घाटी में 300 व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए फैलाई गई थी हिंसा

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घाटी में 300 व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए फैलाई गई थी हिंसाप्रतीकात्मक तस्वीर

श्रीनगर। 13 अप्रैल से कश्मीर घाटी में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई जिसके बाद से पत्थरबाजी पर फर्क पड़ा है। सेवाएं बंद किये जाने से घाटी में पुलिस और सेना के जवानों पर होने वाली पत्थरबाजी की वारदातों में लगभग 90 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक करीब 300 व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए पत्थरबाजों को सुरक्षा बलों के ऑपरेशन की जानकारी दी जाती थी और उन्हें ऑपरेशन किये जा रहे स्थान पर इकट्टठा किया जाता था।

कश्मीर में सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की घटनाएं बढ़ गई थीं और हाल के दिनों में आतंकियों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई के दौरान बाधा डालने की घटनाएं बढ़ गई थीं। इसके लिए घाटी के युवाओं को व्हाट्सएप और दूसरे सोशल एप के जरिये उकसाया जाता था लेकिन घाटी में इंटरनेट सेवाएं बंद होने के बाद से ऐसे करीब 90 फीसदी ग्रुप बंद हो गए हैं जिसका असर ये हुआ है कि राज्य में पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है।

राज्य पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि कि इंटरनेट सेवा को निलंबित करने के फैसले से सकारात्मक नतीजे सामने आ रहे हैं। इससे मुठभेड़ स्थलों पर पत्थरबाजी पर लगाम लगी है। उन्होंने शनिवार को बडगाम जिले में आतंकियों के साथ मुठभेड़ का हवाला भी दिया। उन्होंने कहा कि शनिवार को बडगाम में हुई मुठभेड़ में 2 आतंकियों को सुरक्षाबलों ने ढेर किया लेकिन वहां सिर्फ कुछ युवक ही इकट्ठे हुए जिन्होंने सुरक्षाबलों पर पथराव किया। पहले ऐसा नहीं होता था।

पुलिस अधिकारी ने बताया की घाटी में 300 वॉट्सएप ग्रुप हैं हर ग्रुप में लगभग 250 सदस्य होते हैं। उन्होंने कहा हमने ऐसे वॉट्सएप ग्रुप और ग्रुप ऐडमिनिस्ट्रेटर्स की पहचान की और उन्हें काउंसलिंग के लिए बुलाया। इस पहल का हमें बहुत ही अच्छा नतीजा मिला है।


       

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