नागौर में गैंगस्टर आनंदपाल के गांव में हिंसक प्रदर्शन, एक पुलिसकर्मी की मौत

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नागौर में गैंगस्टर आनंदपाल के गांव में हिंसक प्रदर्शन, एक पुलिसकर्मी की मौतआंदोलनकारियों ने नागौर एसपी पारिस देशमुख की कार पर भी हमला किया। उन्होंने कार में तोड़फोड़ की।

जयपुर। 24 जून को पुलिस के एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर आनंदपाल का अंतिम संस्कार अभी तक नहीं हो पाया। उसके परिजन इस बात पर अड़े हुए हैं कि जब मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए तभी वे आनंदपाल का अंतिम संस्कार करेंगे।

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बुधवार को आनंदपाल के गृह ज़िले नागौर के सावरांद गांव में उसको श्रंद्धाजलि देने के लिए हुंकार रैली बुलाई गई थी लेकिन ये रैली अचानक हिंसक हो गई। यहां आंदोलनकारियों और पुलिस के बची झड़प में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई व 28 लोग घायल हो गए। घायल होने वालों में 21 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इनमें से पांच घायलों को सवाई मान सिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आंदोलनकारियों ने नागौर एसपी पारिस देशमुख की कार पर भी हमला किया। उन्होंने कार में तोड़फोड़ की।

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आनंदपाल को श्रद्धांजलि देने और उसकी मौत के मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर बुधवार को सावरांद गांव में हुंकार रैली का आयोजन किया गया था लगभग एक लाख लोग शामिल हुए। शाम को अचानक यह भीड़ उग्र हो गई और पुलिस पर हमला कर दिया। उग्र राजपूत समाज के युवकों ने डेगाना-रतनगढ़ रेल पटरी पर कब्जा कर लिया। इस कारण दो ट्रेनों को रोकना पड़ा। नागौर-अजमेर राजमार्ग पर भी राजपूतों ने कब्जा कर रखा है।

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इसके बाद सरकार और आंदोलनकारियो के बीच सीबीआई जांच को लेकर सहमति बन गई, जिसके बाद परिवार 16 जुलाई को आनंदपाल के अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गया। अब हिंसा हो जाने से इस समझौते की आधिकारिक घोषणा अधर में लटक गई।

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आनंदपाल के पैतृक गांव सांवराद से कुछ दूर डीडवाना में दोपहर से चल रही समझौता वार्ता में सरकार ने दो मांगें तो मान लीं इनमें एक उसकी जब्त सम्पति वापस परिजनों को सौंपने और दूसरी गैंगस्टर की बड़ी बेटी चिनू के खिलाफ पुलिस में दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग शामिल है। राजपूत समाज ने घोषणा की है कि अगर सीबीआइ जांच की मांग नहीं मानी गई तो आनंदपाल का शव लेकर वे राजधानी जयपुर कूच करेंगे।

             

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