चीन-रूस की दोस्ती से खफा भारत ने NSG सदस्यता को लेकर रूस पर अपनाया कड़ा रुख
गाँव कनेक्शन 17 May 2017 2:24 PM GMT
नई दल्ली। रूस जो हमेशा से भारत का करीबी दोस्त रहा है, अब उसी पर भारत ने अपना कड़ा रुख अपनाते हुए उससे साफ कह दिया है कि अगर उसे NSG की सदस्यता नहीं मिल पाती है, तो वह परमाणु ऊर्जा विकास के अपने कार्यक्रम में विदेशी सहयोगी का सहयोग करना बंद कर देगा। इसका असर कुडनकुलम में रूस के साथ चल रही 5वीं और छठी रियेक्टर यूनिट को विकसित करने से जुड़े हुए समझौते पर पड़ सकता है।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, भारत को महसूस हो रहा है कि पिछले कुछ समय से रूस चीन के करीब आ रहा है। यही कारण है कि वह भारत को एनएसजी की सदस्यता दिलवाने में अपनी ताकत का सही इस्तेमाल नहीं कर रहा है। यही देख कर भारत ने अपना रुख बदला है। रूस भी इस बात को समझ रहा है कि चीन के साथ उसकी दोस्ती इस समझौते पर भारी पड़ रही है, और भारत इसे टालने की कोशिश कर रहा है।
कुछ ही दिनों पहले भारत दौरे पर आये रूस के उपप्रधानमंत्री दिमत्री रोगोजिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने इस मुद्दे को उठाया था। लेकिन भारत की ओर से इस पर कोई ठोस जवाब नहीं मिला है। आपको बता दें दि अगले माह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और नरेंद्र मोदी की मुलाकात होनी है। इसलिये रूस भी मोदी सरकार से रुख से परेशान है।
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