मध्यप्रदेश: इस गांव में प्रवेश करने से पहले दिखाना पड़ता है पहचान पत्र
Rashmi Vaidya 7 Sep 2019 12:42 PM GMT
नरसिंहपुर (मध्यप्रदेश)। देश में आजकल बच्चा चोरी होने की अफवाह तेजी से फैल रही है। ऐसे में कई जगह से हिंसा की खबर भी सामने आई है। इन अफवाहों से बचने के लिए मध्यप्रदेश के एक गांव ने अनोखा तरीका निकाला है। इनके गांव में जाने के लिए आपको अपना आधार कार्ड या अन्य परिचय पत्र दिखाना होगा। अगर आपके पास परिचय पत्र नहीं है तो आपको गांव में प्रवेश नहीं मिलेगा।
यह गांव का नाम झामर है जो मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में पड़ता है। प्रदेशभर में इन दिनों बच्चा चोरी की अफवाह की खबरों के बीच गांव के लोगों ने अनजान लोगों के गांव में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। अगर किसी को गांव में रिश्तेदार से मिलने जाना है तो उसे अपनी पहचान बतानी होगी।
इसे भी पढ़ें- 300 की आबादी वाले गांव में 50 लोगों को पथरी, इलाज के लिए अपना रहे जानलेवा तरीके
स्थानीय निवासी अंकित पटेल ने बताया कि ऐसा करने से गांव में आने वाले व्यक्ति की पहचान भी सुनिश्चित हो सकेगी और लोगों को बच्चा चोरी की दहशत से भी छुटकारा मिल सकेगा। ये बहुत ही अच्छी पहल है, हालांकि बच्चा चोरी की बातें पूरी तरह से अफवाह है फिर अपनी सुरक्षा को देखते हुए यह नियम बनाया गया है।
ग्रामीण जितेंद्र लोधी का कहना है, "पिछले कई दिनों से गांव में बच्चा चोरी करने वाले लोगों की अफवाह फैल रही थी। ऐसे में कोटवार (पहरेदार) की सलाह पर हम गांव में आने वाले हर व्यक्ति से उनकी पहचान के लिए आधार कार्ड या अन्य कोई परिचय पत्र लेते है। पूर्ण संतुष्टि होने पर ही गांव में अपरिचित को प्रवेश करने दिया जाता है।"
इसे भी पढ़ें- इस गांव को बुलाया जाता है नीम वाला गांव, यह है खास वजह
वहीं स्थानीय निवासी अमित सिंह ने बताया कि ऐसा करने से ग्रामीणों के मन में बच्चा चोरी का जो भी भय बना हुआ है वो सभी खत्म हो जाएगा। इसके अलावा अगर कहीं कुछ अनहोनी होती है तो पुलिस को आरोपी तक पहुंचने में आसानी होगी।
लोगों की जांच पड़ताल के लिए सेवकराम चढार नाम के एक शख्स को कोटवार (पहरेदार) बनाया गया है। यह गांव में लोगों के घर जाकर जागरूक करते हैं कि ऐसी अफवाहों पर यकीन नहीं करना चाहिए।
अपर कलेक्टर मनोज ठाकुर ने कहा, "इस तरह की जागरूकता से न केवल अफवाहों पर रोक लगेगी। साथ ही अपराधों में भी कमी आएगी। प्रशासन भी अब इस पहल को मुहिम बनाने की बात कह रहा है। एक छोटी सी समझदारी कभी-कभी बड़ा बदलाव का सबब बन जाती है। झामर गांव उसका ताजा उदाहरण है।"
More Stories