छात्रों को विरोध प्रदर्शन से रोकने के लिए जेएनयू पहुंचा उच्च न्यायालय
गाँव कनेक्शन 2 April 2017 1:26 PM GMT

नई दिल्ली (भाषा)। जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय प्रशासन ने दिल्ली उच्च न्यायालय से अपील की है कि वह उसके छात्रों को प्रशासनिक ब्लॉक के 100 मीटर के भीतर कोई भी विरोध प्रदर्शन करने से रोकने के लिए निर्देश जारी करे।
जेएनयू प्रशासन ने यह याचिका न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा के समक्ष दायर की। उन्होंने हाल ही में छात्रों से कहा था कि वे विरोध प्रदर्शन के दौरान अपनी आवाजों का स्तर नीचे रखें ताकि विश्वविद्यालय के कामकाज में बाधा न आए।
अदालत ने 17 मार्च को छात्रों को ब्लॉक के 100 मीटर के भीतर विरोध प्रदर्शन से रोकने वाले अपने आदेश में बदलाव किया था और निर्देश दिया था कि यदि कोई विरोध प्रदर्शन किया जाता है तो वह शांतिपूर्ण होना चाहिए और इसके कारण प्रशासनिक ब्लॉक तक जाने वाली कोई लेन या सडक अवरुद्ध नहीं होनी चाहिए।
याचिका में यह आरोप लगाया गया कि जेएनयू के छात्रों ने आश्वासन के बावजूद अदालत के निर्देशों की अवज्ञा की है। याचिका में आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।
जेएनयू की वकील मोनिका अरोडा की ओर से दायर याचिका में ‘अदालत के तत्काल हस्तक्षेप' की मांग की गई और कहा गया कि 23 मार्च को छात्रों ने प्रशासनिक ब्लॉक के ठीक बाहर धरना दिया, कुलपति का पुतला फूंका और विश्वविद्यालय के अधिकारियों का प्रवेश और निकास बाधित कर दिया।
More Stories