अलगावादियों, पाकिस्तान तक पहुंच बनाने का विचार हुआ था गठबंधन के एजेंडे में: पीडीपी नेता
गाँव कनेक्शन 10 May 2017 9:11 PM GMT
श्रीनगर (भाषा)। भाजपा की जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष द्वारा अलगाववादियों से बातचीत नहीं करने की वकालत करने के एक दिन बाद सहयोगी पीडीपी के एक वरिष्ठ नेता ने उनके रुख से असहमति जताते हुए कहा कि दोनों दलों के बीच गठबंधन के एजेंडे में पाकिस्तान समेत सभी पक्षों तक पहुंच का विचार था।
पीडीपी के उपाध्यक्ष मोहम्मद सरताज मदनी ने एक बयान में भाजपा नेताओं से अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल के समय का अनुसरण करने को कहा और उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य को मौजूदा दलदल से बाहर निकालने के लिए नये सिरे से शांति पर विमर्श की शुरुआत करेंगे।
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मदनी ने कहा कि प्रमुख राजनीतिक मुद्दों पर सुलह और समझ के दरवाजों को बंद करने का विचार ही शांति की प्रक्रिया को बाधित करता है और इससे जनहित नहीं होगा। पीडीपी और भाजपा के बीच हुए एजेंडा ऑफ अलायंस (एओए) का जिक्र करते हुए मदनी ने कहा कि इसमें अलगाववादियों और पाकिस्तान समेत सभी पक्षों तक पहुंच की उम्मीद और वादे पर विचार हुआ था।
मदनी ने कहा कि पीडीपी संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समर्थन से 2002 से 2005 के बीच जम्मू कश्मीर में शांति और समाधान के लिए रास्ता दिखाया था।
उन्होंने कहा कि तब के हालात पर जनता की सराहना मिली, आपसी सहयोग और समझ बढी जिसके चलते विकास, स्थिरता और शांति का दौरा शुरु हुआ। भारत और पाकिस्तान के संबंध सुधरे थे। मदनी ने कहा, ‘‘इसी पृष्ठभूमि में पीडीपी ने भाजपा और केंद्र सरकार पर भरोसा किया था।'' उन्होंने कहा कि जब मोदी ने पाकिस्तान का दौरा करके सब को चौंका दिया था तो शांति और राजनीतिक प्रक्रिया ने फिर से रफ्तार पकड़ी थी। पीडीपी नेता ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से कुछ उकसावे वाले तत्वों ने इस बीच में अवरोध पैदा किये।''
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