मानसून: देश के 641 में से 254 जिलों में हुई कम बारिश, मंडरा रहा सूखे का खतरा

मानसून सीजन में हुई कम बारिश का असर खरीफ से ज्यादा रबी के सीजन में नजर आएगा, ये किसान और अर्थव्वस्था के लिए झटका साबित हो सकता है।

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मानसून: देश के 641 में से 254 जिलों में हुई कम बारिश, मंडरा रहा सूखे का खतरा

नई दिल्ली। केरल, नागालैंड और पूर्वी यूपी के कई जिलों समेत देश के कई इलाके बाढ़ की चपेट में रहे तो बिहार और राजस्थान के इलाकों मानसून में भी पानी को तरसते रहे। मानसून की वापसी का वक्त आ गया है और ये लगभग तय है कि देश के 641 में से 254 जिलों में कम बारिश हुई है।

इस साल अगस्त और सितंबर के तीसरे सप्ताह तक दक्षिण पश्चिम मानसून की झमाझम बारिश के बावजूद देश के लगभग 40 प्रतिशत जिलों में सूखे जैसी स्थिति है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इसकी स्पष्ट वजह मानसून का संघनित नहीं होने के कारण बारिश का असमान वितरण है। मौसम विभाग के मानसून संबंधी आंकड़ों के अनुसार अगस्त के अंतिम दो सप्ताह और सितंबर के पहले सप्ताह में बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल, असम और गुजरात के कुछ इलाकों में भारी बारिश के कारण एक तरफ बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी, वहीं इसी अवधि में बारिश की कमी के कारण देश के 641 जिलों में से 254 जिलों में (39.6प्रतिशत) सामान्य से काफी कम बारिश हुई।

मौसम विभाग के मानसून संबंधी आंकड़ों के अनुसार अगस्त के अंतिम दो सप्ताह और सितंबर के पहले सप्ताह में बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल, असम और गुजरात के कुछ इलाकों में भारी बारिश के कारण एक तरफ बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी, वहीं इसी अवधि में बारिश की कमी के कारण देश के 641 जिलों में से 254 जिलों में (39.6प्रतिशत) सामान्य से काफी कम बारिश हुई।

ये जिले झारखंड, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, बिहार, पश्चिमी राजस्थान, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक के हैं। कृषि मंत्रालय के मानकों के मुताबिक अगर यह आंकड़ा 40 प्रतिशत के स्तर को पार कर जाता है तो इसे 'कम बारिश' वाला साल करार दिया जायेगा।

देश में राजस्थान, बिहार समेत कई राज्यों में कम बारिश हुई है, जिसका असर रबी के सीजन पर पड़ सकता है। फोटो- गांव कनेक्शन

खरीफ की फसल हो गई रबी में आएगी कई राज्यों में दिक्कत

राजस्थान में राजसमंद जिले में पिपलांत्री गांव के जल संरक्षण समिति के सचिव भंवर सिंह सिसौदिया अपने गांव के खाली बांध दिखाते हुए कहते हैं, इस बार बारिश ही नहीं हुई वर्ना ये छोटे-छोटे गड्ढे सब भरे होते।' राजस्थान में ही उदयपुर जिले में मेनार गांव के शांति लाल (68 वर्ष) भी बारिश की कमी से निराश हैं। उदयपुर में कृषि विभाग के वैज्ञानिक डॉ. सुरेश जैन के कहते हैं, जिनती बारिश हुई है उससे खरीफ की फसलें तो हो जाएंगी लेकिन रबी के दौरान दिक्कत होगी। बारिश कम हुई है।'

उल्लेखीय है कि राष्ट्रीय पैमाने पर बारिश की कमी का स्तर जून में पांच प्रतिशत से बढ़कर 16 सितंबर को नौ प्रतिशत पर पहुंच गया। गत एक जून से 16 सितंबर तक की अवधि में पूरे देश में बारिश के सामान्य स्तर (819.7 मिमी) की तुलना में 743.8 मिली दर्ज किया गया। हालांकि मौसम विभाग ने अभी मानसून की वापसी शुरु होने में एक सप्ताह से अधिक समय लगने की संभावना जताते हुए बारिश की कमी के स्तर में सुधार की उम्मीद जतायी है।

19 से 24 सितंबर के बीच हो सकती है बारिश

मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 19 से 24 सितंबर तक पूर्वोत्तर राज्यों, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बारिश का एक और दौर देखने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून की अवधि में इजाफे के कारण होने वाली संभावित बारिश से राष्ट्रीय स्तर पर बारिश की कमी के आंकड़ों में सुधार की उम्मीद है।

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