मुंबईवासियों के लिए खुशखबरी, अब अगले साल तक नहीं होगी पानी की कमी !

Mithilesh DharMithilesh Dhar   17 July 2017 2:14 PM GMT

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मुंबईवासियों के लिए खुशखबरी, अब अगले साल तक नहीं होगी पानी की कमी !महाराष्ट्र के कई जिलों में हर साल होती है पानी की भारी किल्लत।

लखनऊ। महाराष्ट्र में हर साल पानी की भारी किल्लत होती है। 2015 में तो पानी की सप्लाई में 20 प्रतिशत तक की कटौती हुई थी, लेकिन इस साल मुंबईवासियों को पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। महाराष्ट्र के कई हिस्सों में हो रही अच्छी बारिश के कारण जिन 7 झीलों से मुंबईवासियों को पानी की सप्लाई की जाती है, वे रविवार सुबह तक 66 फीसदी भर चुकी हैं। मोदक सागर पूरा भर गया है और यहां से पानी ओवरफ्लो हो रहा है। तानसा झील भी पूरी तरह भरने के कगार पर है।

तानसा में पानी आपूर्ति का कुल स्तर 128.6 मीटर है। रविवार सुबह इस झील में पानी पूरी तरह भरने से चंद मीटर ही कम था। यहां अभी भी बारिश हो रही है। मोदक सागर से रोजाना करीब 10 लाख 28 हजार लीटर पानी मुंबई को भेजा जाता है। शनिवार को ही यह पूरा भर गया था और पानी बाहर निकलने लगा। प्रशासन के मुताबिक, सभी 7 झीलों की कुल क्षमता करीब साढ़े 14 खरब लीटर है। अभी तक हुई बारिश के कारण झीलों में कुल क्षमता का 66 फीसद से ज्यादा पानी भर चुका है। पिछले साल इसी समय झीलों में पानी की कुल मात्रा कुल क्षमता का लगभग 48 फीसदी ही थी।

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इससे पहले 2015 में 16 जुलाई तक यहां केवल 19.6 फीसद पानी ही भर पाया था। उस साल काफी कम बारिश हुई थी। इसी वजह से मुंबई नगरपालिका को करीब एक साल तक पानी की सप्लाइ में 20 प्रतिशत तक की कटौती करनी पड़ी थी। जबकि बात अगर 2016 की जाए तो 26 सितंबर तक ये सात जलाशय 99 फीसद तक भर गए थे। सभी सात झीलों में बारिश के बाद 14,39,381 करोड़ लीटर पानी जमा था, जबकि इन झीलों की क्षमता 14,47,363 लाख लीटर स्टोर करने की है।

तुलसी और विहार में कम जलभंडारण

नासिक और पड़ोसी जिलों के पांच झील -मोदक सागर, तनसा, ऊपरी वैतरण, मध्य वैतरणा और भाटसा हैं। मुंबई में स्थित दो सबसे छोटे झील-तुलसी और विहार में कम वर्षा के कारण पिछले साल की तुलना में कम जल भंडार है। तुलसी और विहार में क्रमशः 8,046 मिलियन लीटर और 27,698 मिलियन लीटर की भंडारण क्षमता है। रविवार सुबह तक उन्हें 4,433 मिलियन लीटर और 12,336 मिलियन लीटर पानी का स्टॉक मिला। जबकि, पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान उनमें क्रमशः 7,739 मिलियन लीटर और 13,589 मिलियन लीटर जलभंडार थे।

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मुंबई को हर दिन 30 लाख 750 लीटर पानी की जरूरत

नगरपालिका प्रशासन हर सुबह झील में मौजूद पानी के स्तर की जांच करता है। अधिकारियों ने बताया कि मुंबई शहर को हर दिन 30 लाख 750 लीटर पानी की आपूर्ति की जाती है। ऐसे में झीलों के अंदर सितंबर के अंत तक की खपत के लिए पर्याप्त पानी है। इसके बाद बीएमसी आगे की अपनी रणनीति तय करेगा। पानी की उपलब्धता के हिसाब से शहर को की जाने वाली पानी की सप्लाई पर फैसला लिया जाएगा। अगर सितंबर के अंत तक झीलें पूरी तरह भर जाती हैं, तो मुंबई शहर को अगले साल जून तक पानी की कोई कमी नहीं होगी। जिन 7 झीलों पर मुंबई शहर को पानी सप्लाइ करने की जिम्मेदारी है, उनमें से 5 नासिक और उसके आसपास के जिलों में हैं। बाकी दो झीलें मुंबई में हैं और इनमें पानी की मात्रा पिछले साल की तुलना में कम है।

2015 में हुई थी भारी किल्लत

महाराष्ट्र में 2015 में लोगों को पानी की भारी किल्लत झेलनी पड़ी थी। बीएमसी ने तब कर्मिशियल इलाकों में 50 प्रतिशत और अन्य इलाकों में 20 प्रतिशत तक कटौती की थी। सितंबर तक मुंबई की झीलों में सिर्फ 9.62 लाख लीटर ही पानी बचा था। जो 2014 के मुकाबले 28 फीसदी तक कम था। शॉपिंग मॉल्स, फाइव स्टार होटल्स, क्लब्स, सिनेमाघरों में 50 फीसदी तक पानी की कटौती की गई थी। बीएमसी की स्टैंडिंग कमेटी ने तो शहर की सभी निर्माणाधीन इमारतों को पानी सप्लाई पर पाबंदी लगाने की मांग तक कर दी थी।

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