सामूहिक बलात्कार के दोषियों ने डकैती के एक मामले में उच्च न्यायालय का रुख किया  

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सामूहिक बलात्कार के दोषियों ने डकैती के एक मामले में उच्च न्यायालय का रुख किया  प्रतीकात्मक फोटो।

नई दिल्ली (भाषा)। दिल्ली के बहुचर्चित निर्भया कांड के चार में से तीन दोषियों ने डकैती के एक मामले में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। बताया जा रहा है कि 16 दिसंबर सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी करार दिए गए चार लोगों में से तीन डकैती के एक मामले में भी आरोपी हैं। इसमें निचली अदालत ने 10 साल जेल की सजा सुनाई है, साथ ही तीनों के ऊपर जुर्माना भी लगाया गया था।

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इसी फैसले को चुनौती देते हुए इन तीनों ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है। इस मामले में न्यायमूर्ति एसपी गर्ग ने दोषियों अक्षय कुमार सिंह, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की अपील को विचारार्थ स्वीकार किया और कहा कि प्रक्रियाबद्ध तरीके से इसकी सुनवाई होगी। उल्लेखनीय है कि इन तीनों ने उच्च न्यायालय के समक्ष आरोप लगाया कि निचली अदालत का आदेश ‘कानूनी रूप से गलत और स्वाभाविक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ' है।

आपकों बता दें कि निचली अदालत ने दो सितम्बर, 2015 को इन तीनों के अलावा मुकेश नामक दोषी को भी 10 साल की सजा सुनाई थी। अदालत ने कहा था कि ये लोग किसी नरमी के हकदार नहीं है। अदालत ने चारों में से हर दोषी पर 1.01 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। ये सभी फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। इन लोगों ने वकील एपी सिंह के जरिए अपील दायर की है। इनकी याचिका में कहा गया है कि अभियोजन पक्ष इस मामले को साबित करने में नाकाम रहा है और कोई ठोस सबूत उपलब्ध नहीं कराया। ये लोग 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली में हुई सामूहिक बलात्कार की घिनौनी घटना के दोषी हैं। कुल छह लोगों ने 23 साल की लड़की के साथ बलात्कार किया था और हैवानियत का व्यवहार किया था। घटना के कुछ दिनों बाद इस लड़की की मौत हो गई थी।

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