आईएमए ने एनएमसी विधेयक को गरीब ग्रामीण रोगियों के लिए खतरा बताया
चिकित्सा निकाय ने अपनी स्थानीय शाखाओं में प्रदर्शन और भूख हड़ताल करने की भी अपील की है, साथ ही मेडिकल छात्रों से अपील की गयी है कि वे कक्षाओं का बहिष्कार करें और आईएमए के साथ एकजुटता दिखाएं
गाँव कनेक्शन 5 Aug 2019 1:19 PM GMT
नई दिल्ली। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक में कुछ प्रावधानों के खिलाफ आठ अगस्त को हड़ताल का आह्वान किया है। इसने कहा कि मेडिकल के छात्र आईएमए मेडिकल स्टूडेंट्स नेटवर्क के तहत देशभर में हड़ताल जारी रखेंगे। आईएमए की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, ''यह आह्वान सभी आधुनिक मेडिसिन चिकित्सकों के लिए है कि वे सभी सेक्टर में हर स्तर पर अपने कार्य स्थल को छोड़ दें।''
विधेयक के पिछले हफ्ते राज्यसभा में पारित होने के बाद से इसके कुछ प्रावधानों के खिलाफ चिकित्सक प्रदर्शन कर रहे हैं। आईएमए ने कहा, ''एनएमसी विधेयक 2019 वर्तमान प्रारूप में चिकित्सा क्षेत्र के लिए अस्वीकार्य है। कम्युनिटी स्वास्थ्य प्रदाता हजारों गरीब ग्रामीण रोगियों के लिए यह सीधा खतरा हैं। देश का स्वास्थ्य क्षेत्र खतरे में है। हम मांग करते हैं कि भारत सरकार आधुनिक चिकित्सकों से सार्थक वार्ता करे और समस्या का त्वरित समाधान करे।''
We are open for talks with the National Government but the government is not ready to talk with us on #NMCBill pic.twitter.com/Noq7I0Jfrr
— Indian Medical Association (@IMAIndiaOrg) August 5, 2019
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चिकित्सा निकाय ने अपनी स्थानीय शाखाओं में प्रदर्शन और भूख हड़ताल करने की भी अपील की है। साथ ही मेडिकल छात्रों से अपील की गयी है कि वे कक्षाओं का बहिष्कार करें और आईएमए के साथ एकजुटता दिखाएं। एम्स और सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट्स चिकित्सकों ने शनिवार को अपनी हड़ताल खत्म कर दी थी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन के इस आश्वासन के बाद काम पर लौट गए थे कि एनएमसी विधेयक को लेकर उनकी चिंताओं का समाधान किया जाएगा।
WE WANT JUSTICE! pic.twitter.com/ODx65U4so0
— Indian Medical Association (@IMAIndiaOrg) July 29, 2019
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) के महासचिव डॉ. सुनील अरोड़ा का कहना है, " देश में डॉक्टरों की भारी कमी है और सरकार चिकित्सा शिक्षा में विस्तार की राह में एमसीआई पर रोड़ा अटकाने की बात कह रही है। सरकार एमसीआई में भ्रष्टाचार होने की बात कह रही है, ऐसे में सरकार को इस विधेयक को लाने के बजाय एमसीआई को भ्रष्टाचार से मुक्त करने पर ध्यान देना चाहिये था। एमसीआई को खत्म करना कोई लोकतांत्रिक प्रक्रिया नहीं है। योग्य एवं प्रशिक्षत चिकित्सकों को ही चिकित्सा सेवा करने देना चाहिये।"
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Dr.Shantanu Sen,National President,IMA joins the mass protest against NMC Bill.@drharshvardhan @docraviw #health #NMCBill pic.twitter.com/yxbeodvmj2
— Indian Medical Association (@IMAIndiaOrg) July 29, 2019
एनएमसी विधेयक में एमसीआई के स्थान पर राष्ट्रीय मेडिकल आयोग के गठन का प्रावधान है ताकि चिकित्सा शिक्षा, पेशा और संस्थानों के सभी पहलुओं का विकास और विनियमन किया जा सके। चिकित्सक विधेयक में कुछ संशोधन चाहते हैं। उनके मुताबिक अगर इनमें संशोधन नहीं हुए तो विधेयक से चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं पतन की ओर जाएंगी। चिकित्सक विधेयक की धाराओं 32 (1), (2) और तीन का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे नीम-हकीमों का उत्साह बढ़ेगा। चिकित्सकों ने कहा कि नेक्सट को लागू करने और नीट-पीजी को खत्म करने पर कोई स्पष्टता नहीं है।
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