महावीर जयंती पर अब नहीं बंद होंगे बूचड़खाने : मुंबई हाई कोर्ट

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महावीर जयंती पर अब नहीं बंद होंगे बूचड़खाने : मुंबई हाई कोर्टमहावीर जयंती पर अब खुल सकते हैं बूचड़खाने। 

लखनऊ। जहां यूपी के साथ देशभर में बूचड़ख़ानों को बंद करने के लिए बड़ी मुहिम चलाई जा रही है वहीं इसे लेकर मुंबई हाई कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है जिससे पूरा जैन समाज सकते में आ गया है। मुंबई हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक अब महावीर जयंती के दिन महाराष्ट्र में बूचड़खाना और मीट शॉप बंद करना जरूरी नहीं है।

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भारत में भगवान महावीर की जयंती को अहिंसा दिन के रूप में मनाया जाता है और इसलिए कहीं पर भी बूचड़खाना और मीट की दुकान नहीं खुली होती है। इसके लिए हर राज्य की सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी किया हुआ है लेकिन मुंबई हाई कोर्ट ने दो दिन पहले महाराष्ट्र सरकार के पुराने आदेश को निरस्त कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि सरकार इस तरह का कोई आदेश नहीं निकाल सकती कि महावीर जयंती के दिन बूचड़खाना और मीट की दुकानें बंद रहें।

14 साल से लगा था प्रतिबंध

जैन समाज के पर्व "पर्यूषण" के दौरान मांस की बिक्री पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिका की सुनवाई कर रहे जस्टिस अनूप मोहता की पीठ को सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर ने जस्टिस एएस ओका के इस आदेश की जानकारी दी। वेनेगांवकर ने बताया कि जस्टिस ओका की पीठ ने 31 मार्च को महाराष्ट्र सरकार के 2003 के सर्कुलर को खारिज कर दिया है। सरकारी वकील ने यह भी बताया कि 2003 के इस आदेश के अलावा दो और सर्कुलरों के जरिए भी ऐसा ही प्रतिबंध लगाया गया है। जस्टिस ओका की पीठ ने कहा कि सरकार यह बता पाने में विफल रही कि किस कानूनी प्रावधान के तहत यह आदेश जारी किया गया था। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई कानून नहीं है जिसके तहत सरकार स्थानीय निकायों को इस तरह का आदेश जारी कर सके।

जैन समाज की अपील

जैन समाज ने इस नए आदेश को न मानते हुए मीट शॉप और बुचड़खानों के मालिकों से अपील की है की जिस तरह से इतने सालों से परंपरा चली आ रही रही है, उसे वैसे ही बनाए रखें और इस बार भी दुकानें बंद रखें। इस पर महाराष्ट्र हाई कोर्ट इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकती है।

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