भारतीय आईटी कंपनियां नौकरियां चुराती नहीं, पैदा करती हैं: रविशंकर प्रसाद 

गाँव कनेक्शनगाँव कनेक्शन   23 April 2017 12:43 AM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
भारतीय आईटी कंपनियां नौकरियां चुराती नहीं, पैदा करती हैं: रविशंकर प्रसाद केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद।

बेंगलुरू (आईएएनएस)। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को कहा अपने सॉफ्टवेयर कौशल के बल पर दुनिया में परचम लहरा रहीं भारतीय आईटी कंपनियां दुनिया में कहीं भी नौकरियां चुराती नहीं बल्कि नौकरियां पैदा करती हैं।

देश के अग्रणी आईटी शख्सियतों के साथ एक बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''भारतीय आईटी कंपनियां नौकरियां चुराती नहीं, बल्कि नौकरियां पैदा करती हैं। चाहे वह अमेरिका हो या कोई और देश। हमें अमेरिका और शेष दुनिया को दिए उनके योगदान पर गर्व है।''

देश-दुनिया से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में एच1बी वीजा नियमों में किए गए संशोधन पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारतीय आईटी कंपनियों की चिंताओं से अमेरिकी प्रशासन को अवगत करा दिया गया है।

इस समय वाशिंगटन दौरे पर गए हमारे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस से एच1बी वीजा नियमों में हुए संशोधन को लेकर भारतीय आईटी कंपनियों की चिंताओं से अवगत कराया है। साथ ही उन्होंने अमेरिका की अर्थव्यवस्था में भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स की अहम भूमिका की ओर भी ध्यान दिलाया है।
रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारतीय आईटी कंपनियों ने पिछले पांच वर्षो के दौरान अमेरिका को 22 अरब डॉलर टैक्स चुकाया और चार लाख नौकरियां पैदा कीं। उन्होंने कहा, ''भारतीय आईटी कंपनियां पारस्परिक विनिमय के आधार पर काम करती हैं। भारत के आईटी कुशल श्रमिक अमेरिकी अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं और अनेक अमेरिकी कंपनियां बेंगलुरू और भारत के अन्य हिस्सों में लाभ कमा रही हैं, जहां वे वैश्विक बाजार के लिए अपने उत्पादों के निर्माण में हमारी अनूठी योग्यता का इस्तेमाल अपने डेवलपमेंट सेंटरों में करती हैं।''

रविशंकर प्रसाद ने हालांकि यह भी स्वीकार किया कि अमेरिका और वैश्विक स्तर पर जो कुछ हो रहा है, उसके चलते 150 अरब डॉलर वाली भारतीय आईटी कंपनियां दबाव में हैं, साथ ही उन्होंने इससे निकलने के लिए आईटी दिग्गजों से सलाह भी मांगी।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

         

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.