मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में देश का पहला मक्का महोत्सव शुरू

देश भर के वैज्ञानिक मक्का की उपज और गुणवत्ता, मक्का व्यवसाय आदि की नई संभावनाओं पर किसानों से चर्चा करेंगे। इस मेगा कॉर्न फेस्टिवल को नवाचारों के साथ आकर्षक और गुणवत्तापूर्ण बनाया जा रहा है।

Mithilesh DharMithilesh Dhar   29 Sep 2018 10:05 AM GMT

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मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में देश का पहला मक्का महोत्सव शुरू

छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) । छिंदवाड़ा में देश का पहला मक्का महोत्सव शनिवार को शुरू हो गया। दो दिवसीय इस आयोजन में देशभर के व्यापारी और कृषि वैज्ञानिक आये हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने मक्के की पैदावार बढ़ाने और उसके विपणन पर बात की।


दो दिन तक देश भर के वैज्ञानिक मक्का की उपज और गुणवत्ता, मक्का व्यवसाय आदि की नई संभावनाओं पर किसानों से चर्चा करेंगे। इस मेगा कॉर्न फेस्टिवल को नवाचारों के साथ आकर्षक और गुणवत्तापूर्ण बनाया जा रहा है। इससे स्थानीय लोग जुड़कर छिंदवाड़ा को कॉर्न सिटी के रूप में विकसित कर इसे एक नई पहचान दिलाएंगे। जिला प्रशासन की कॉर्न फेस्टिवल की यह अपनी तरह की एक पहल है। इससे किसानों के साथ ही युवा उद्यमी, व्यापारी, उपभोक्ता, खाद्य व्यंजन निर्माता, शोधकर्ता, कृषि वैज्ञानिक, खाद्य उद्योगों से जुड़ी कंपनियां आदि लाभान्वित होंगे।

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कलेक्टर वेद प्रकाश ने बताया कि अपने प्राकृतिक सौंदर्य से अभिभूत करने वाले छिंदवाड़ा जिले ने विगत कुछ वर्षों में मक्का के उत्पादन के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान बनाई है। मक्का उत्पादन में छिंदवाड़ा जिला प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के अग्रणी जिलों में शुमार हो गया है। जिले के किसान न केवल कई किस्मों के मक्के का उत्पादन कर रहे है, बल्कि मक्के से जुडी नई कृषि तकनीकी को अपनाने में भी पीछे नहीं है।

मक्के की उपयोगिता और लोकप्रियता को समझकर जिले में मक्के को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने, मक्के का व्यावसायिक उपयोग बढ़ाने, मक्के से जुडी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को जिले में स्थापित कराने और उन्नत कृषि तकनीक द्वारा जिले के किसानों को गुणवत्तापूर्ण मक्के के उत्पादन में सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से इस फेस्टिवल का आयोजन किया गया है।

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कॉर्न के उत्पादन व डिमांड के अनुसार उसकी खपत की रूपरेखा, कॉर्न क्वालिटी सुधार, कॉर्न आधारित खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना की जानकारी के साथ कॉर्न से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियों का आदान-प्रदान किया जायेगा। इस फेस्टिवल के अंतर्गत कार्यक्रम स्थल दशहरा मैदान में चार डोम बनाये गये है।

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इसमें पहले नॉलेज डोम में कार्यशाला, सेमीनार और देश भर के विषय विशेषज्ञों की बातचीत होगी। दूसरे कल्चर डोम में दिन भर सांस्कृतिक गतिविधियां चलती रहेंगी। तीसरे एक्सपो डोम में विभिन्ना कंपनियां अपने बेहतरित प्रोडक्ट को किसानों तक पहुंचा सकेंगी तथा चौथे फूड डोम में मक्के से बने व्यंजन और पातालकोट की रसोई के स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद लिया जा सकेगा।

गौरतलब है कि देश में मक्का उत्पादन करने वाला छिंदवाड़ा सबसे बड़ा जिला है। यहां प्रति हेक्टेयर 5200 किग्रा मक्का का उत्पादन होता है।

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कार्यक्रम के पहले दिन लंच से पहले तक भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान लुधियाना के संचालक डॉ सुजाय रक्षित और मक्का वैज्ञानिक डॉ. सांई दास ने किसानों को संबोधित किया और नई जानकारियां दी।

डॉ सांई दास ने कहा कि कॉर्न से किसानों की आय दो गुनी नहीं, बल्कि चार गुनी तक हो सकती है। बशर्ते किसान सही किस्मों के चयन करे। वहीं सुजाय ने कहा कि छिंदवाड़ा अब मक्के उत्पादन के देशभर के लिए रोल मॉडल बन चुका है। इस क्रांति को देशभर में ले जाना है।

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