भारत छोड़ो आंदोलन की 76 वीं वर्षगांठ पर मनाया जाएगा किसान मुक्ति दिवस

मध्यप्रदेश में किसान संगठनों का एक तबका प्रदेश सरकार से नाराज है। इसके साथ-साथ किसान भी सरकार से नाराज चल रहे हैं।

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भारत छोड़ो आंदोलन की 76 वीं वर्षगांठ पर मनाया जाएगा किसान मुक्ति दिवसआर-पार की लड़ाई के लिए जागृत करने के इरादे से किसान मुक्ति यात्रा निकाली गई थी। फाइल फोटो : गांव कनेक्शन

लखनऊ। मध्यप्रदेश में किसान संगठनों का एक तबका प्रदेश सरकार से नाराज है। इसके साथ-साथ किसान भी सरकार से नाराज चल रहे हैं। 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की 76 वीं वर्षगांठ के अवसर पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय के आह्वान पर किसान मुक्ति दिवस मनाने का निर्णय लिया है।

मंदसौर कांड की बरसी: किसानों की दुर्दशा, 6 किसानों की मौत और अब आंदोलनों का दौर

किसान संघर्ष समिति की कार्यकारिणी की बैठक मंगलवार को कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष टनटी चौधरी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में 9 अगस्त 2018 को भारत छोड़ो आंदोलन की 76वीं वर्षगांठ के अवसर पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय के आह्वान पर किसान मुक्ति दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। बैठक में सभी ने एक स्वर में केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा किसानों से किये गए वायदों को पूरा करने की जगह किसानों के साथ विश्वासघात करने, किसानों को फसलों का वाजिब दाम नहीं देने, मंदसौर कांड के दोषियों को बचाने के विरोध में भाजपा सरकार का को सत्ता से हटाने की बात कही । किसानों ने कहा 5 साल पहले 5000 रुपये क्विंटल सोयाबीन बिक रही थी लेकिन आज किसान को 3000 रुपये का रेट भी नहीं मिल रहा है। 1425 रुपये क्विंटल का मक्का 600 रुपये क्विंटल बिका है। सरकार ने भावांतर और फसल बीमा के नाम पर किसानों को ठगने का काम किया है। पूर्व विधायक डा. सुनीलम ने कहा, बेतुल जिले में किसान संघर्ष समिति के कम से कम एक लाख समर्थक हैं जो चाहते हैं कि किसान संघर्ष समिति चुनाव में हस्तक्षेप करे। हम लोग आगामी चुनाव में भाजपा को देश भर में हराने का निर्णय लिया है।"

तो क्या चुनावी मुद्दा और राजनीति का केंद्र बनेंगे किसान ?

मंदसौर जिले की पिपलिया मंडी थाना इलाके में आंदोलन हिंसक हो गया था। पुलिस की गोली में 5 किसानों की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि एक किसान ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इस घटना के बाद पूरे देश में किसान संगठनों ने भारी विरोध जताया था। शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में उपवास कर घटना पर दुख जताया था और जांच के लिए जेके जैन आयोग का गठन हुआ था। मृतक किसानों के परिजन पिछले एक वर्ष से लगातार पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग कर रहे थे। पिछले दिनों जैन आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें पुलिस और जिला प्रशासन को क्लीन चिट दी गई है।

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