सुप्रीम कोर्ट ने 8 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर कड़ी फटकार लगाई है, जिसमें आठ लोग मारे गए थे।
कल, शीर्ष अदालत ने राज्य को जांच पर एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था, जिसमें आरोपियों और गिरफ्तारियों के बारे में जानकारी दी गई थी। बीती देर शाम उत्तर प्रदेश पुलिस ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को आज 8 अक्टूबर को सुबह 10 बजे पुलिस के सामने पेश होने का नोटिस जारी किया।
हालांकि आशीष मिश्रा पेश नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि आरोपी नेपाल भाग गया है।
शीर्ष अदालत की सुनवाई में आज भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमना की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि वह राज्य सरकार की कार्यवाही से संतुष्ट नहीं है। “जब 302 [हत्या] का गंभीर आरोप है, तो आरोपी के साथ कैसा व्यवहार किया जाएगा? जैसे नोटिस भेज रहा हूं प्लीज आओ हमें बताओ?” सीजेआई ने आज राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे से पूछा।
Salve: No. the case is extremely serious.
CJI: if its serious, then they way it should’ve proceeded it has not proceeded is what we feel. It appears its only in words & not in actions.
J Kohli: Proof of the pudding is in the eating#LakhimpurKheriViolence #SupremeCourt
— Live Law (@LiveLawIndia) October 8, 2021
“उसके साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा हम अन्य मामलों में अन्य व्यक्तियों के साथ करते हैं। ऐसा नहीं है कि हमने नोटिस भेजा है, कृपया आएं आदि। हम उम्मीद करते हैं कि जिम्मेदार सरकार और पुलिस काम करेगी। हम क्या संदेश दे रहे हैं। सामान्य परिस्थितियों में 302 केस दर्ज होने पर पुलिस क्या करेगी? जाओ और आरोपी को गिरफ्तार करो!” बेंच ने कहा।
राज्य की ओर से पेश हुए वकील साल्वे ने कहा, “आगे की घटनाएं हुई हैं, जिस युवक के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं। हमने उसे नोटिस दिया है। उसे कल [9 अक्टूबर] सुबह 11 बजे आना है। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं, तो कानून की सख्ती उनके खिलाफ होगी।” अधिवक्ता ने पीठ को आश्वासन दिया कि आज और कल के बीच जो भी कमी रही है उसे भर दिया जाएगा।
हालांकि, पीठ ने कहा कि वह संतुष्ट नहीं है। “हमने वरिष्ठ अधिवक्ता साल्वे को सुना है, उन्होंने राज्य द्वारा दायर किए गए कदमों के बारे में बताया और स्थिति रिपोर्ट भी दर्ज की गई थी। हालांकि हम राज्य द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं हैं।”
चीफ जस्टिस ने उस खबर पर नाराजगी जताई जिसमें कहा गया है कि चीफ जस्टिस लखनऊ में पीड़ित से मिलने गए थे। चीफ जस्टिस ने कहा कि ये खुद समझना चाहिए कि ये कैसे हो सकता है…मै कोर्ट में हूं। बेंच ने कहा कि यूपी सरकार ने जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है लेकिन हम राज्य सरकार के उठाए गए कदम से संतुष्ट नहीं है। हम छुट्टियों बाद तुरंत 20 अक्टूबर को सुनवाई करेंगे।