लॉकडाउन : रेलवे लाइन के सहारे पैदल निकल पड़े हैं सैकड़ों मजदूर
Bheem kumar 29 March 2020 7:45 AM GMT
सोनभद्र (उत्तर प्रदेश)। लॉकडाउन के बाद देश भर से मजदूर अपने गाँव के लिए सैकड़ों किमी पैदल ही निकल पड़े हैं। मध्य प्रदेश के सिंगरौली से सैकड़ों की संख्या में मजदूर बिहार और झारखण्ड के लिए रेलवे लाइन के किनारे-किनारे चल दिए हैं।
मध्य प्रदेश के सिंगरौली में उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड से हज़ारों की संख्या में लोग काम की तलाश में आते हैं। देश में 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद इन मजदूरों के पास कुछ करने को ही नहीं बचा। सिंगरौली से निकल कर अभी तक इन्होंने 300 किमी से ज्यादा का सफर पैदल ही पार कर लिया है।
झारखंड के पलामू क्षेत्र के जपला निवासी ओमप्रकाश भी उन्हीं पैदल यात्रियों में से एक हैं जो अपने घर के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं। वो बताते हैं, "लॉकडाउन के चलते यातायात पूरी तरह ठप्प है वहीं ठेकेदार द्धारा काम बंद हो जाने की वजह से रोजी रोटी पर संकट खड़ा हो गया मजबूरी में हम सब मजदूर पैदल ही अपना सामान लेकर चल दिए हैं।"
पलायन
— GaonConnection (@GaonConnection) March 28, 2020
सिंगरौली (मध्य प्रदेश) से अपने घरों के लिए निकले बिहार और झारखण्ड के मजदूर रेलवे लाइन के सहारे सैकड़ों किलोमीटर का सफर करेंगे वीडियो- भीम कुमार सोनभद्र#lockdown #migrantworkers pic.twitter.com/LiG8FfGVNn
वहीं जपला निवासी जितेंद्र चंद्रवंशी ने बताया कि सारे काम-धंधे बंद है। चूल्हे नही जल रहे। मकान स्वामी निकाल दिया। ठेकेदारों द्वारा पैसे भी नही मिले इसलिए घर लौटने के सिवाए कोई चारा नही बचा है। इसलिए पैदल ही चल पड़े।
इन पैदल सफर कर रहे मजदूरों की मदद के लिए भी लोग आगे आ रहे हैं। नगर पंचायत दुद्धी चेयरमैन राजकुमार अग्रहरि व श्री रामकृष्ण मिशन संस्था के सदस्य राजेश्वर प्रसाद दुद्धी द्वारा पलायन कर रहे मजदूरों व स्थानीय क्षेत्रवासियों को अपने यहाँ बैठाकर सुबह शाम में खाना खिलाने के साथ साथ खाने पीने का सामान भी मुहैया करवा रहे है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि लॉकडाउन में अपने घरों के लिए पैदल निकल चुके मजदूरों और कामगारों के लिए स्कूल और धर्मशालालों में रुकने और खाने की व्यवस्था की जाए। सरकार के अलावा आसपास के लोग भी उनके खाने का इंतजाम करें, क्योंकि ये बड़ी लड़ाई है, जिसमें हम सबको मिलकर कर लड़ना है। ।
ये भी पढ़ें : पीएम मोदी ने कहा- मजदूरों के रहने-खाने का राज्य करें इंतजाम, स्कूलों को बनायें ठिकाना
More Stories