यूपी: मंत्री के आश्वासन पर होमगार्ड्स बोले- लिखित में मिले आदेश तब होगा भरोसा
Ranvijay Singh 16 Oct 2019 7:54 AM GMT
उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग ने 25 हजार होमगार्ड जवानों की ड्यूटी खत्म करने का निर्णय लिया था। इस फैसले के मीडिया में आने के बाद होमगार्ड विभाग के मंत्री चेतन चौहान ने आश्वासन दिया है कि ''किसी भी होमगार्ड को नहीं निकाला जाएगा, निकृष्टतम परिस्थितियों में भी नहीं।'' हालांकि इस आश्वासन पर होमगार्ड्स एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि जब तक लिखित में आदेश नहीं मिल जाता हमें भरोसा नहीं है।
उत्तर प्रदेश होमगार्ड अवैतनिक अधिकारी व कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष रामेंद्र यादव कहते हैं, ''यह खाली कहते हैं, जो कहते हैं वो करते नहीं हैं। अगर इनको ड्यूटी खत्म नहीं करनी है तो एक लेटर जारी कर दें। हम लेटर जारी होते ही इनकी बात का विश्वास मान लेंगे।''
रामेंद्र कहते हैं, ''यह सिर्फ 25 हजार होमगार्ड का मामला नहीं है। कुल 41519 होमगार्ड की ड्यूटी का मामला है। वो तो 25 हजार होमगार्ड वाली बात ज्यादा हाईलाइट हो गई है।'' रामेंद्र बताते हैं, ''एक फैसला अक्टूबर 2019 को लिया गया था, जिसमें 16 हजार 519 होमगार्ड की ड्यूटी खत्म की गई। यह लोग होमगार्ड विभाग की ओर से ड्यूटी कर रहे थे। इसके बाद 11 अक्टूबर 2019 को आए दूसरे शासनादेश में पुलिस विभाग में तैनात 25 हजार होमगार्ड की ड्यूटी खत्म कर दी गई। इस तरह कुल 41 हजार 519 होमगार्ड की ड्यूटी खत्म हुई है।''
रामेंद्र कहते हैं, ''प्रदेश में कुल 87 हजार होमगार्ड ड्यूटी पर थे। इन दो फैसलों की वजह से आधे बेराजगारी के कगार पर आ गए हैं। अगर मंत्री जी की बात में सच्चाई है तो वो विभाग से इन 41 हजार 519 होमगार्ड की ड्यूटी के लिए एक लिखित आदेश जारी करवा दें। हमें विश्वास हो जाएगा।''
दरअसल होमगार्ड विभाग के मंत्री चेतन चौहान ने ट्विटर पर लिखा कि ''यह बिल्कुल सही है कि उत्तर प्रदेश के किसी भी होमगार्ड के जवान को नहीं निकाला जायेगा, निकृष्टतम परिस्थितियों में भी नहीं। जहां तक ड्यूटी समय की बात है वह शासन की जरूरतों पर निर्भर होता है। सरकार के विभिन्न विभागों की जरूरत से ही होमगार्ड्स की ड्यूटियां तय होती हैं।''
चेतन चौहान के 'ड्यूटी समय' वाली बात पर रामेंद्र कहते हैं, ''असल मुद्दा तो ड्यूटी का ही है। यह मुद्दा नहीं कि हमें नौकरी से निकाला जा रहा है। हम लोग जितने दिन काम करेंगे उस हिसाब से हमारा वेतन बनता है। हमारा कोई फिक्स वेतन तो है नहीं। इन दो फैसलों से हमारी ड्यूटी छीन ली गई है। अब होमगार्ड विभाग में बने ही रहें और काम न मिले तो क्या फायदा। हमें ड्यूटी मिले और नियमित मिले यह हमारी मांग है।''
रामेंद्र की तरह ही लखनऊ में होमगार्ड के तौर पर तैनात अवधेश कुमार भी मंत्री चेतन चौहान के आश्वासन से खुश नजर नहीं आते। वो कहते हैं, ''आश्वासन से कुछ होने वाला नहीं है। कोई लिखित में आदेश होता तो हमें संतोष भी होता। हमारी ड्यूटी खत्म करने का लिखित में आदेश आया है और इसके बाद से ही हमारे परिवार में मातम पसरा हुआ है। पत्नी, बच्चे सब चिंता में हैं। मंत्री जी आश्वासन की जगह लिखित में आदेश जारी करवा दें तो राहत की बात होगी।''
जौनपुर के रहने वाले होमगार्ड ओम तिवारी खुद को बेराजगार होमगार्ड कहलाना पसंद करते हैं। वो कहते हैं, ''होमगार्ड के नाम के आगे बेराजगार लिख कर यह प्रमाणित कर देना चाहिए कि इनके पास काम नहीं है। ऐसे में चीजें साफ हो जाएंगी।'' ओम कहते हैं, ''जब सपा की सरकार थी तो राज्यपाल राम नाईक की ओर से होमगार्ड को नियमित करने का पत्र मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास भेजा गया था, लेकिन उसपर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। अब तो बीजेपी की सरकार है, कम से कम यह काम कर दिया जाना चाहिए।''
गोंडा जिले के महेश कुमार पांडे कहते हैं, ''हमारी सिर्फ तीन मांग रही हैं। पहला 100% ड्यूटी, दूसरा पुलिस कांस्टेबल के न्यूनतम वेतन के बराबर वेतन और तीसरी मांग है कि दैनिक भत्ता के साथ प्रशिक्षण भत्ता भी बढ़ना चाहिए। अब इस मांग में एक और मांग जुड़ गई है कि बर्खास्त होमगार्ड्स को बहाल किया जाए। हम क्या ज्यादा मांग रहे हैं? हम किसी पुलिस कांस्टेबल के बराबर ही काम करते हैं, लेकिन वेतन के नाम पर कुछ खास नहीं मिल रहा।''
महेश कुमार पांडे कहते हैं, ''आप हमारी स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगा लीजिए कि जिस जिस दिव्य कुंभ में इतना ज्यादा बजट रखा गया था, उस कुंभ की सैलरी आज तक नहीं मिली है। तो मैं तो बस इतना कहूंगा कि मंत्री जी आप आश्वासन मत दीजिए, हमें लिखित में आदेश दीजिए, हम बहुत आभारी रहेंगे।''
वहीं, अयोध्या से रहने वाले होमगार्ड लव कुश चौरसिया कहते हैं, ''मंत्री जी कह रहे हैं कि किसी भी होमगार्ड को निकाला नहीं जाएगा। बल्कि निकालने की कोई बात ही नहीं है। हम होमगार्ड तो रहेंगे ही, हमारी ड्यूटी खत्म की जा रही है। जब ड्यूटी ही नहीं रहेगी तो विभाग में रहते हुए भी हमें सैलरी नहीं मिल सकती। मंत्री जी को समझना चाहिए कि हमें निकाला नहीं जा रहा, बल्कि ड्यूटी काटी जा रही है। हमें ड्यूटी मिल जाए तो बेहतर होगा।''
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