सेक्स चेंज कराकर लड़की बना नौसैनिक, नौसेना ने किया बर्खास्त

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सेक्स चेंज कराकर लड़की बना नौसैनिक, नौसेना ने किया बर्खास्तसेक्स चेंज कराने से पहले मनीष गिरी और सेक्स चेेंज कराने के बाद सबी गिरी

नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के सामने पहली बार अनोखा मामला सामने आया है। एक सैनिक अपनी मर्जी से जेंडर चेंज कराकर महिला बन गया है। मामले की जानकारी होने के बाद नौसेना ने रक्षा मंत्रालय में उनका केस भेजा था, जहां से फैसला आया कि उन्हें नौसेना से बर्खास्त कर दिया जाए।

नौसेना में गिरी की 15 साल की सेवा पूरी नहीं होने के कारण अब उन्हें पेंशन भी नहीं मिलेगी। नौसेना नियम के मुताबिक, इस पोस्ट पर सिर्फ पुरुषों की भर्ती की जाती है। बताया जा रहा है कि इंडियन नेवी में ऐसा पहला मामला है।

सेक्स चेंज कराकर बदला नाम

मनीष कुमार गिरी नाम के इस शख्स ने अपना सेक्स चेंज करवाने के बाद नाम बदलकर सबी गिरी रख लिया था। इंडियन नेवी की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि उसने छुट्टी के दौरान किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में सर्जरी के जरिए सेक्स चेंज करवाया। यह काम उन्होंने अपनी मर्जी से किया था, जिसे बाद में बदला नहीं जा सकता।

सेक्स चेंज कराने के बाद सबी गिरी

22 दिन की छुट्टी लेकर करवाया सेक्स चेंज

मुंबई के रहने वाले मनीष ने एक पुरुष के रूप में सात वर्ष पहले ईस्टर्न नेवल कमान के मरीन इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में बतौर सिपाही ज्वाइन किया था। सर्विस के कुछ सालों बाद उन्हें महसूस हुआ कि उनके अंदर एक महिला है। इसके बाद 2016 में उन्होंने विशाखापट्टनम में एक डॉक्टर से बात की और अपना इलाज करवाया। डॉक्टर ने उन्हें सेक्स चेंज करवाने की सलाह दी। इसके बाद मनीष ने 22 दिन की छुट्टी ली और दिल्ली में सेक्स री-असाइनमेंट सर्जरी करवाई। सर्जरी के बाद मनीष विशाखापट्टनम के नेवी बेस में सबी बनकर लौटे। इसके बाद उन्होंने सिर के बाल बढ़ा लिए और साड़ी पहनना शुरू कर दिया।

कोर्ट का खटखटाऊंगा दरवाजा, मैं कोई चोर या आतंकी नहीं : मनीष

मनीष का कहना है कि वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और न्याय के लिए संघर्ष करेंगे। मनीष ने अपना नाम बदलकर साबी कर लिया है। उनका कहना है कि मैंने सात साल तक देश की सेवा की है। सिर्फ इसलिए मुझे नौकरी से क्यों निकाला जा सकता है कि मैंने अपना सेक्स चेंज करवा लिया है। मैं कोई चोर या आतंकी नहीं हूं।

उन्होंने दावा करते हुए कि नौसेना ने उन्हें छह महीने के लिए एक मनोचिकित्सा वार्ड में रखा था। सबी ने कहा कि मेरा बदला हुआ लिंग का दर्जा, वह है जो मैं हूं, एक ट्रांसजेन्डर महिला। यह मेरे अधिकारों का भयानक उल्लंघन और भारी यातना है, जो जन्म से मेरे पुरुष होने को निर्धारित करता है और यह मेरी महिला होने की पहचान को व्यक्त नहीं करता है।

नहीं मिलेगी पेंशन

मनीष का मामला जब नेवी के बड़े अफसरों तक पहुंचा तो उन्होंने इसे रक्षा मंत्रालय के पास भेज दिया। कई महीनों की जांच के बाद अब मंत्रालय ने मनीष उर्फ सबी को नौकरी से बर्खास्त करने का फैसला लिया है। मनीष ने सिर्फ सात वर्ष की सर्विस पूरी की है। नियम के हिसाब से 15 साल की सर्विस पूरी ना होने की वजह से उन्हें पेंशन भी नहीं मिलेगी।

भर्ती के नियमों को तोड़ा : नौसेना

नेवी का कहना है कि सेलर की पोस्ट पर भर्ती होने के दौरान मनीष की जो जेंडर स्थिति थी, उसमें बदलाव कर उन्होंने भर्ती के नियमों को तोड़ा है। प्रेस नोट में कहा गया है कि मौजूदा नियमों के मुताबिक, सेलर को जेंडर स्टेटस, मेडिकल कंडीशन के तहत जॉब में बने रहने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। गौरतलब है कि नौसेना में नाविक के पद पर सिर्फ पुरुषों की नियुक्ति होती रही है। नौसेना को पहली बार ऐसे केस का सामना करना पड़ा है। एक अधिकारी ने बताया कि मनीष शादीशुदा हैं और एक बच्चे के पिता हैं। सात साल पहले वह नेवी की मैकेनिकल इंजीनयरिंग विंग में शामिल हुए थे।

पहली बार सामने आया मामला

गौरतलब है कि भारतीय सशस्त्र बलों में इस तरह का यह पहला मामला है। सेना में 1990 के शुरुआती दिनों से छोटी संख्या में महिला अधिकारियों को शामिल कर रही है। मगर, नाविकों, सैनिकों और एयरमैन के निचले रैंकों में केवल पुरुषों की नियुक्ति ही की जा रही है। ट्रांसजेंडर या ट्रांससेक्सुअल लोगों को सशस्त्र बलों में शामिल होने की इजाजत नहीं है।

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