और जब टिवटर पर ट्रेंड करने लगा ‘गांव बंद’
Kushal Mishra 22 April 2018 11:06 AM GMT
देश के किसान सड़क पर प्रदर्शन करने नहीं उतरेंगे, न पुलिस की जरूरत होगी, न ही प्रशासन की जरूरत होगी, किसी से हिंसा भी नहीं होगी… मगर किसानों का दावा है कि इस आंदोलन से सरकार को किसानों की अहमियत मालूम पड़ेगी… क्योंकि अब किसान सरकार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए गांव बंद करने जा रहे हैं यानि ये किसान छुट्टी पर जा रहे हैं।
किसानों के अधिकारों के प्रति सरकार को जगाने के लिए अब देशभर के किसान सोशल मीडिया पर एकजुट होने की तैयारी में है। इसका आगाज भी आज से यानि 21 अप्रैल से हो चुका है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म टिवटर पर ‘गाँव_बंद’ और ‘गाँवबंद’ #ट्रेड कर सरकार को जगाने की शुरुआत भी हो चुकी है।
देश के 60 जमीनी किसान संगठनों का मंच ‘किसान एकता मंच’ और आम किसान यूनियन साथ मिलकर अपनी मांगों को इस नए प्लेटफॉर्म पर सरकार के सामने रखेंगे। किसानों का इस तरह से असहयोग आंदोलन करने का संभवत: यह पहला तरीका होगा।
इस बारे में आम किसान यूनियन के कोर कमेटी सदस्य केदार शंकर सिरोही बताते हैं, “देश के किसानों ने 21 अप्रैल दोपहर 1 बजे से टिवटर ट्रेंड के जरिए अपनी मांगें सरकार के सामने रखनी शुरू कर दी हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, दिल्ली समेत 15 से 16 राज्यों के किसान इस असहयोग आंदोलन में हमारे साथ हैं।“
Today common #farmers came on twitter,displayed their anger towards Govt's inability to address #FarmDistress, which is forcing them to Strike frm 1-10 June & d HashTag #गांव_बंद trended at No-1 Position.
— Ramandeep S Mann (@ramanmann1974) April 21, 2018
👉Now, Imagine which way their vote will swing @malviyamit,in #Election2019 pic.twitter.com/SVkyFWhDb3
आगे बताते हैं, “किसानों के इस असहयोग आंदोलन के पहले चरण में आज सिर्फ 1 से 2 बजे तक 10,000 से ज्यादा टवीट करते हुए ‘गाँव_बंद’ नंबर वन टिवटर ट्रेंड बन चुका है। कारण, साफ है कि सरकार के खिलाफ किसानों का गुस्सा बढ़ रहा है और अब देश भर के किसान हमारे साथ हैं।“
दूसरी ओर कृषि मामलों के जानकार रमनदीप सिंह मान कहते हैं, “जिस दिन किसान सुनियोजित ढंग से रणनीति बनाकर जमीन पर अपने मुद्दों को लेकर लामबंदी कर मैदान में उतर जाएंगे, तब सरकार को किसानों के सामने झुकने को मजबूर होना पड़ेगा।“
वहीं केदार सिरोही आगे बताते हैं, “हम किसानों की सरकार से मांग है कि किसानों की कर्जमाफी करे, पूरी फसल की खरीदारी करे, फसल बीमा में सुधार करे, किसानों की आय को डेढ़ गुना करने के साथ आय सुनिश्चित करे। हमारी मांग है कि कृषि विभाग, भावान्तर और सहकारी बैंक में किसानों के लिए नीतिगत सुधार हो।“ आगे कहा, “आज हम सरकार से गुहार लगा रहे हैं, अगर हमारी मांगें नहीं मानी गई तो कल सरकार को किसानों के सामने गुहार लगानी होगी।“
#गाँव_बंद #किसान_छुट्टिया
— Kedar Sirohi (@KedarSirohi) April 21, 2018
we will be on holiday from1st june to 10 june
all financial transaction will be stop pic.twitter.com/VKod8Bb5sQ
सिरोही बताते हैं, “हम लगातार किसानों को जोड़ रहे हैं और उनको प्रेरित कर रहे हैं। अगले सप्ताह एक बार फिर टिवटर पर हम किसान एकजुट होकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाएंगे। सरकार ने हमारी मांगे नहीं मानी तो हम 1 जून से लेकर 10 जून तक गांव बंद का आह्वान करेंगे यानि 1 जून से किसान बाहर से आर्थिक रूप से लेन-देन करना बंद कर देंगे और सिर्फ वस्तु विनिमय कर लेनदेन करेंगे। यानि 1 जून से 10 जून तक देश भर के किसान छुट्टी पर जा रहे हैं। और इसके बाद भी सरकार ने किसानों की मांगों पर कदम नहीं उठाए तो हम किसान वोट देना बंद कर देंगे।“
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