जानिए 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले का खुलासा करने वाले विनोद राय के बारे में

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जानिए 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले का खुलासा करने वाले विनोद राय के बारे में

जानिए कौन है विनोद राय।

देश के सबसे बड़े 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के मामलों में सुबूत के लिए सात साल तक इंतजार करने के बाद आखिरकार विशेष अदालत ने सभी 44 आरोपियों को आज बरी कर दिया। 2जी केस में सभी 17 आरोपियों को बरी किए जाने के बाद कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने उनपर आरोप लगाते हुए माफी मांगने को भी कहा। उनका कहना है कि विनोद राय ने फर्जी रिपोर्ट के आधार पर 2जी केस को आगे बढ़ाया।

यूपीए सरकार के दौरान चर्चा में आए इस घोटाले को उजागर करने के पीछे विनोद राय का नाम सामने आता है। विनोद राय 7 जनवरी 2008 से लेकर 22 मई 2013 तक भारत के सीएजी (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसी दौरान 2जी मामला सामने आया था। इसके अलावा विनोद राय यूपीए सरकार के कोयला घोटाले को भी सामने लेकर आए थे। जिस वजह से जब भी इनमें से किसी घोटालों की चर्चा हुई विनोद राय का नाम सामने आता रहा।

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23 मई, 1948 को विनोद राय का जन्म हुआ। वो दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज से अर्थशास्त्र से एमए हैं इसके बाद उन्होंने हॉर्वड यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। विनोद राय 1972 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने थ्रिसूर जिले में सब-कलेक्टर के तौर पर अपना करियर शुरू किया था। बाद में वो कलेक्टर बने और थ्रिसूर जिले में 8 साल बिताए। इसके बाद वो 1977 से 1980 के बीच केरल राज्य को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन के एमडी भी रहे। बाद के दिनों में उन्हें केरल राज्य का मुख्य सचिव (वित्त) नियुक्त किया गया। इसके बाद वो कई अहम पदों पर रहे। विनोद राय ने not just an accountant नाम की एक किताब भी लिखी है।

जब प्रधानमन्त्री कार्यालय के राज्य मन्त्री वी० नारायणसामी ने सार्वजनिक रूप से मीडिया के सामने यह बयान दिया कि सीएजी को सरकारी स्कीमों में हो रहे स्कैमों पर अपनी टिप्पणी देने का कोई अधिकार ही नहीं है, इससे भारत के नियन्त्रक एवं महालेखाकार की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगता है। तो विनोद राय को स्वयं अपने बचाव में कहना पड़ा कि सीएजी का यह मूलभूत और नैतिक दायित्व है कि वह सरकार के कामकाज में दखल न देते हुए भी आर्थिक मामलों में पायी गयी अनियमितताएँ उसे बताये ताकि संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों की रक्षा की जा सके और सरकार पर नियन्त्रण बना रहे। यदि ऐसा नहीं किया गया तो यह देश की जनता के साथ विश्वासघात होगा।

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सीएजी के अध्यक्ष पद से रिटायर होने के बाद विनोद राय को उनके अनुभवों को देखते हुए BCCI का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया। फरवरी 2016 में विनोद राय को बैंक बोर्ड ब्यूरो का चेयरमैन भी बनाया गया। ये संस्था पब्लिक सेक्टर्स के बैंकों में सीनियर पोजिशन पर नियुक्तियों को लेकर सरकार को अपनी राय देती है।

2016 में मिला पद्म भूषण अवॉर्ड

विनोद राय भारत के 11वें नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) के अध्यक्ष पद पर रहे। फरवरी 2016 में विनोद राय को बैंक बोर्ड ब्यूरो का चेयरमैन बनाया गया। ये पब्लिक सेक्टर्स के बैंकों में उच्च स्तर पर नियुक्तियों को लेकर सरकार को अपनी सलाह देते हैं। विनोद राय को मार्च 2016 में पद्म भूषण अवॉर्ड से नवाजा गया।

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