अस्पताल ने नहीं किया भर्ती, नाले में दिया बेटी को जन्म
गाँव कनेक्शन 16 Dec 2017 4:18 PM GMT
ओडिशा के कोरापुट जिले में डॉक्टरों के लिए कागजी दस्तावेज ज्यादा जरूरी थे दर्द से कराहती गर्भवती की चीखें शायद उनके लिए रूटीन बन चुकी थीं। यह गर्भवती महिला अपने बीमार पति को देखने अस्पताल गई थी कि अचानक उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई।
डॉक्टरों के इनकार करने पर उस महिला का प्रसव अस्पताल के कैंटीन के नाले में कराया गया। जब खबर आम हुई तो अस्पताल प्रशासन ने महिला को भर्ती कर लिया। हालाँकि, अस्पताल के सुप्रिटेंडेंट ने इस बात से इनकार किया कि डॉक्टरों ने महिला को भर्ती करने से मना किया था।
Odisha: Woman gave birth in drain near hospital's canteen in Koraput after doctors allegedly refused to check her due to lack of documents, now admitted. She was visiting her ailing husband there when she complained of labor pain. Hospital's superintendent refutes allegations pic.twitter.com/0dNZeJDQTv
— ANI (@ANI) December 16, 2017
लगभग एक साल पहले पत्नी की लाश कंधे पर लादे दाना मांझी की तस्वीरें दुनिया भर में देखी जा रही थीं। कंधे पर चादर में लिपटी पत्नी की लाश, सिर झुकाए हुए दाना मांझी और साथ में रोती 12 बरस की उनकी बेटी। मांझी कालाहांडी के सरकारी अस्पताल से 60 किलोमीटर दूर स्थित अपने गांव के लिए इसी तरह चल पड़ा था। दाना के पास पैसे नहीं थे सो अस्पताल ने एंबुलैंस नहीं दी।10 किलोमीटर इसी तरह चलने के बाद जब उस पर किसी मीडियाकर्मी की नजर पड़ी तब जाकर दाना को एंबुलैंस मिली और दाना मांझी की खबर दुनिया तक पहुंची।
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साल गुजर गया लेकिन हालात नहीं बदले। बेटी बचाने का नारा लगाने वाले समाज में एक गर्भवती महिला अपनी बेटी को नाले में जन्म देने के लिए मजबूर हुई। खैर मौका खुशी का था मातम का नहीं, लेकिन बात शर्म की जरूर है।
यह घटना कोरापुट स्थित शहीद लक्ष्मण नायक मेडिकल कॉलेज की है जहां शुक्रवार धनेई मुदुली नाम की यह महिला अपने बीमार पति को देखने गई थी। उसके पति रघु मुदुली को बुखार था जिसके इलाज के लिए उसे बुधवार को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था।
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द न्यू इंडिया एक्सप्रेस के मुताबिक, जब धनेई की हालत खराब होने लगी तो वह मदद के लिए अस्पताल के ओपीडी में गई। वहां डॉक्टरों ने उससे मेडिकल रिपोर्ट और पर्ची लेकर आने को कहा। रिपोर्ट वगैरह न होने से धनेई को ओपीडी में नहीं घुसने दिया गया।
कोई दूसरा रास्ता न देख दर्द से बेहाल धनेई अस्पातल परिसर में चाय की दुकान के पास बने एक सूखे नाले में लेट गई। यहीं उसने एक बेटी को जन्म दिया, पास से गुजरने वालों ने उसे किसी तरह अस्पताल पहुंचाया। इस बारे में पूछताछ करने पर अस्पताल के सुप्रिटेंडेंट सीताराम महापात्रा ने इस बात से इनकार किया कि धनेई किसी डॉक्टर के पास गई थी। महापात्रा के मुताबिक, इस महिला को यह अंदाजा नहीं था कि उसे प्रसव होने वाला है। यह अपने पति को देखने आई थी, लघुशंका के लिए नाले में गई वहीं उसे प्रसव हो गया। बाद में उसे और बच्ची को भर्ती करा लिया गया है। दोनों स्वस्थ हैं। बहरहाल, इस घटना की खबर फैलने पर नागरिक संगठनों ने मामले की उच्च् स्तरीय जांच की मांग की है।
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