रेमंड कंपनी के मालिक को बेटे ने निकाला घर से, रह रहे हैं किराए के घर में
गाँव कनेक्शन 10 Aug 2017 9:30 AM GMT
लखनऊ। भारत के जाने-माने उद्योग पति विजयपत सिंघानिया इन दिनों एक-एक पैसे के लिये मोहताज हो गये हैं। 12 हजार करोड़ रुपये के रेमंड ग्रुप के मालिक आज सड़कों पर घूम रहे हैं। 78 वर्षीय सिंघानिया को किराये के मकान में रहना पड़ रहा है। वजह है उनके घर में छिड़ा गृहयुद्ध। इसके लिये वो अपने बेटे गौतम सिंघानिया पर आरोप लगाते हैं।
उनका ओरोप है कि उनके बेटे ने उन्हें एक-एक पैसे के लिये मोहताज कर दिया है। हाल ही में सिंघानिया ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जेके हाउस में अपने ड्यूप्लेक्स घर का पजेशन मांगा है। इसके बाद बुधवार को सिंघानिया के वकील ने कोर्ट को बताया कि विजयपत कैसे पैसों की तंगी से जूझ रहे हैं।
ये भी पढ़ें- अब सूरत में भी चलेगी बिना ड्राइवर के मेट्रो
सारे शेयर कर दिये बेटे के नाम
रेमंड समूह के मालिक विजयपत सिंघानिया ने कंपनी में अपने सारे शेयर अपने बेटे गौतम के नाम कर दिये। इन शेयर्स की कीमत 1000 करोड़ रुपये के लगभग बतायी जा रही है। लेकिन अब बेटे ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया है। यहां तक कि सिंघानिया की गाड़ी और ड्राइवर भी छीन लिये गये हैं।
उनके वकील ने बताया, विजयपत सिंघानिया ने अपने बेटे गौतम सिंघानिया को व्यवसाय सौंपने से पहले रेमंड लिमिटेड को देश में सबसे बड़े ब्रांडों में से एक बना दिया और आज रेमंड के बॉस गौतम, कंपनी के साथ ऐसा बरताव कर रहे हैं जैसे कि वह उनकी व्यक्तिगत जागीर हो।
ये है विवाद की जड़
विजयपत सिंघानिया ने जिस घर के पजेशन के लिए याचिका दायर की है, वह जेके हाउस 1960 में बना था और तब 14 मंजिला था। बाद में इस बिल्डिंग के 4 ड्यूप्लेक्स रेमंड की सब्सिडरी पश्मीना होल्डिंग्स को दे दिये गये़ साल 2007 में कंपनी ने इस बिल्डिंग को फिर से बनवाने का निर्णय लिया।
ये भी पढ़ें- बिहार में खुला अनोखा सैनिटरी नैपकिन बैंक, ऐसे करेगा काम
डील के मुताबिक सिंघानिया और गौतम वीनादेवी (सिंघानिया के भाई अजयपत सिंघानिया की विधवा) और उनके बेटों अनंत और अक्षयपत सिंघानिया को 5,185 स्क्वायर फीट का एक-एक ड्यूपलेक्स मिलना था।
इसके लिए उन्हें 9 हजार प्रति वर्ग फीट की कीमत चुकानी थी। अपार्टमेंट में अपने हिस्से के लिए वीनादेवी और अनंत ने पहले से ही एक संयुक्त याचिका दायर की हुई है, वहीं अक्षयपत ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक अलग याचिका दायर की है।
1988 में लंदन से मुंबई तक अकेले उड़ान भरी थी
- ओमान में कंपनी का पहला विदेशी शोरूम 1990 में खुला था 1996 में देश में एयर चार्टर सर्विस शुरू की।
- स्पोर्ट स्पिरिट रखने वाले विजयपत ने 1988 में लंदन से मुंबई तक अकेले हवाई उड़ान पूरी की।
- पद्म भूषण से सम्मानित विजयपत ने ‘एन एंजल इन ए कॉकपिट’ शीर्षक से किताब भी लिखी।
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।
More Stories