किसान क्रांति यात्रा को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं, गौरव टिकैत बोले- किसान आतंकवादी नहीं
Ranvijay Singh 1 Oct 2018 7:10 AM GMT
गाजियाबाद। हरिद्वार से चली किसान क्रांति यात्रा में शामिल हजारों किसान गाजियाबाद पहुंच गए हैं। इस बीच पदयात्रा को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं मिली है। मंगलवार यानि 2 अक्टूबर किसानों को दिल्ली में दाखिल होना था, लेकिन दिल्ली पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी है। हालांकि, भारतीय किसान यूनियन के उपाध्यक्ष गौरव टिकैत का कहना है, "हमने अनुमति मांगी ही नहीं। किसान पैदल दिल्ली जा रहा है, उन्हें कौन रोक पाएगा।"
गौरव टिकैत का कहना है, ''किसान कोई आतंकवादी तो है नहीं। सरकार के पास गोली है, बंदूक है, टैंक है, हम क्या कर सकते हैं। ये तो तानाशाही है। क्या किसान दिल्ली नहीं आ सकता? किसानों के 10 साल पुराने ट्रैक्टर बंद कर दिए, उसे लेकर वो दिल्ली जा रहा है। हम आज गाजियाबाद में हैं। कल दिल्ली में दाखिल होंगे।''
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वहीं, दिल्ली पुलिस के पीआरओ मधु वर्मा का कहना है, ''सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ट्रैक्टर ट्राली दिल्ली में वर्जित हैं। दूसरी वजह यह है कि 2 अक्टूबर का दिन है तो इस रूट पर काफी प रहती है इस वजह से अनुमति नहीं है।'' जब मधु वर्मा से पूछा गया कि गौरव टिकैत कह रहे हैं कि उनकी ओर से अनुमति नहीं मांगी गई। इस पर मधु वर्मा कहते हैं, ''चलिए अच्छा है नहीं मांगी तो, बिना मांगे ही रिजेक्ट हो गई।''
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बता दें, भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले हजारों किसान अपनी समस्याओं को लेकर दिल्ली कूच कर रहे हैं। हरिद्वार से चली ये पदयात्रा अब दिल्ली के बॉर्डर के पास पहुंच गई है। इस यात्रा में भारी संख्या में ट्रैक्टर भी मौजूद हैं। किसान यूनियन के मुताबिक, करीब 1 हजार ट्रैक्टर यात्रा में शामिल हैं। गौरव टिकैत कहते हैं, ''किसान अपने ट्रैक्टर दिल्ली में ही छोड़ आएगा। या तो ये कानून बदल दें या रख लें हमारे ट्रैक्टर।''
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राशन साथ लेकर चल रहे किसान
यात्रा में शामिल किसान अपने साथ राशन लेकर चल रहे हैं। किसानों को जब दिल्ली में प्रवेश की अनुमति न मिलने की जानकारी हुई तो ज्यादातर का कहना था कि हम दिल्ली में दाखिल होकर रहेंगे। वहीं, कई किसान कह रहे थे कि हमारे पास खाने पीने से लेकर जरूरत का हर सामान है। अगर दिल्ली के बाहर भी पड़ाव लगाना पड़ा तो हम लगा देंगे। साफ है कि किसान आर पार की लड़ाई का मन बनाए हुए है, ऐसे में प्रशासन के लिए कल दिक्क्तें बढ़ सकती हैं।
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किसानों की मांगें
- किसानों की न्यूनतम आमदनी सुनिश्चित की जाए
- लघु एवं सीमांत किसानों को 60 वर्ष की आयु के बाद 5 हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाए
- दिल्ली-एनसीआर में एनजीटी की 10 साल से पुराने डीजल वाहनों के संचालन पर लगाई गई पाबंदी को हटाया जाए
- सरकार देश में पर्याप्त मात्रा में पैदावार होने वाली फसलों का आयात बंद करे
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