राजस्थान: नगर निगम सफाई के नाम पर बाहरी छात्रों से बना रही थी टैक्स लेने की योजना, विरोध के बाद फरमान रद्द

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राजस्थान: नगर निगम सफाई के नाम पर बाहरी छात्रों से बना रही थी टैक्स लेने की योजना, विरोध के बाद फरमान रद्दप्रतीकात्मक तस्वीर।

लखनऊ। राजस्थान के कोटा में नगर निगम ने एक अनोखा फरमान जारी किया है। जिसके बाद छात्रों का प्रदर्शन नगर निगम के खिलाफ शुरू हो गया। जानकारी के मुताबिक प्राइवेट एजुकेशन इंस्टीट्यूट से सफाई के नाम पर एक हजार रुपये प्रति छात्र के हिसाब से नगर निगम टैक्स वसूलने की तैयारी में था। इस नए टैक्स के जरिए नगर निगम को साल में तकरीबन 30 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई होती।

राजस्व समिति की सोमवार को हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन कोचिंग संस्थानों और शिक्षण संस्थानों में 250 से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं उनका निगम में पंजीयन कराना जरूरी होगा। जानकारी होने पर छात्रों ने इस नियम का विरोध किया जिसके बाद राजस्थान सरकार ने इस फैसले को वापस ले लिया।

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ये था मामला

20 नवंबर को हुई नगर निगम राज्य समिति की एक बैठक में छात्रों से टैक्स वसूलने का निर्णय लिया गया था। जहां नगर निगम शहर में सफाई के लिए पैसा जुटाने के लिए कोचिंग संस्थानों, प्राइवेट कॉलेज और स्कूलों पर नया टैक्स थोप रही थी। बैठक में कहा गया था कि नगर निगम कोचिंग संस्थानों के जरिए छात्रों से एंट्री टैक्स लेगी। जहां प्रत्येक छात्र को हर साल 1000 रुपये देने होंगे। बता दें, कोटा में हर साल लगभग सवा लाख बाहरी छात्र तैयारी करने आते हैं जिसमें से 80 हजार बिहार से आते हैं।

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कोचिंग सेंटर के मुताबिक छात्रों का कहना है कि जीएसटी की वजह से पहले से ही कोचिंग की फीस में 20 हजार तक की बढ़ोत्तरी हो गई है। वहीं कांग्रेस ने कोटा नगर निगम के इस फैसले का विरोध किया है।

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