जन्मदिन विशेष : आज ही के दिन जन्मा था देश का पहला क्रांतिकारी

Vineet BajpaiVineet Bajpai   19 July 2017 2:03 PM GMT

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जन्मदिन विशेष : आज ही के दिन जन्मा  था देश का पहला क्रांतिकारीक्रांतिकारी मंगल पांडे 

लखनऊ। भारतीय इतिहास का महान क्रांतिकारी जिसने साल 1857 की क्रांति में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था और ब्रिटिश सरकार पर हमला बोला था। ये वही क्रांतिकारी है जिसने भारत को ब्रिटिश शासन से आजाद कराने की क्रांति के बीज बोये थे। जिसने भारत के सभी जवान और किसान को एक जुट कर दिया था और एक सैनिक से आंदोलन में कूद पड़े थे। जी हां हम बात कर रहे हैं मंगल पांडे के बारे में। मंगलपांडे का जन्म आज ही के दिन हुआ था। आइये इस मौके पर हम आपको बताते हैं क्रांतिकारी मंगल पांडे के जीवन की 15 रोचक बातें …

मंगल पांडे के जीवन से जुड़ी 15 रोचक बातें

1. मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई, 1827 में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक ब्राह्म्ण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम दिवाकर पांडे और माता का नाम श्रीमती अभय रानी था।

2. वे कोलकाता के पास बैरकपुर की सैनिक छावनी में ’34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री’ की पैदल सेना के 1446 नम्बर के सिपाही थे। भारत की आज़ादी के लिए पहली लड़ाई साल 1857 के संग्राम की शुरुआत उन्हीं के विद्रोह से हुई थी।

3. मंगल पांडे बहुत ही महत्वकांक्षी व्यक्ति थे और अपने जीवन में कुछ अलग और कुछ बड़ा करना चाहते थे इसलिए वे इस सेना में भर्ती हुये थे यहां ब्राह्म्णों को ही ज्यादा संख्या में लिया गया था।

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4. ईस्ट इंडिया कंपनी की रियासत व राज हड़प और फिर ईसाई द्वारा धर्म परिवन्तर की नीति ने लोगों के मन में अंग्रेजी हुकुमत के प्रति पहले ही नफरत पैदा कर दी थी और जब कंपनी की सेना की बंगाल इकाई में ‘एनफील्ड पी.53’ राइफल में नई कारतूसों का इस्तेमाल शुरू हुआ तो मामला और बिगड़ गया।

5. इन कारतूसों को बंदूक में डालने से पहले मुंह से खोलना पड़ता था और भारतीय सैनिकों के बीच ऐसी खबर फैल गई कि इन कारतूसों को बनाने में गाय तथा सूअर की चर्बी का प्रयोग किया जा रहा है। उनके मन में ये बात बैठ गयी कि अंग्रेज हिन्दुस्तानियों का धर्म भ्रष्ट कर रहे हैं क्योंकि ये हिन्दू और मुसलमानों दोनों के लिए नापाक था।

6. 9 फरवरी, 1857 को जब ‘नया कारतूस’ भारतीय सेना को बांटा गया तब मंगल पाण्डेय ने उसे लेने से साफ इनकार कर दिया था। जिसके लिए उनके हथियार छीन लिये जाने व वर्दी उतार लेने का हुक्म दे दिया गया।

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7. मंगल पाण्डेय ने उस आदेश को मानने से इनकार कर दिया और 29 मार्च, 1857 को उनकी राइफल छीनने के लिये आगे बढे अंग्रेज अफसर मेजर ह्यूसन पर हमला कर दिया। इस प्रकार संदिग्ध कारतूस का प्रयोग ईस्ट इंडिया कंपनी शासन के लिए घातक सिद्ध हुआ और मंगल पांडेय ने बैरकपुर छावनी में अंग्रेजों के खिलाफ जंग छेड़ दी।

8. आक्रमण करने से पहले मंगल ने अपने दूसरे साथियों से समर्थन के लिए पुकारा। लेकिन अंग्रेजों के क्रूर व्यवहार से डर के कारण जब किसी ने भी उनका साथ नहीं दिया तो उन्होंने अपनी ही रायफल से उस अंग्रेज अधिकारी मेजर ह्यूसन को मार दिया जो उनकी वर्दी उतारने और रायफल छीनने को आगे आया था।

9. इसके बाद पांडे ने एक और अंग्रेज अधिकारी लेफ्टिनेन्ट बॉब को मौत के घात उतार दिया जिसके बाद मंगल पाण्डेय को अंग्रेज सिपाहियों ने पकड लिया था। उन पर कोर्ट मार्शल द्वारा मुकदमा चलाकर 8 अप्रैल 1858 को फांसी की सजा सुना दी गयी।

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10. “मारो फिरंगी को” यह प्रसिद्ध नारा भारत की आजादी के लिए सबसे पहले आवाज़ उठाने वाले क्रांतिकारी मंगल पांडे ने साल 1857 की क्रांति के समय निकला था। भारत की आज़ादी के लिए क्रांति का आगाज़ 31 मई, 1857 को होना तय हुआ था, लेकिन कुछ कारतूस घटना के कारण ये दो महीने पहले ही शुरु हो गया।

11. फौजी अदालत ने न्याय का नाटक रचा और फैसला सुना दिया गया। 8 अप्रैल का दिन मंगल पांडे की फाँसी के लिए निश्चित कर दिया गया। बैरकपुर के जल्लादों ने मंगल पांडे जैसे वीर को मारने से इंकार कर दिया था। तब कलकत्ता से चार जल्लाद बुलाए गए।

12। 8 अप्रैल, 1857 के सूरज उगने पर मंगल पांडे के बलिदान की खबर हर जगह फैल गयी। भारत के एक वीर पुत्र ने भारत की आज़ादी के लिए खुद को शहीद कर दिया। वीर मंगल पांडे के पवित्र शरीर का अंतिम संस्कार हुआ और उससे उठीं आग भारत के कोने-कोने में फैल गयीं। जिससे और क्रांतिकारी पैदा हुए।

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13. मंगल पांडे को आज़ादी के लिए सबसे पहला क्रान्तिकारी माना जाता है 'फिरंगी' मतलब अंग्रेज़ या ब्रिटिश (जो उस समय देश को गुलाम बनाए हुए थे) को क्रांतिकारियों व भारतीयों द्वारा फिरंगी नाम से पुकारा जाता था।

14. मंगल पांडे ने ही गुलाम जनता और भारतीय सैनिकों के दिल में आजादी की क्रांति को भड़काने का काम किया था, जिसकी वजह से और भी लोग आगे आये और देश के लिए कुर्बान हो गये।

15. मंगल पांडे पर बॉलीवुड में साल 2005 में बनी थी जिसमें पांडेजी की भूमिका आमिर खान ने निभायी थी। फिल्म तो बहुत अच्छी बनी थी लेकिन दर्शकों को कम पसन्द आयी।

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