लॉकडाउन में बढ़ रहीं हैं ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएं, आप खुद को बचा सकते हैं

लॉकडाउन में ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएं भी बढ़ी हैं, दरअसल लॉकडाउन में ज्यादातर लोग घरों में रहकर ऑनलाइन ही सारे काम करे रहे हैं। इसका फायदा उठाने के लिए साइबर अपराधी इस समय ज्यादा सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में आप जागरूक होकर खुद को ठगी से बचा सकते हैं।

Divendra SinghDivendra Singh   9 May 2020 4:47 AM GMT

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लॉकडाउन में बढ़ रहीं हैं ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएं, आप खुद को बचा सकते हैं

एक बुजुर्ग दंपति के पास कॉल आती है, "मैं पीएमओ ऑफिस से बोल रहा हूं, हमें आपके यहां कोरोना की जांच करने आना है, अभी आपके पास एक मैसेज जाएगा। उस पर क्लिक करेंगी तो आपको सारी जानकारी मिल जाएगी।" पहले तो बुजुर्ग दंपति डरे लेकिन उन्होंने उस लिंक पर क्लिक नहीं किया। दरअसल लिंक पर क्लिक करते ही उनके व्हाट्सएप के सारे कान्टैक्ट्स हैक कर लिए जाते।

दूसरा केस- जितेंद्र सिंह का फेसबुक एकाउंट हैक करके दर्जनों लोगों के पास मैसेज भेजा गया कि उन्हें पैसे भेज दें बहुत इमरजेंसी है, हैकर ने एकाउंट नंबर भी शेयर किया।

तीसरा केस- चंडीगढ़ के सुरेंद्र सिंह जसवाल के व्हाट्सएप पर उनके अमेरिका में रहने वाले दोस्त एसके राणा का मैसेज आता है कि वो कोरोना संक्रमित हो गए हैं और उनकी बहन की हार्ट सर्जरी होनी है, जिसके लिए एक लाख रुपए की जरूरत है। सुरेंद्र सिंह ने एक लाख रुपए भी भेज दिए बाद में पता चला की वो ठगी का शिकार हो गए है।


लॉकडाउन में ऑनलाइन ठगी की घटनाएं भी बढ़ गईं हैं। दरअसल लॉकडाउन में ज्यादातर लोग घरों में रहकर ऑनलाइन ही सारे काम करे रहे हैं। इसका फायदा उठाने के लिए साइबर अपराधी इस समय ज्यादा सक्रिय हो गए हैं। लोगों को साइबर या ऑनलाइन ठगी से बचाने के लिए गृह मंत्रालय ने ट्विटर पर साइबर दोस्त नामक हैंडल शुरू किया है। इस ट्विटर हैंडल पर ऑनलाइन ठगी के मामलों में मदद दी जाती है।

इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) और नील्सन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या पहली बार 50 करोड़ से पार होकर 50 करोड़ 40 लाख तक पहुंची है। मार्च, 2019 में यह आंकड़ा 45 करोड़ 10 लाख था। 5 करोड़ 30 लाख नए यूजर्स में से लगभग 3 करोड़ लोग ग्रामीण भारत से जुड़े हैं।

साइबर सेल के नोडल अधिकारी अभय कुमार मिश्र से बताते हैं, "मुख्य रूप से बैंकिंग फ्रॉड, सोशल मीडिया, मेल फीसिंग और इन्टरनेट कालिंग के माध्यम से साइबर क्राइम होते हैं। सबसे ज्यादा जो घटनायें सामने आती हैं वो बैंकिंग फ्रॉड को लेकर आती हैं। फोन के द्वारा इन घटनाओं को ज्यादा अंजाम दिया जाता है। आपके पास फोन आता है कि मै इस बैंक से बोल रहा हूँ आपका एटीएम बंद होने वाला है इसलिए आपका उसका पिन बताइए। ऐसे में सभी लोगों को यह सावधानी रखनी होगी कि कोई भी बैंक आपसे फोन करके आपका पिन आपका, एटीएम नम्बर नहीं मांगता है। आपके पास ऐसी कोई भी कॉल आती है तो कभी भी उसे अपनी डिटेल न दें और संबंधित थाने को, सर्विलांस टीम को या साइबर सेल को सूचित करें ताकि उस व्यक्ति को पकड़ा जा सके।"

गृह मंत्रालय ने घर से अपना काम करने वाले लोगों को साइबर दोस्त ट्विटर हैंडल फॉलो करने को कहा है। राष्ट्र क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल cybercrime.gov.in पर भी साइबर अपराध से जुड़ी जानकारियां दी जा रही हैं। मंत्रालय ने लोगों से साइबर क्राइम रिपोर्ट करने को भी कहा है।

इन दिनों अधिकतर जानकारियां ऑनलाइन रहती हैं। इनमें बैंक सेवाओं समेत सभी जरूरी बुनियादी सूचनाएं शामिल होती हैं। साइबर दोस्त के जरिए सुरक्षित ऑनलाइन बैंकिंग से लेकर हैकिंग का पता लगाने जैसे साइबर अपराधों पर कार्रवाई की जा सकेगी। यह बच्चों के लिए इंटरनेट के सुरक्षित इस्तेमाल को लेकर भी जानकारी देता है।

साइबर दोस्त पीड़ितों को बताता है कि शिकायत करने के लिए सही माध्यम कौन सा है। लोग ट्विटर हैंडल की फीड पर सवाल पोस्ट कर सकते हैं और क्या कार्रवाई की जाए, इससे जुड़े जवाब पा सकते हैं। इसके साथ ही सामान्य लोगों और सरकारी अधिकारियों के लिए भी टिप्स पोस्ट किए जाते हैं, ताकि साइबर सिक्यॉरिटी से जुड़ी लेटेस्ट जानकारी उन्हें मिलती रहे। यह ट्विटर हैंडल लोगो के बीच जागरुकता फैलाने का भी काम कर रही है ताकि दिन-ब-दिन बढ़ रही फेक न्यूज का पता लगाया जा सके।

कैसे करते हैं ठगी

किसी के फेसबुक एकाउंट को हैक करके, दोस्तों और रिश्तेदारों से मैसेंजर के माध्यम से बीमारी का बहाना बनाकर पैसे मांगना।

मोबाइल टेलीकॉम कंपनियों के फ्री रिचार्ज के नाम पर लिंक भेजकर ठगी करना।

फोन के माध्यम से लोगों को कॉल करके खुद को अधिकारी बताकर केवाईसी (KYC), आधार लिंक, एटीएम कार्ट रिनुअल, के नाम पर ओटीपी (OTP) मंगाकर ठगी करना।

किसी अनजान मोबाइल नंबर से कॉल करके अपने आपको, रिश्तेदार या मित्र होना बताकर, आपको फोन-पे, गूगल-पे- पेटीएम के लिंक या क्यूआर कोड या अन्य माध्यम से पैसे आपके खाते में भेजने या ट्रांसफर करने को बोलकर उसके द्वारा भेजे गए लिंक को क्लिक करने या क्यूआर कोड स्कैन करने पर ठगी करना।

किसी भी वेबसाइट से ऑनलाइन खरीददारी करने उस साइट से सामग्री ने मिलने और पैसा कटने के बाद गूगल में जाकर उस साइट के हेल्पलाइन नंबर पर बात करके हेल्पलाइन नंबर द्वारा एप डाउनलोड करने को बोलकर उस एप के माध्यम से ठगी होना।

सर्तक रहने के साथ ही इन उपायों को अपनाकर ठगी से बच सकते हैं

फेसबुक आईडी बनाते समय हमें एक मजबूत पासवर्ड (अल्फाबेट न्यूमेरिक और स्पेशल की का इस्तेमाल जैसे, eDean@275) रखने की जरूरत है। फेसबुक में two-factor authentication सेटिंग्स का इस्तेमाल करें (setting account setting-security and login -use two - factor authentication), जो फेसबुक का इस्तेमाल नहीं करते उन्हें एकाउंट बंद कर देना चाहिए।

किसी भी रिश्तेदार या दोस्त द्वारा मैसेंजर पर पैसे मांगने पर पैसे ट्रांसफर करने से पहले हमें अपने दोस्त या रिश्तेदार से कंफर्म कर लेना चाहिए।

व्हाट्स एप या मैसेंजर पर किसी भी ऐसे लिंक को टच नहीं करना चाहिए, जिसके बारे में जानकारी न हो साथ ही किसी भी प्रकार के प्रलोभन में नहीं फंसना चाहिए। साथ ही व्हाट्सएप पर भी two step verification (whatsapp-setting-account - two step verification) का इस्तेमाल करें।

यदि कोई व्यक्ति कॉल करके अपने आप को बैंक अधिकारी बताता है तो उसकी बातों में न आकर सीधे बैंक जाकर जानकारी लेना है और कोई भी जानकारी फोन पर नहीं शेयर करना है।

कोई भी ऑनलाइन खरीददारी रजिस्टर्ड साइट में जाकर ही करें साथ ही किसी भी कंपनी के कस्टमर केयर अधिकारी के नंबर को गूगल पर न सर्च करें।


     

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