जानें, नोटबंदी के बाद आखिर पुराने नोटों का रिजर्व बैंक ने किया क्या?

Karan Pal SinghKaran Pal Singh   8 Nov 2017 3:20 PM GMT

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जानें, नोटबंदी के बाद आखिर पुराने नोटों का रिजर्व बैंक ने किया क्या?रिजर्व बैंक ने चलन से बाहर पुराने नोटों की श्रेडिंग (नोटों का छोटे-छोटे टुकड़े करना) किया गया।

8 नवंबर 2017... ठीक एक साल पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने का फरमान सुनाया था। इसके बाद से देश भर के बैंकों, सरकारी संस्थानों और रेलवे स्टेशनों में बड़े पैमाने पर लोग पुराने नोट जमा कराएं। इस बीच आम लोगों के जेहन में अकसर यह सवाल आता है कि प्रचलन से बाहर हो चुके इन नोटों का सरकार ने किया क्या?

आरबीआई के मुताबिक वह इन नोटों को खत्म करने की तैयारी में जुटा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, "हम पूरी तरह से इन पुराने करेंसी नोटों की श्रेडिंग (नोटों का छोटे-छोटे टुकड़े करना) करने के लिए हर तरह से तैयार हैं।" उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "क्योंकि इन नोटों को रिसाइकल नहीं किया जा सकता है, इसलिए इन्हें श्रेड किया जाएगा और फिर इन्हें पिघलाकर कोयले की ईंटों को तैयार किया जाएगा। इसके बाद इन ईंटों को ठेकेदारों को दे दिया जाता है जो इनका इस्तेमाल सड़कों के गड्ढों जैसी लैंड फिलिंग के लिए करते हैं।"

पुराने नोटों को आरबीआई बनाएगी ईंट

आरबीआई अधिकारियों ने बताया है कि 22 अरब नोटों को कचरा ही समझा जाएगा। इसका मतलब है कि ये बस कागज के टुकड़े होंगे। इन्हें मशीन से काटकर ईंटों के आकार में बदल दिया जाएगा। आमतौर पर कागज से बनी ऐसी ईंटों का इस्तेमाल फैक्ट्रियों में किया जा सकता है, लेकिन पुराने नोटों के साथ ऐसा नहीं किया जाएगा। आरबीआई प्रवक्ता अल्पना किलावाला ने बताया, "ये ईंटें नोट के कागज से बनी होंगी। ये बहुत नाजुक होंगी और किसी काम नहीं आएंगी। लिहाजा इन्हें मिट्टी के नीचे दबा दिया जाएगा।"

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एवरेस्ट से 300 गुना ज्यादा ऊंचा होगा बंद हुए नोटों का ढेर

एक अनुमान के मुताबिक बैंकों में 22 अरब पुराने नोट जमा होंगे जो सिर्फ कचरा होगा। अगर इन नोटों का एक के ऊपर एक ढेर लगाया जाए तो उस ढेर की ऊंचाई एवरेस्ट से 300 गुना ज्यादा होगी। दरअसल 8 नवंबर 2016 से पहले भारत में 90 अरब नोट चलन में थे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक इनमें से 500 और 1000 रुपये के नोट 86 फीसदी थे।

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500-1000 के नोट किए गए थे भारत में बंद।

नोटबंदी के बाद 99 प्रतिशत वापस आए नोट

8 नवंबर 2016 को पीएम मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा किए जाने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने पुराने नोटों के सरकारी बैंकों में वापस आने से जुड़े आंकड़े बताए हैं। आरबीआई ने कहा है कि नोटबंदी के बाद 1000 रुपये और 500 रुपये के करीब 99 प्रतिशत नोट वापस आए हैं। आरबीआई ने बताया कि कुल 15 लाख 44 हजार करोड़ के पुराने नोट बंद हुए थे। इनमें से 15 लाख 28 हजार करोड़ की रकम बैंकों में लौटी है। नोटबंदी के बाद पुराने 1,000 रुपये के कुल 632.6 करोड़ नोटों में से 8.9 करोड़ नोट अब तक नहीं लौटे हैं।

2015-16 में आरबीआई ने नष्ट किए 16.4 अरब नोट

आरबीआई अधिकारियों का कहना है कि पुराने नोटों के इस ढेर से निपटना कोई बड़ी बात नहीं होगी। किलावाला ने बताया, "बैंक को इन नोटों को नष्ट करने में कोई मुश्किल नहीं होगी क्योंकि हमारे पास काफी मशीनें हैं।" 2015-16 में आरबीआई ने 16.4 अरब नोट नष्ट किए हैं।

चीन के बाद भारत में छपते हैं सबसे ज्यादा नोट

चीन के बाद भारत में सबसे ज्यादा नोट छपते हैं। ऐसा इसलिए भी है कि भारत में ज्यादातर काम कैश में ही होता है। अलग-अलग देशों में पुराने और चलन से बाहर हो चुके नोट नष्ट करने के लिए अलग अलग तरीके आजमाए जाते हैं।

विदेशों में प्रचलन से बाहर नोटों की बनती है खाद

दुनिया भर में केंद्रीय बैंक अलग-अलग तरीकों से प्रचलन से बाहर हुए नोटों का निपटान करते रहे हैं। इनमें से एक तरीका इन नोटों को जलाकर इमारतों को गर्म करने का काम भी किया जाता है। 1990 तक बैंक ऑफ इंग्लैंड की ओर से बैंकों के निपटान के लिए इसी तरीके को अपनाया जाता था। वर्ष 2000 के बाद से बैंक ऑफ इंग्लैंड ने प्रचलन से बाहर हुए नोटों की खाद तैयार करना शुरू कर दिया है। इसे खेतों में डाला जाता है, जिससे मिट्टी की उर्वरकता बढ़ती है।

2012 में हंगरी में नोटों से जले थे अलाव

अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व पुराने नोटों की श्रेडिंग कर इन्हें कलात्मक और वित्तीय इस्तेमाल के लिए सौंप देता है। 2012 में हंगरी के केंद्रीय बैंक ने प्रचलन से बाहर हुए नोटों को जला दिया था ताकि गरीब लोग सर्दी में आग सेंक सकें। इसके बाद इनकी ईंटें तैयार की गईं और फिर उन्हें मानवाधिकार संगठनों को सौंप दिया गया।

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