उदयपुर: होम स्टे बन रहा है लोगों के रोजगार का जरिया, पर्यटकों को मिलती है घर वाली सुविधा

Vivek ShuklaVivek Shukla   26 Sep 2019 7:50 AM GMT

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उदयपुर, राजस्‍थान। उदयपुर एक खूबसूरत जगह है, जिसे 'झीलों के शहर' के नाम से भी जाना जाता है। यह शहर शानदार किलों, मंदिरों, खूबसूरत झीलों, महलों, संग्रहालयों और वन्यजीव अभयारण्यों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां के स्‍थानीय लोगों के लिए बेहतर रोजगार का प्रमुख जरिया टूरिज्‍म है। यहां का होम स्‍टे (घर पर ही होटल) का काम भी बहुत प्रसिद्ध है और यह रोजगार का प्रमुख जरिया भी है।

होम स्‍टे का काम उदयपुर में युवाओं के पलायन को रोकने का एक जरिया बन चुका है। इसकी मदद से लोगों को बेहतर पर्यटन और ग्रामीणों को भी अच्‍छा रोजगार मिल रहा है। पर्यटकों को अपने पसंदीदा पर्यटन स्थल में घर जैसे रहने का मौका मिलता है। प्राकृतिक वातावरण में ठहरने और खाने-पीने की पूरी व्यवस्था कम पैसे पर ही मिल जाती है। होम स्‍टे से दोनों लोगों को फायदा होता है, जिनका घर होता है उन्‍हें पैसे मिल जाते हैं और जो बाहर से आए हैं उन्‍हें कम पैसे में घर जैसा माहौल मिलता है।

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होम स्‍टे के कमरों की सजावट

होम स्‍टे चलाने वाले सत्‍यपाल सिंह गांव कनेक्‍शन को बताते हैं, "महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने वर्ष 1559 में इस शहर की स्थापना की। यह जगह भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपरा के लिए विख्यात है। बीते दिनों राजस्‍थान सरकार ने एक खास योजना चलाई, जिसकी मदद से आप अपने घर को स्‍टे होम में बदल सकते हैं।"

घर की तरह मिलता है प्‍‍‍‍‍यार

सत्यपाल उदय सिंह बताते हैं, "स्‍टे होम से टूरिस्‍टों को बड़ी राहत मिली है। जैसा कि सबको पता है कि टूरिज्‍म इंडस्‍ट्री में बिचौलियों का कमीशन तय होता है लेकिन स्‍टे होम में आपको कम पैसे में बेहतर सुविधा मिलेगी। हम टूरिस्‍टों को सबसे अच्‍छी सुविधा प्रदान करते हैं।"

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मार्च और सितंबर में करें उदयपुर की सैर

सत्‍यपाल ने बताया कि उदयपुर घूमने के लिए सितंबर और मार्च का महीना बहुत अच्‍छा होता है। बहुत से लोग गर्मियों के दौरान इस जगह का दौरा करने से बचते हैं क्योंकि इस जगह का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है। मानसून के मौसम के दौरान इस क्षेत्र में कम वर्षा होती है, जिससे हवा में काफी नमी रहती है। सर्दियों का मौसम इस शहर के चारों ओर दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए अनुकूल होता है।

होम स्‍टे चलाने वाली प्रोफेसर ज्‍योत्‍सना झाला गांव कनेक्‍शन को बताती हैं, "उदयपुर शहर लोगों की भावना से जुड़ा हुआ शहर है, इस शहर से लोग बहुत जल्‍दी जुड़ जाते हैं। यहां बाहर से लोग आते हैं और अगर वे होटल में रुकते हैं तो उन्‍हें अधिक पैसों के साथ ही तमाम प्रोटोकॉल फॉलो करना पड़ता है। होटल का उद्देश्‍य ही यही होता है कि ज्‍यादा से ज्‍यादा इनसे कमाया जाए। लेकिन होम स्‍टे में ऐसा कुछ नहीं होता है।"

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योजना बनाकर यात्रा को बनाते हैं मजेदार

ज्‍योत्‍सना कहती हैं, "जब कोई पर्यटक उदयपुर से वापस घर जाता है तो वह अपना अनुभव लोगों से साझा करता है। ऐसे में हम उनके अनुभव को और बेहतर बनाने का काम करते हैं। हम उन्‍हें कम समय में अधिक जगह घुमने का पूरा प्‍लान बना कर दे देतें हैं। इससे पर्यटक को पता चल जाता है कि शहर के कौन से हिस्‍से में कौन सी जगह घूमने के लिए अच्‍छी है या शहर में कौन से बाजार में सस्‍ता और अच्‍छा सामान मिलेगा। ये सारी जानकारी हम उन्‍हें दे देते हैं। इससे शहर में घूमने और खरीदारी करने में उन्‍हें कोई दिक्‍कत नहीं होती है।"

कमरे से दिखाई देता है मनोरम दृश्‍य

ज्‍योत्‍सना बताती हैं कि यह पूरा शहर झीलों के किनारे बसे हुए हैं साथ ही वे पहाड़ों से भी घ‍िरे हुए हैं। कमरे की खिड़की खोलते ही झीलों से खूबसूरत नजारे दिखाई देते हैं। इससे लोगों को बहुत सुकून मिलता है। होम स्‍टे का कमरा 550 रुपए से शुरू होता है और यह अध‍िकतम 2500 रुपए तक होता है। वहीं खाने का दाम भी होटल की तुलना में सस्‍ता होता है। यहां की शुरूआत भी 100 रुपए थाल से शुरू होकर 250 रुपए तक की आती है। इसके अलावा टूरिस्‍ट अगर बाहर खाना चाहता है तो उसे आसपास के सबसे अच्‍छे जग‍ह की जानकारी दी जाती है।

   

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