कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से की भेंट, सूखे से निपटने के लिए मांगी मदद
गाँव कनेक्शन 15 Jun 2019 11:37 AM GMT
लखनऊ। कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और सूखे से प्रभावित राज्य के लिये केंद्रीय सहायता की मांग की। राज्य में बारिश सामान्य से 45 प्रतिशत कम होने से सूखे की स्थिति उत्पन्न हुई है।
Chief Minister of Karnataka @hd_kumaraswamy calls on PM @narendramodi pic.twitter.com/DHYgJceunK
— PIB India (@PIB_India) June 15, 2019
लोकसभा चुनावों से पहले राज्य सरकार ने केंद्र को दिये अपने ज्ञापन में सूखे से प्रभावित किसानों को रबी मौसम में राहत उपलब्ध कराने के लिये 2,064 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की मांग की थी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार कुमारस्वामी ने प्रधानमंत्री से यह सुनश्चिति करने का आग्रह किया कि मरनेगा के तहत लंबित कोष के यथाशीघ्र जारी हो।
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इसके अलावा उन्होंने कृषि कर्ज माफी योजना के क्रियान्वयन में राज्य सरकार की सफलता भी साझा की। बैठक में कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने मोदी को सूचित किया कि बारिश 45 प्रतिशत कम होने से राज्य इस साल भी सूखे की स्थिति का सामना कर रहा है।
बयान में कहा गया है, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से इस स्थिति में आगे बढ़कर राज्य की मदद का अनुरोध किया। कुमारस्वामी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) योजना के तहत 1,500 करोड़ रुपये लंबित होने का मुद्दा उठाया और केंद्र से यथाशीघ्र राशि जारी करने का आग्रह किया। कर्नाटक ने 30 जिलों के 156 तालुकाओं में सूखे की स्थिति की घोषणा की है।
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वहीं कर्नाटक मानसून में होने देरी होने के कारण चावल की विभिन्न किस्मों की कीमतों में 4 से 6 रुपये प्रति किलोग्राम महंगी होने जा रही है। यह मानसून ऊपरी कृष्णा परियोजना (यूकेपी) और तुंगभद्रा कमांड क्षेत्रों के उत्पादन में खतरनाक मंदी के लिए जिम्मेदार है। गौरतलब है कि कर्नाटक को चावल का कटोरा कहा जाता है यहां के क्षेत्र में 60 प्रतिशत चावल का उत्पादन होता है। हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार, इस सीजन में लगभग 4 मिलियन टन चावल का उत्पादन करने वाला राज्य इस सीजन में सिर्फ 3 से 3.5 मिलियन टन का उत्पादन कर पाएगा।
डेक्कन हेराल्ड की खबर के अनुसार कृषि क्षेत्र के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि मानसून की यह प्रवृत्ति तीन साल पहले ही शुरू हो गई थी और इस साल चरम पर पहुंच गई है। राज्य कृषि मूल्य समिति के पूर्व सदस्य व रायचूर के कृषि-अर्थशास्त्री हनुमान गौड़ा डालागुरकी ने कहा, "तुंगभद्रा क्षेत्र में पानी की कमी ने यूकेपी क्षेत्र में मिट्टी की नमी के स्तर में गिरावट दर्ज की है, पारा के स्तर में तेज वृद्धि के कारण उत्पादन में गिरावट देखी जा रही है।" (इनपुट- भाषा)
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