आए थे।

आजादी के बाद समय से पहले हुआ था मतदान

आजादी के बाद जब मतदान हुए थे, तो सरकार ने समय से पहले ही यहां मतदान कराए थे। कारण था कि यहां जनजातीय इलाकों में बर्फबारी के कारण मार्ग बंद हो जाते हैं, इस लिहाज से यहां देश के अन्य राज्यों से पहले मतदान कराने का फैसला लिया गया था। चुनाव आयोग ने जहां देयाभर में जनवरी-फरवरी 1952 में चुनाव कराने का फैसला लिया था, वहीं किन्नौर में 25 अक्टूबर 1951 को ही चुनाव कराए गए थे। तब नेगी देश के पहले मतदाता के रूप में यहां वोट डालने आए थे। श्याम नेगी ने आजतक को दिए इंटरव्यू में बताया कि उस समय वोटिंग 10 दिनों तक चली थी।

टीन के कनस्तर को दिया था मतपेटी का रूप

नेगी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि हमारे समय में वोट डालने के लिए इतनी सुविधाएं तो थी नहीं। क्योंकि मुझे पोलिंग ऑफिसर की जिम्मेदारी दी गई थी, तो मुझे ही अपनी सूझबूझ से हर फैसला लेना था। उस समय मतपेटी तो होती नहीं थी, तो मैंने एक टीन के कनस्तर को मतपेटी का रूप दिया था। हालात ऐसे थे कि उस वक्त कोई व्यक्ति मतदान करने के लिए आगे नहीं आया था। उस समय नेगी ने ही सबसे पहले मतदान किया था। जब उन्होंने खुद वोट डाला तो उसके बाद हर इलाके में लोगों को मतदान करने के बारे में जागरूक किया और उन्हें मतदान का महत्व समझाया। हालांकि तब उनका ये प्रयास सफल रहा और लोगों में मतदान के प्रति जागरूकता नजर आई। उनके इस प्रयास को काफी सराहना मिली। भारत में लोकंतत्रत्र की मजबूती और मतदान को श्याम चरण नेगी ने जो प्रयास किए हैं, इसके लिए कई बार उन्हें सम्मानित भी किया गया है।

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