कई राज्यों की सब्जी मंडियों में बढ़ा संक्रमण का खतरा, कोरोना के मामले बढ़ने पर उठा रहे कदम

अब तक कई राज्यों की सब्जी मंडियों से कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं। ऐसे में उन शहरों में संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए सब्जी मंडियां बंद की जा रही हैं।

Kushal MishraKushal Mishra   11 May 2020 11:33 AM GMT

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कई राज्यों की सब्जी मंडियों में बढ़ा संक्रमण का खतरा, कोरोना के मामले बढ़ने पर उठा रहे कदमलखनऊ की नवीन गल्ला मंडी में धरे रह गए सोशल डिसटंसिंग के सारे नियम। फोटो साभार : इंडियन एक्सप्रेस

लॉकडाउन के बीच देश की कई सब्जी मंडियां सुरक्षित नहीं है। अब तक कई राज्यों की सब्जी मंडियों से कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं। ऐसे में उन शहरों में संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए सब्जी मंडियां बंद की जा रही हैं।

दिल्ली के निकट गुरुग्राम की सबसे बड़ी खांडसा सब्जी मंडी में पांच मई को एक ही दिन में नौ कोरोना संक्रमित मामले सामने आने के बाद सब्जी मंडी को बंद करने का फैसला लिया गया। इसके बाद सब्जी मंडी से जुड़े 72 और लोगों की जांच की गयी जिसमें कुल 19 कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं। अभी कई की रिपोर्ट आनी बाकी है।

गुरुग्राम की तरह उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले की नवीन सब्जी मंडी से भी पांच मई को ही एक ही दिन में 24 कोरोना संक्रमित मामले सामने आये। इसके बाद जिला प्रशासन ने सब्जी मंडी को बंद करने का फैसला लिया। बड़ी बात यह है इन सब्जी मंडियों से दूसरे राज्यों में भी सब्जी और फलों की आपूर्ति की जाती है। ऐसे में सब्जी मंडी से निकली कोरोना संक्रमित मरीजों की बड़ी चेन सामने आ सकती है।

ऐसा ही हाल और राज्यों में भी सामने आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आठ मई को राजस्थान की मुहाना फल सब्जी से भी एक पपीता कारोबारी के कोरोना से संक्रमित होने का मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन की ओर से अधिक सतर्कता बरती जा रही है। इससे पहले दिल्ली में देश की सबसे बड़ी आजादपुर मंडी में भी काम करने वाले भोलानाथ की कोरोना वायरस से मौत हो चुकी है। इसके बाद मंडी में करायी गयी जांच में चार मरीज और सामने आये। ऐसे में डर का माहौल बढ़ने से मंडी में आने वाले लोगों की संख्या घट गयी है।

ताजा मामला हरियाणा के पानीपत जिले की अनाजमंडी से सामने आया है जहाँ आठ मई को ही दो युवक कोरोना से संक्रमित पाए गए। इसके बाद सब्जी मंडी को सेनीटाइज करने का काम किया गया। मंडियों से कोरोना संक्रमित मरीजों के ऐसे ही मामले और शहरों से भी सामने आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कैसरबाग सब्जी मंडी में 11 और हापुड़ जिले की सब्जी मंडी में भी दो कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं।

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सब्जी मंडियों में ये स्थितियां लॉकडाउन के बावजूद अचानक से भीड़ बढ़ने की वजह से सामने आयीं जिसके बाद सोशल डिसटंसिंग को लेकर सारे नियम धरे रह गए। किसान, मजदूर, आढ़ती, व्यापारी और सब्जी मंडी से जुड़े और लोगों के पहुँचने पर मंडियों में लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं हो सका। मंडियों में लोग बिना मास्क और जरूरी एहतियात बरते पहुंचे। इसकी एक झलक लखनऊ की नवीन गल्ला मंडी में भी दिखी जहाँ आम दिनों की तरह लोगों की भारी भीड़ सामने दिखी।

इस नवीन गल्ला मंडी में फल और सब्जी एसोसिएशन के अध्यक्ष रिंकू सोनकर 'गाँव कनेक्शन' से बताते हैं, "किसान, पल्लेदार, व्यापारी, मजदूर और बाहर से आने वाली गाड़ियों के कारण मंडी में अचानक से भीड़ बढ़ने के कारण ऐसी दिक्कतें सामने आयीं। मगर जिला प्रशासन और मंडी समिति के सहयोग से अब मंडी में फल और सब्जी से जुड़े लोगों के लिए अलग-अलग समय निर्धारित कर दिया गया है, सुबह 10 से शाम पांच बजे तक सब्जी मंडी, नौ से 12 बजे तक फल मंडी और 12 से सुबह चार बजे तक तरबूज-खरबूजा के लिए अलग मंडी लगती है।"

रिंकू बताते हैं, "सुरक्षा के लिए मंडी में बैरीकैडिंग और अलग-अलग जगह पर कैमरे लगाये गए हैं, अब जो भी व्यक्ति मंडी में आ रहा है उसे मास्क पहनना अनिवार्य है और बाकायदा उसकी जांच भी हो रही है। इसके अलावा मंडी में कैंप लगाकर मंडी से जुड़े लोगों की कोरोना को लेकर जांच की जा रही है, साथ ही मंडी से दूसरे शहरों को जाने वाले सभी गाड़ियों पर रोक लगा दी गयी है।" हालाँकि अभी तक इस सब्जी मंडी से कोरोना से संक्रमित कोई भी मरीज सामने नहीं आया है।

लखनऊ से करीब 1400 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र की सब्जी मंडियों में भी यह हाल दिखा जहाँ भीड़ बढ़ने पर कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ने से कई मंडियां बंद करने का फैसला लिया गया। इनमें पुणे की कृषि उत्पन्न मंडी समिति (एपीएमसी) भी कई दिनों से बंद है।

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इस बारे में भारत के सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष राम गढ़ावे 'गाँव कनेक्शन' से बताते हैं, "महाराष्ट्र में भीड़ बढ़ने पर मंडियां बंद होने के बाद मंडी समिति के लोगों ने अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया। हमने कई जगह कलेक्शन सेंटर बनाये जहाँ से एफपीओ (किसान उत्पादक कंपनी) के जरिये किसानों से खरीदी की जा रही है, इसके अलावा हमने सभी सोसाइटी में जाकर लोगों को सब्जियां और फल बेचने की व्यवस्था की, तो लोगों को भी मंडी तक पहुँचने की जरूरत नहीं पड़ी।"

राम गढ़ावे कहते हैं, "मगर और राज्यों में ऐसा नहीं है, हर किसान तो मंडी तक नहीं पहुँच सकता, इसलिए जरूरी है कि ऐसे समय में किसानों के लिए गाँव-गाँव में कलेक्शन सेंटर बनाये जाएँ जहाँ सीधे किसानों से उपज खरीदी जाये और ट्रांसपोर्ट के जरिये मंडियों तक पहुंचाई जाए, साथ ही मंडियों के साथ बड़े-बड़े मैदानों का भी उपयोग हो ताकि सोशल डिसटंसिंग बनी रहे। ऑनलाइन होम डिलीवरी को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए।"

मंडियां बंद होने से सब्जियों और फलों की आवक पर भी बड़ा असर पड़ रहा है। भारत के सब्जी उत्पादक संघ के मुताबिक करीब 50 प्रतिशत तक सब्जी और फलों की आवक पर असर पड़ा है जबकि कई जगह से दूसरे राज्यों और शहरों में जाने वाली गाड़ियों पर रोक लगने से किसानों को बड़ा नुकसान हो रहा है।

इस बारे में भारत के अंगूर उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोपान कंचन बताते हैं, "जो तरबूज हर साल आठ रुपए से लेकर 15 रुपए तक जाता था, वो इस समय पांच रुपए में भी नहीं बिक रहा है। सारा सिस्टम मंडियों का खत्म हो चुका है, मंडियां बंद होंगी तो व्यापारी कहाँ स्टोरेज करेगा, सब्जियों में भी यही हाल है।"

"निर्यात बंद कर दिया गया है, मंडी बंद कर दी गयी हैं, इस समय पांच रुपए किलो तक प्याज नहीं मिल रहा, गांवों में भी जो साप्ताहिक बाजार लगती थी वो भी कई जगह बंद कर दी गयी है, जब किसान को पैसा नहीं मिलेगा तो आगे कहाँ से सब्जियां आएँगी, इसका असर आने वाले समय में दिखाई देगा।"

फिलहाल सब्जी मंडी से जुड़े लोगों को कोरोना से संक्रमण का बड़ा खतरा सामने आ रहा है। उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा में भी पांच मई को 10 सब्जी विक्रेता कोरोना से संक्रमित पाए गए। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की एक टीम बड़े पैमाने पर सब्जी विक्रेताओं की स्क्रीनिंग कर रहा है। लॉकडाउन के बावजूद सब्जी मंडियों से सामने आ रहे कोरोना संक्रमण के मामले बड़ी समस्या खड़ी कर सकते हैं।


     

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