मामूली सी बात पर कांवड़ियों की दिल्ली में गुंडागर्दी, देखें वीडियो

बुधवार को दिल्ली पुलिस ने एक बयान जारी करके बताया कि कार से धक्का लगने के बाद कांवड़िए और कार सवार लोगों में बहस हुई। बहस के दौरान कार सवार लोगों ने एक कांवड़िए को थप्पड़ मार दिया इस पर बात बढ़ गई और कांवडिए तोड़फोड़ करने लगे।

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दिल्ली के मोती नगर इलाके में मंगलवार शाम को कांवड़ियों ने एक कार में जमकर तोड़फोड़ की। वजह सिर्फ इतनी थी कि सड़क से गुजर रही एक कार किसी कांवड़िए को छू गई थी। तोड़फोड़ और हिंसा पर उतारू कांवड़ियों को पुलिस भी नियंत्रित नहीं कर पाई। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। अधिकांश लोगों ने हिंसक श्रद्धालुओं की आलोचना की है। हालांकि बुधवार को मामले में नया मोड़ आ गया जब पुलिस ने एक बयान जारी करके बताया, "एसीपी पंजाबी बाग की जांच में पता चला है कि कार से एक कांवड़िए को धक्का लगने के बाद कार में सवार लोगों और कांवड़ियों के बीच बहस हो गई। बहस के दौरान कार सवार लोगों ने एक कांवड़िए को थप्पड़ मार दिया इस पर बात बढ़ गई और कांवडिए तोड़फोड़ करने लगे।"

इससे पहले मिली जानकारी के अनुसार, जिस समय कांवड़िए कार पर डंडों से हमला कर रहे थे उस समय कार में दो लोग सवार थे। हमले के दौरान किसी तरह वे कार से बाहर निकले। इन लोगों ने कांवड़ियों को समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने। जब कार में तोड़फोड़ करने के बाद भी कांवड़ियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ तो उन्होंने इसे पलट दिया।





पीसीआर पर जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर पहुंचने वाले पुलिसवाले भी लाचार दिखाई दे रहे थे। पुलिस के रोकने के बावजूद कांवड़िए नहीं रुके और उन्होंनने पुलिस वालों के सामने ही गाड़ी को सड़क पर पलट दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए बाद में भारी पुलिस बल को मौके पर भेजा गया। इसके बाद कांवड़िए वहां से भाग निकले। पुलिस का कहना है कि पीड़ित की तरफ से अभी तक इस बारे में कोई भी शिकायत नही की गई है।

गौरतलब है कि सावन के महीने में उत्तर भारत के बहुत बड़े क्षेत्र में कांवड़िए गंगा जल लेकर प्रसिद्ध शिवमंदिरों में चढ़ाने निकलते हैं। हर साल कांवड़ियों की बढ़ती तादाद की वजह से अनेकों मुख्य मार्ग बंद कर दिए जाते हैं जिससे आम जनता को भारी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। इसी बीच किसी न किसी मुद्दे पर कांवड़ियों का भड़कना और हिंसा करना आम होता जा रहा है। चूंकि मामला आस्था और श्रद्धा से जुड़ा है इसलिए समाज और प्रशासन कांवड़ियों के रूप में गुंडागर्दी करने वाले तत्वों के खिलाफ और आस्था के नाम पर भीड़ की हिंसा के मामले पर खुलकर नहीं बोल पाते हैं।

     

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