एक तरफ 35,000 किसान, दूसरी तरफ महाराष्ट्र सरकार, क्या बातचीत से बनेगी बात?
Kushal Mishra 12 March 2018 12:56 PM GMT

पिछले छह दिनों से नासिक से 180 किलोमीटर की पैदल मार्च करते हुए महाराष्ट्र के 35,000 किसान सोमवार को मुंबई के आजाद मैदान में पहुंच रहे हैं। अब ये किसान दोपहर में एक साथ विधानसभा का घेराव करेंगे। वहीं, इतनी बड़ी संख्या में किसानों के महामोर्चा के सामने महाराष्ट्र सरकार में हलचल बढ़ गई है।
महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार की ओर से एक कमेटी बनाई गई है, जो किसानों की मांगों पर विचार करेगी। मगर अब यह देखना होगा कि एक तरफ 35,000 किसान और दूसरी तरफ महाराष्ट्र सरकार का प्रतिनिधिमंडल, ऐसी स्थिति में क्या अब इन नाराज किसानों से सरकार की बातचीत से बात बन सकेगी?
किसानों की मांगों पर विचार के लिए फडणवीस सरकार की ओर से बनाई गई इस कमेटी में छह मंत्री शामिल हैं। इनमें गिरीश महाजन, विष्णु सवारा, एकनाथ शिंदे, सुभाष देशमुख, पांडुरंग फुडकर और चंद्रकांत पाटिल हैं। किसानों की इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने कमेटी के प्रमुख मंत्री गिरीश महाजन को किसानों से बातचीत के लिए भेजा था, तब गिरीश महाजन ने किसानों को आश्वासन दिया था कि सरकार उनकी मांगों को लेकर सकरात्मक दृष्टिकोण अपनाए है।
Heavy security in south #Mumbai; #Police say they won’t let #farmers march from Azad Maidan. #Farmerslongmarch #FarmersMarchToMumbai https://t.co/fFlnE7th9w pic.twitter.com/G8vU9FNW57
— HTMumbai (@HTMumbai) March 12, 2018
इस मुलाकात के बाद एक बयान में गिरीश महाजन ने कहा, “हमने किसानों से बातचीत की है और किसानों के प्रमुख और कार्यकारिणी सदस्य सोमवार को मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे, मुझे पूरी उम्मीद है कि किसानों की मांगों को लेकर एक सकारात्मक हल निकलेगा।“
दूसरी ओर आजाद मैदान में हजारों की संख्या में एकत्र हो रहे इन किसानों को राजनीतिक पार्टियों का समर्थन भी मिल चुका है। कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना समेत कई पार्टियों ने किसानों की मांगों समेत इस पैदल मार्च का समर्थन किया है। शिवसेना की ओर से एकनाथ शिंदे और आदित्य ठाकरे किसानों के लिए सामने आए। दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी किसान के समर्थन में बयान दिया है कि यह सिर्फ महाराष्ट्र के किसानों का मुद्दा नहीं है, बल्कि पूरे देश के किसानों का मुद्दा है।
इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हम किसानों से बात करेंगे और उनके मुद्दों को सुलझाएंगे। महाराष्ट्र के किसानों की मांगों को लेकर हमारी सरकार पूरी तरह से सकारात्मक है।“
When #KisanLongMarch passed Vikhroli, Service road. pic.twitter.com/T53yAkjuOd
— AIKS (@KisanSabha) March 11, 2018
किसानों की पूर्ण कर्जमाफी और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करने की प्रमुख मांगों के साथ किसानों की मांग है कि कपास फसल में कीट लगने से हुए भारी नुकसान के साथ ओलावृष्टि से नुकसान पर सरकार हर एकड़ पर किसान को 40,000 रुपए मुआवजा दें। इसके अलावा किसानों के बिजली बिल माफ किए जाएं।
वहीं ऑल इंडिया किसान सभा के अध्यक्ष डॉ. अशोक धवले ने कहा, “सरकार ने किसानों का 34,000 करोड़ कर्जमाफ करने का वादा किया था, यह वादा पिछले साल किया था, मगर बीते सात महीनों में अब तक 10 प्रतिशत किसानों का कर्ज माफ नहीं किया जा सका है।“
Original plan of the #KisanLongMarch was to camp in Sion tonight and march to Vidhan Sabha tomorrow morning. But there are 10th board exams starting tomorrow and the Farmers are worried about inconveniencing the students. So, they are going to march tonight itself to Azad Maidan. pic.twitter.com/KGEFWc8ses
— CPI (M) (@cpimspeak) March 11, 2018
वहीं किसान सभा के महासचिव अजीत नावले ने ‘गांव कनेक्शन’ से फोन पर बातचीत में बताया, “महाराष्ट्र सरकार ने सिर्फ किसानों के साथ विश्वासघात किया है। किसानों के नाम पर सिर्फ सरकार ने योजनाओं की घोषणा की गई, यही कारण है कि किसानों के सामने ऐसी नौबत आ चुकी है।“ उन्होंने आगे कहा, ”अब महाराष्ट्र के किसान एकजुट होकर महाराष्ट्र विधानसभा घेरेंगे और सरकार के खिलाफ आवाज उठाएंगे।“
महाराष्ट्र सरकार ने नहीं पूरा किया वादा
Azad Maidan. Mumbai. 8.40 am. The first group of protesting farmers have arrived. They feed us. We owe them. They protect us. We must protect their families. That's how India always was. That's how we must stay. Diverse but united. pic.twitter.com/e3rkylFvys
— Bittu Sahgal (@BittuSahgal) March 12, 2018
पिछले साल महाराष्ट्र की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किसानों के लिए 34,000 करोड़ रुपए का किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी, मगर पिछले सात महीनों में 13,700 करोड़ का ही कर्ज माफ किया गया। मीडिया रिपोटर्स की मानें तो महाराष्ट्र के किसानों पर कुल 1 लाख 12 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। यही कारण है कि जून 2017 से अब तक महाराष्ट्र के 1753 किसान कर्ज के बोझ में खुशकुशी कर चुके हैं।
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