जानिए क्या है ऑस्टियोपैथी, जिसमें बिना दवा अंगूठे से दर्द होता है गायब
ऑस्टियोपैथी में न तो महंगे टेस्ट हैं, न दवाइयां और न ही किसी भी प्रकार की शल्य क्रिया, ऑस्टियोपैथी चिकित्सा विधि से इलाज करने वाले केवल 3 डॉक्टर ही हमारे देश भारत में हैं
Moinuddin Chishty 7 May 2019 6:19 AM GMT

ऑस्टियोपैथी मनुष्य के अस्थि-पंजर के जोड़-तोड़ मिलाकर रोग मुक्त करने की एक विधि है। इसके चिकित्सक परीक्षण से अस्थियों के स्थान का वास्तविक ज्ञान अंगुलियों से टटोलकर, रीढ़ व नाड़ी दाबकर स्थितियों का पता लगा कर चिकित्सा करते हैं।
ऑस्टियोपैथी चिकित्सा भारत में बिल्कुल नया कॉन्सेप्ट है और भारत में इस औषधिहीन चिकित्सा प्रणाली द्वारा चिकित्सा की व्यवस्था पहले पहल आरोग्य मंदिर में की गई। आज इसकी विधिवत तालीम लेने के लिए जर्मनी, इंग्लैण्ड और अमेरिका तक जाना पड़ता है। ऑस्टियोपैथी चिकित्सा विधि से इलाज करने वाले केवल 3 डॉक्टर ही हमारे देश भारत में हैं, डॉक्टर गोवर्धनलाल पाराशर सबसे लोकप्रिय और भरोसेमंद हैं।
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राजस्थान के जोधपुर निवासी डॉ पाराशर से इलाज करवाने वालों में अमिताभ बच्चन, सलमान खान, सचिन तेंदुलकर, प्रियंका चौपड़ा, मिथुन चक्रवर्ती, रजनीकांत, अशोक गहलोत, सोनिया गांधी, नरेन्द्र मोदी, अनुपम खेर, प्रतिभा पाटिल, कोकिला बेन अम्बानी, जॉर्ज बुश, बराक ओबामा, वसुंधरा राजे, धर्मेन्द्र, सनी देओल, ऋतिक रोशन, शिवाजी साटम, मीनाक्षी शेषाद्रि जैसे लोग शामिल हैं।
डॉ. पाराशर बताते हैं, "ऑस्टियोपैथी रोगी को बिना दवा खिलाए चिकित्सा किए जाने की एक विश्वसनीय सिद्धस्त और पीढ़ियों पुरानी विधि है। जीवनभर पीड़ा से ग्रस्त रहने के बाद जो लोग अल्प समय में इस विधि से रोग मुक्त हुए हैं, वे मानते हैं कि यह एक चमत्कारिक विधि है।"
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क्या है इलाज का तरीका
-ऑस्टियोपैथी एक अनुभवजनित और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है, जो हमें फिर से प्रकृति के पास ले जाती है और सक्रिय व ऊर्जावान बनाती है। इसमें न तो महंगे टेस्ट हैं, न दवाइयां और न ही किसी भी प्रकार की शल्य क्रिया।
- शरीर की संरचना के संतुलन का इस पद्धति में देह के संतुलन बिन्दु को प्राप्त कर उसे दर्दरहित व क्रियाशील बनाया जाता है। हर विकार का उपचार शरीर के पास ही होता है। आवश्यकता इस बात की होती है कि एक संवेदनशील चिकित्सा पद्धति से उसे प्राप्त किया जाए।
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डॉ. पाराशर बताते हैं ," बिना किसी टेस्ट या तकनीक की सहायता के मैं पीड़ित के शरीर को अपनी अंगुलियों व अंगूठे के जरिए पढ़ता हूं, व्याधि तक पहुंचता हूं और एक विशेष प्रकार के तेल की सहायता से अपनी निदानिक प्रक्रियाओं की शुरुआत करता हूं। कोई मरीज अगर इच्छानुसार सीटी स्कैन या एमआरआई करवाता है तो वह दंग रह जाता है कि जो विश्लेषण आधुनिक चिकित्सा पद्धति के महंगे यंत्र का है, वही उसके बिना कैसे संभव हो सका? यहां तो सारा कमाल शास्त्र और अनुभव का है, जो मुझे विरासत में अपने पिता स्वर्गीय सांवरलालजी पहलवान द्वारा मिला।"
कौन-कौन से रोग ऑस्टियोपैथी से सही किए जाते हैं?
-स्लिप डिस्क से लेकर सर्वाइकल स्पोन्डीलाइसिस, टिश्यू से लेकर हिप्स इन्फेक्शन तक की हजारों-हजार ऐसी बीमारियां हैं, जिनका उपचार इस विधि द्वारा सरलता, सहजता के साथ सुलभ है। थाइराइड, हार्मोनल इम्बैलेन्स, कैल्शियम डेफीशियन्सी, फ्रोजन सोल्डर, मसल्स प्रॉब्लम, ऑस्टियोपोरोसिस, आर्थराइटिस, सेरेब्रल पाल्सी, माइग्रेन, लेगामेन्ट टीयर्स, साइटिका, हाईट प्रोब्लम तक के इलाज बिना दवा के केवल मैनीप्यूलेशन क्रिया से किए जा सकते हैं। प्राचीन भारत की विधि अब पश्चिम के रास्ते होकर फिर से स्वदेश लौटी है और देशवासियों को तंदुरुस्ती की नियामत दे रही है।
(लेखक कृषि एवं पर्यावरण पत्रकार हैं )
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